
पनामा में शशि थरूर के बयान से कांग्रेस में घमासान, मोदी सरकार की तारीफ पर मचा बवाल
शशि थरूर के बयानों ने जहां अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की आतंकवाद विरोधी नीति को मजबूती दी है। वहीं, कांग्रेस में उनके रुख को लेकर तीखी बहस छिड़ गई है। अब देखना यह होगा कि पार्टी इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर एक बार फिर अपने बयानों को लेकर विवादों में हैं। इस बार वजह बनी है पनामा में भारतीय समुदाय के साथ एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की बैठक, जिसमें थरूर ने आतंकवाद पर भारत की नीति और मोदी सरकार की कार्रवाइयों की खुलकर सराहना की।
थरूर ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत द्वारा की गई सैन्य कार्रवाइयों को आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक कदम बताया। उन्होंने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत का जवाब देना ज़रूरी था। जिन महिलाओं के सामने उनके पतियों को मारा गया, उनके आंसू सुनकर भारत ने निर्णय लिया कि उनके सिंदूर का रंग अब आतंकियों के खून से मेल खाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया कि ऑपरेशन सिंदूर इसलिए ज़रूरी था। क्योंकि आतंकियों ने 26 महिलाओं की मांग का सिंदूर छीन लिया।
पाकिस्तान पर तीखा हमला
थरूर ने पाकिस्तान को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि 26/11 मुंबई हमलों से लेकर हालिया घटनाओं तक पाकिस्तान ने एक भी दोषी को सजा नहीं दी। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों की एजेंसियों के पास भी सबूत थे। लेकिन पाकिस्तान ने अब तक कोई कार्यवाही नहीं की। यह एक 'आतंक समर्थक नीति' का हिस्सा है।
कांग्रेस नेतृत्व को थरूर की ये टिप्पणियां नागवार गुज़री हैं। पार्टी ने उनके बयानों से दूरी बना ली है। कांग्रेस नेता उदित राज ने X पर तीखा हमला करते हुए लिखा कि थरूर अब बीजेपी के सुपर प्रवक्ता बन चुके हैं। जो बातें बीजेपी नहीं कहती, वह थरूर कह रहे हैं। उदित राज ने आगे लिखा कि क्या थरूर को पता नहीं कि 1965 और 1971 में भारत ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर जवाब दिया था? यूपीए सरकार में भी सर्जिकल स्ट्राइक हुए। लेकिन उन्हें राजनीतिक रूप से भुनाया नहीं गया।
गौरतलब है कि अमेरिकी दौरे के लिए थरूर को सरकार ने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सौंपा, जबकि कांग्रेस की ओर से प्रारंभिक सूची में उनका नाम नहीं था। इससे पार्टी नेतृत्व पहले से ही असहज था। थरूर के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल पहले गुयाना गया, जहां उन्होंने उपराष्ट्रपति भरत जगदेव से मुलाकात कर आतंकवाद पर भारत के रुख को साझा किया। इसके बाद यह टीम पनामा सिटी पहुंची। प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस, बीजेपी और अन्य दलों के सांसद शामिल हैं, जैसे कि तेजस्वी सूर्या, मिलिंद देवड़ा, भुवनेश्वर कलीता, तरनजीत सिंह संधू आदि। भारत सरकार ने आतंकवाद के मुद्दे को वैश्विक मंच पर उठाने के लिए सात अंतरराष्ट्रीय टीमों का गठन किया है, जिनमें यह प्रतिनिधिमंडल भी शामिल है।