RSS पर राहुल गांधी क्यों साध रहे हैं निशाना, सियासी गणित कहीं गड़बड़ा ना जाए
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RSS पर राहुल गांधी क्यों साध रहे हैं निशाना, सियासी गणित कहीं गड़बड़ा ना जाए

अमेरिकी धरती पर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आरएसएस पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि संघ का विचार एक दूसरे को कमतर आंकना है जो भारत की पहचान नहीं है।


Rahul Gandhi USA Visit: सियासी दुनिया में नेता एक दूसरे दल पर टीका टिप्पणी ना करें तो उनकी सियासत की दुकान कैसे चलेगी। लेकिन अगर कोई राजनीतिक शख्सियत किसी गैर राजनीतिक दल पर निशाना साधे तो उसे समझना जरूरी है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ खुद को गैर राजनीतिक संगठन बताता है, लेकिन राजनीतिक झुकाव बीजेपी की तरफ है लिहाजा राजनीति में ना होते हुए भी सियासी हमलों के केंद्र में होता है। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पहले डलास के यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सॉस में आरएसएस की विचारधार पर हमला बोला तो अब वर्जिनिया में भी तीखे हमले किए। वर्जिनिया में पहले क्या कहा उसे पहले जानते हैं।

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, "आरएसएस कहता है कि कुछ राज्य अन्य राज्यों से हीन हैं। कुछ भाषाएं अन्य भाषाओं से हीन हैं, कुछ धर्म अन्य धर्मों से हीन हैं और कुछ समुदाय अन्य समुदायों से हीन हैं... हर राज्य का अपना इतिहास, परंपरा है...आरएसएस की विचारधारा तमिल, मराठी, बंगाली, मणिपुरी है, ये हीन भाषाएं हैं... इसी बात को लेकर लड़ाई है...ये लोग (आरएसएस) भारत को नहीं समझते...


लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी कहते हैं, "...बीजेपी को यह समझ में नहीं आता कि यह देश सबका है...भारत एक संघ है. संविधान में साफ लिखा है...भारत यानी भारत एक संघ राज्य है, इतिहास, परंपरा, संगीत और नृत्य...वे (बीजेपी) कहते हैं कि यह संघ नहीं है, यह अलग है..."

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी कहते हैं, "चुनाव से तीन महीने पहले हमारे सारे बैंक खाते सील कर दिए गए थे...हम इस पर चर्चा कर रहे थे कि अब क्या करें...मैंने कहा 'देखेगी', देखते हैं हम क्या कर सकते हैं...और हम चुनाव में उतर गए..."

चुनाव के बाद कुछ बदल गया है. कुछ लोगों ने कहा 'डर नहीं लगेगा अब, डर निकल गया अब'...मेरे लिए यह दिलचस्प है कि बीजेपी और पीएम मोदी ने इतना डर ​​फैलाया और छोटे कारोबारियों पर एजेंसियों का दबाव, सब कुछ सेकंड में गायब हो गया. उन्हें यह डर फैलाने में वर्षों लग गए और वे कुछ ही सेकंड में गायब हो गए... संसद में, मैं प्रधानमंत्री को सामने देखता हूं और मैं आपको बता सकता हूं कि श्री मोदी का विचार, 56 इंच का सीना, ईश्वर से सीधा संबंध, यह सब अब खत्म हो गया है, यह सब अब इतिहास है..."

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