
हमारे सौरमंडल से गुजर रहा दुर्लभ धूमकेतु 3I/ATLAS, जानिए इसकी खासियत
3I/ATLAS की खोज खगोलशास्त्र की दुनिया में एक ऐतिहासिक घटना है। यह न केवल ब्रह्मांड के सबसे पुराने हिस्सों से आया एक दूत हो सकता है, बल्कि भविष्य में अंतरिक्ष अध्ययन और संभावित जीवन की खोज की दिशा को भी बदल सकता है।
2 जुलाई 2025 को रात 9:31 यूटी (3 जुलाई 2025 को तड़के 3:01 IST) पर जारी हुए माइनर प्लैनेट इलेक्ट्रॉनिक सर्कुलर (M.P.E.C. 2025-N12) ने पूरी दुनिया के खगोलविदों को चौंका दिया। इस रिपोर्ट में बताया गया कि ATLAS (Asteroid Terrestrial-impact Last Alert System) नामक वैश्विक दूरबीन नेटवर्क ने एक रहस्यमयी वस्तु को अंतरिक्ष में खोजा है, जो संभवतः हमारे सौरमंडल से बाहर से आया है।
ATLAS प्रणाली का काम पृथ्वी के पास के खतरनाक क्षुद्रग्रहों और धूमकेतुओं पर नजर रखना है। लेकिन इस बार जो वस्तु सामने आई, वह न केवल असामान्य गति से चल रही है, बल्कि उसका पथ भी बेहद विचित्र और हाइपरबोलिक (Hyperbolic) है — ऐसा पथ जो किसी वस्तु के केवल गुजरने का संकेत देता है, न कि सौरमंडल में स्थायी रूप से बने रहने का।
तीसरा इंटरस्टेलर
खगोलविदों ने इस वस्तु को 3I/ATLAS या C/2025 N1 (ATLAS) नाम दिया है। यह मानव इतिहास में अब तक देखा गया केवल तीसरा इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट है। इससे पहले 1I/Oumuamua (2017), 2I/Borisov (2019) का पता लगाया गया था। इस रहस्यमयी वस्तु को शुरू में 21 मई 2025 को Weizmann Astrophysical Observatory द्वारा देखा गया था, लेकिन तब इसकी पहचान नहीं हो पाई थी। बाद में जब 2 जुलाई को ATLAS टेलीस्कोप ने इसे देखा, तब 319 से अधिक अवलोकनों के विश्लेषण के बाद इसकी गति और कक्षा की पुष्टि की गई।
प्रमुख संकेत
असाधारण गति
खोज के समय यह धूमकेतु 2,21,000 किमी/घंटा (61 किमी/सेकंड) की गति से चल रहा था — जो सूर्य के गुरुत्व बल से कहीं अधिक है, यानी यह वस्तु सौरमंडल से बंधी नहीं है।
हाइपरबोलिक कक्षा
इस ऑब्जेक्ट की कक्षा पूर्ण रूप से हाइपरबोलिक है, जो दर्शाता है कि यह केवल हमारे सौरमंडल से होकर गुजर रहा है।
रासायनिक संरचना
प्रारंभिक स्पेक्ट्रोस्कोपिक अध्ययन में संकेत मिला कि इस वस्तु में हाइड्रोजन और हीलियम के अलावा अन्य तत्वों की कमी है — यह इसे ब्रह्मांड के प्रारंभिक तारों की उत्पत्ति से जोड़ता है, जो हमारे सूर्य से भी पुराने हैं।
धूल, बर्फ और प्लाज़्मा की पुष्टि
हाल के दिनों में NASA के हबल स्पेस टेलीस्कोप और जेमिनी साउथ टेलीस्कोप (चिली) द्वारा प्राप्त चित्रों में इस धूमकेतु के चारों ओर धूल की पतली परत (coma) और हल्की पूंछ देखी गई है। इससे यह स्पष्ट होता है कि यह वस्तु वाष्पशील पदार्थों की उपस्थिति के साथ एक विशिष्ट धूमकेतु ही है, न कि कोई कृत्रिम यान। NASA और ESA की रिपोर्टों के अनुसार, इसमें जल-बर्फ, कार्बन यौगिक, ऑर्गेनिक पदार्थ और सिलिकेट्स पाए गए हैं।
'एलियन यान' की अटकलें और खंडन
शुरुआती अवलोकनों में पूंछ और धूल की अनुपस्थिति के चलते प्रसिद्ध हार्वर्ड खगोलविद अवी लोएब ने इसे संभावित एलियन स्पेसक्राफ्ट बताया था। हालांकि, बाद में की गई विस्तृत जांच में इसकी प्राकृतिक धूमकेतु संरचना की पुष्टि हो गई।
आगामी अंतरिक्ष सफर और पृथ्वी से दूरी
2 अक्टूबर 2025: यह मंगल ग्रह के पास से गुजरेगा (-~30 मिलियन किमी)
29-30 अक्टूबर 2025: सूर्य के सबसे करीब (-~210 मिलियन किमी)
19 दिसंबर 2025: पृथ्वी से निकटतम बिंदु (-~270 मिलियन किमी) — कोई खतरा नहीं
16 मार्च 2026: बृहस्पति के पास अंतिम बार (-~53.5 मिलियन किमी) से गुजरेगा और फिर हमेशा के लिए सौरमंडल से बाहर चला जाएगा।
अंतरिक्ष यान भेजने की योजना
ESA और NASA दोनों इस दुर्लभ मौके का लाभ उठाने के लिए मौजूदा मिशनों को मोड़ने की योजना बना रहे हैं:
⦁ ESA’s JUICE मिशन (बृहस्पति की ओर)
⦁ NASA’s Psyche मिशन
⦁ NASA’s Juno स्पेसक्राफ्ट— बृहस्पति की परिक्रमा कर रहा है
⦁ मार्स ऑर्बिटर्स — Mars Reconnaissance Orbiter और Mars Odyssey
हालांकि, विशेषज्ञ मानते हैं कि ऑर्बिटल डाइनेमिक्स के कारण यह योजना तकनीकी रूप से बेहद चुनौतीपूर्ण है।
भविष्य की तैयारी: कॉमेट इंटरसेप्टर मिशन
ESA ने इस तरह की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए Comet Interceptor नामक मिशन की योजना बनाई है, जो Sun-Earth L2 पॉइंट पर स्थित रहेगा और भविष्य के इंटरस्टेलर विज़िटर्स पर नजर रखेगा।
ATLAS प्रणाली की भूमिका और शुरुआती चेतावनी
ATLAS (Asteroid Terrestrial-impact Last Alert System) ने इस वस्तु को 1 जुलाई 2025 को सबसे पहले चिली की दूरबीन से देखा। इसके बाद 2 जुलाई को आधिकारिक चेतावनी जारी की गई।
ATLAS प्रणाली में पांच टेलीस्कोप शामिल हैं: हवाई द्वीपों पर दो (Mauna Loa, Haleakala), दक्षिण अफ्रीका, चिली और स्पेन (Tenerife)।
अब तक की सबसे बड़ी इंटरस्टेलर वस्तु?
हबल द्वारा 21 जुलाई को लिए गए चित्रों से संकेत मिला कि इस धूमकेतु का व्यास 320 मीटर से लेकर 5.6 किलोमीटर तक हो सकता है — जो अब तक देखी गई इंटरस्टेलर वस्तुओं में सबसे बड़ी मानी जा रही है। आगामी महीनों में James Webb Space Telescope द्वारा और अधिक सटीक माप लिए जाएंगे।