यूक्रेन संघर्ष पर ऑस्ट्रिया में बोले पीएम मोदी- 'यह युद्ध का समय नहीं है'
पीेएम मोदी ने ऑस्ट्रियाई चांसलर कार्ल नेहमर के साथ यूक्रेन संघर्ष और पश्चिम एशिया की स्थिति सहित दुनिया में चल रहे विवादों पर विस्तार से चर्चा की और इस बात पर जोर दिया कि यह युद्ध का समय नहीं है.
PM Modi Austria Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि उन्होंने ऑस्ट्रियाई चांसलर कार्ल नेहमर के साथ सार्थक चर्चा की. इस दौरान उन्होंने यूक्रेन संघर्ष और पश्चिम एशिया की स्थिति सहित दुनिया में चल रहे विवादों पर विस्तार से चर्चा की और इस बात पर जोर दिया कि यह युद्ध का समय नहीं है.
मंगलवार रात रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के बाद मास्को से यहां पहुंचे मोदी ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रिया ने आपसी सहयोग को और मजबूत करने के लिए नई संभावनाओं की पहचान की है औऱ आगामी दशक के लिए सहयोग का खाका तैयार किया है. बता दें कि मोदी दो दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे हैं. यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की 40 साल से अधिक समय में पहली यात्रा है.
मोदी ने बातचीत के बाद चांसलर नेहमर के साथ संयुक्त मीडिया से बातचीत में कहा कि आज चांसलर नेहमर और मेरे बीच बहुत ही सार्थक चर्चा हुई. हमने अपने आपसी सहयोग को और मजबूत करने के लिए नई संभावनाओं की पहचान की है. हमने अपने संबंधों को रणनीतिक दिशा देने का फैसला किया है. आने वाले दशक के लिए सहयोग का खाका तैयार किया गया है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि चांसलर नेहामर और मैंने दुनिया भर में चल रहे संघर्षों के बारे में विस्तार से बात की है. चाहे वह यूक्रेन का संघर्ष हो या पश्चिम एशिया की स्थिति. मैंने पहले भी कहा है कि यह युद्ध का समय नहीं है. मोदी ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि समस्याओं का समाधान युद्ध के मैदान में नहीं खोजा जा सकता है. उन्होंने कहा कि भारत और ऑस्ट्रिया बातचीत और कूटनीति पर जोर देते हैं और इसके लिए वे कोई भी आवश्यक सहायता देने के लिए तैयार हैं.
मोदी ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रिया दोनों ही आतंकवाद की कड़ी निंदा करते हैं और इस बात पर सहमत हैं कि यह किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है. इसे किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता है. उन्हें खुशी है कि उन्हें अपने तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही ऑस्ट्रिया जाने का मौका मिला है. मेरी यह यात्रा ऐतिहासिक और खास दोनों है. 41 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने ऑस्ट्रिया का दौरा नहीं किया है. लोकतंत्र और कानून के शासन जैसे मूल्यों में साझा विश्वास भारत-ऑस्ट्रिया संबंधों की मजबूत नींव है. पारस्परिक विश्वास और साझा हित हमारे संबंधों को मजबूत करते हैं. मोदी ने कहा कि हम संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में सुधार करने पर सहमत हैं, ताकि उन्हें समसामयिक और प्रभावी बनाया जा सके.