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इमिग्रेशन छापों के खिलाफ लॉस एंजिलिस में शुरू प्रदर्शन अमेरिका के कई शहरों में फैल चुके हैं

विरोध प्रदर्शन के बीच लॉस एंजिलिस में आंशिक कर्फ्यू, रातभर कर्फ्यू की घोषणा

लॉस एंजिलिस में इमिग्रेशन छापों के विरोध में शुरू हुआ प्रदर्शन अब अमेरिका के विभिन्न शहरों में फैल गया है। सिएटल, शिकागो और वॉशिंगटन डी.सी. में प्रदर्शनकारियों ने बड़े प्रोटेस्ट किए।


लॉस एंजिलिस की मेयर करेन बैस ने मंगलवार रात (भारतीय समयानुसार बुधवार सुबह) को डाउनटाउन इलाके में रात्रिकालीन कर्फ्यू की घोषणा की। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले कई दिनों से हो रहे उपद्रव और तोड़फोड़ के चलते यह निर्णय लिया गया।

मेयर बैस ने कहा, “मैंने एक स्थानीय आपातकाल घोषित किया है और डाउनटाउन लॉस एंजिलिस के लिए कर्फ्यू लगाया है ताकि लूटपाट और तोड़फोड़ को रोका जा सके।” मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह कर्फ्यू कई दिनों तक जारी रह सकता है।

प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि

यह विरोध इमिग्रेशन छापों के खिलाफ लॉस एंजिलिस में शुरू हुआ था, जिसके बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नेशनल गार्ड और यूएस मरीन तैनात करने का आदेश दिया। अब ये प्रदर्शन सिएटल, ऑस्टिन, शिकागो, न्यूयॉर्क, सैन फ्रांसिस्को और सांता एना सहित कई शहरों में फैल चुके हैं। यह छापेमारी ट्रंप की निर्वासन नीति का हिस्सा है।

कुछ प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे, जबकि कई जगहों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें भी हुईं, जिसमें गिरफ्तारियां और आंसू गैस का प्रयोग हुआ।

कैलिफ़ोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसम ने ट्रंप की आलोचना की। गवर्नर न्यूसम ने कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप लॉस एंजिलिस में सैन्य जाल बिछा रहे हैं।”

उन्होंने ट्रंप के उस आदेश की आलोचना की जिसमें लगभग 5,000 नेशनल गार्ड जवानों और 700 मरीनों को एलए भेजा गया है। ये अब केवल संघीय इमारतों की सुरक्षा ही नहीं बल्कि गिरफ्तारी में आव्रजन एजेंसियों की मदद भी कर रहे हैं।

न्यूसम ने दावा किया कि ट्रंप के छापों में अब केवल अपराधियों को ही नहीं, बल्कि रसोइयों, माली, दिहाड़ी मजदूरों और दर्जियों तक को हिरासत में लिया जा रहा है।

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