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बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा के पीछे कौन? क्या आम चुनाव टालने की है तैयारी?

Bangladesh crisis: इन घटनाओं के बीच बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।


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Bangladesh वायलेंस: बांग्लादेश इस समय गंभीर राजनीतिक और सामाजिक संकट से गुजर रहा है। देश में लगातार हिंसा की घटनाएं हो रही हैं। युवा नेताओं पर हमले हो रहे हैं, आगजनी की जा रही है और अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बनाया जा रहा है। इसके साथ ही भारत के खिलाफ नफरत फैलाने की कोशिशें भी दिख रही हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि शेख हसीना के विरोधी नेताओं पर हमले कौन कर रहा है और क्या इसके पीछे चुनाव टालने की कोई बड़ी साजिश है?

उस्मान हादी की हत्या से फैला तनाव

हाल ही में युवा नेता उस्मान हादी की हत्या के बाद पूरे देश में हालात बिगड़ गए। ढाका समेत कई शहरों में हिंसा, आगजनी और बड़े विरोध प्रदर्शन हुए। इस दौरान हिंदू समुदाय को फिर से निशाना बनाया गया। एक हिंदू मजदूर की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई, जिससे हालात और तनावपूर्ण हो गए। बीते शनिवार को उस्मान हादी का अंतिम संस्कार हुआ, जिसमें भारी भीड़ जुटी। इस दौरान भारत विरोधी नारे भी लगाए गए। इससे माहौल और ज्यादा भड़क गया।

एक और युवा नेता पर जानलेवा हमला

उस्मान हादी की हत्या के कुछ ही घंटों बाद नसोमवार को नेशनल सिटिजन्स पार्टी (NCP) के नेता मोहम्मद मोतालेब सिकदर पर भी जानलेवा हमला हुआ। यह हमला खुलना शहर में दोपहर करीब 12:15 बजे हुआ। हमलावर उनके घर में घुसे और सिर पर गोली चला दी। सिकदर गंभीर रूप से घायल हैं और उन्हें खुलना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस के अनुसार गोली दिमाग तक नहीं पहुंची, इसलिए उनकी जान बच गई, लेकिन हालत अब भी नाजुक है। वे एनसीपी की श्रमिक इकाई “जातीय श्रमिक शक्ति” के केंद्रीय आयोजक थे और जल्द ही एक बड़ी रैली की तैयारी कर रहे थे।

हसीना विरोधी नेता क्यों बन रहे हैं निशाना?

एनसीपी बांग्लादेश की एक नई राजनीतिक पार्टी है, जिसे छात्र आंदोलन से उभरे नेता नाहिद इस्लाम ने बनाया है। यह पार्टी आने वाले आम चुनावों में करीब 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है और तेजी से मजबूत हो रही है।

ध्यान देने वाली बात यह है कि उस्मान हादी और मोतालेब सिकदर दोनों ही शेख हसीना के खुले विरोधी थे। इसलिए अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या इन हमलों का मकसद जानबूझकर माहौल खराब करना और चुनावी प्रक्रिया को रोकना है?

भारत पर आरोप

उस्मान हादी की हत्या के बाद सोशल मीडिया और कुछ समूहों द्वारा यह दावा किया गया कि इसके पीछे भारत का हाथ है। हालांकि बांग्लादेश पुलिस ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। पुलिस के अनुसार, हत्या के मुख्य आरोपी फैसल करीम मसूद के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। जांच में सामने आया है कि वह बांग्लादेश में ही छिपा हो सकता है।

आरोपी के खातों से बड़ा आर्थिक खुलासा

ढाका पुलिस और CID की जांच में बड़े आर्थिक लेनदेन का खुलासा हुआ है। फैसल करीम मसूद के खातों से 67 लाख टका जब्त किए गए हैं। इसके अलावा करीब 127 करोड़ टका के लेनदेन के सबूत मिले हैं। CID ने लगभग 200 करोड़ टका की बिना नकद की गई ट्रांजेक्शन से जुड़ी चेकबुक भी बरामद की हैं। इससे यह साफ होता है कि हत्या के पीछे कोई बड़ा और संगठित नेटवर्क हो सकता है।

शेख हसीना के गंभीर आरोप

इन घटनाओं के बीच बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि यूनुस सरकार कट्टरपंथी ताकतों को संरक्षण दे रही है। हसीना के मुताबिक, इन ताकतों ने भारतीय दूतावास, मीडिया संस्थानों और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सजायाफ्ता आतंकियों को रिहा किया गया है, जो पूरे दक्षिण एशिया के लिए खतरा बन सकते हैं।

चुनाव टालने की साजिश है?

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अगर हालात इसी तरह खराब होते रहे तो चुनाव टालने का बहाना बनाया जा सकता है। इससे सबसे ज्यादा फायदा अंतरिम सरकार और मोहम्मद यूनुस को होगा।

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