
पुतिन की भारत यात्रा के एजेंडे में S-400 और Su-57 शामिल
रूस का कहना है कि पुतिन के भारत दौरे में S-400 और Su-57 मुख्य विषय होंगे, जिसमें क्रेमलिन ने रक्षा, परमाणु ऊर्जा और आतंकवाद सहयोग पर बातचीत को प्रमुखता दी।
Putin's India Tour : रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की 4–5 दिसंबर को प्रस्तावित भारत यात्रा से पहले मॉस्को ने संकेत दिया है कि इस दौरे में रक्षा और परमाणु ऊर्जा सहयोग से जुड़े कई बड़े प्रस्ताव चर्चा में रहेंगे। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि भारत को अतिरिक्त S-400 मिसाइल सिस्टम और Su-57 पांचवी पीढ़ी के स्टील्थ लड़ाकू विमान की बिक्री एजेंडे में शामिल है।
पेस्कोव ने स्पष्ट रूप से कहा, “यह मुद्दा एजेंडा में काफी ऊपर है… रूसी हथियार आज भी भारतीय सेना के 36% हिस्से का आधार हैं और हम चाहते हैं कि यह साझेदारी आगे भी बढ़े।”
Su-57 पर बड़ा बयान - “दुनिया का सर्वश्रेष्ठ फाइटर, भारत को पेशकश तैयार”
ANI से उद्धृत बयान में पेस्कोव ने कहा कि रूस भारत के साथ Su-57 फाइटर जेट पर बातचीत करेगा।
उनके शब्दों में: “SU-57 दुनिया का सर्वश्रेष्ठ विमान है… यह भी चर्चा में रहेगा।”
दुबई एयर शो 2025 में भी रूस की सरकारी हथियार निर्यात एजेंसी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट ने भारत को Su-57 की फैक्ट्री-मेड यूनिट्स पेश करने और बाद में उत्पादन प्रक्रिया का चरणबद्ध हिस्सा भारत में शिफ्ट करने की योजना का संकेत दिया था।
ब्रह्मोस साझेदारी की तारीफ - “सिर्फ हथियार नहीं, हाई-टेक ट्रांसफर का मॉडल”
पेस्कोव ने भारत-रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित ब्रह्मोस मिसाइल का उदाहरण देते हुए कहा कि दोनों देशों का रक्षा सहयोग केवल बिक्री तक सीमित नहीं, बल्कि हाई-टेक के आदान-प्रदान पर आधारित है।
उन्होंने कहा कि “हम जटिल और एडवांस्ड सिस्टम विकसित कर रहे हैं और भारत के साथ टेक्नोलॉजी शेयर करने को तैयार हैं। यह साझेदारी भविष्य को मजबूत बनाती है।”
रोसोबोरोनएक्सपोर्ट ने भारत के साथ फिफ्थ-जेनरेशन तकनीक—AI, AESA रडार, लो-सिग्नेचर टेक्नोलॉजी, इंजन, ऑप्टिक्स आदि—तक पहुंच देने की पेशकश भी की है। साथ ही Su-57 का दो-सीटर वर्ज़न भारत के साथ मिलकर विकसित करने में भी रुचि जताई गई है।
परमाणु ऊर्जा समझौते की भी संभावना - “छोटे, लचीले रिएक्टर पर पेशकश तैयार”
पेस्कोव ने यह भी खुलासा किया कि पुतिन की यात्रा के दौरान भारत-रूस के बीच परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में नए समझौते की संभावना है।
उन्होंने कहा कि रूस छोटे और लचीले रिएक्टरों की तकनीक भारत को देने के लिए तैयार है।
उन्होंने याद दिलाया कि रूस पहले से ही कुडनकुलम परमाणु संयंत्र में भारत का प्रमुख साझेदार रहा है और अब इस परियोजना को आगे बढ़ाने की उम्मीद है।
दिल्ली ब्लास्ट पर रूस की प्रतिक्रिया - “भारत दर्द समझता है, हम भी”
दिल्ली धमाके की निंदा करते हुए पेस्कोव ने कहा कि “आतंकवाद से मुकाबले का एकमात्र तरीका अंतरराष्ट्रीय सहयोग है… भारत और रूस दोनों इस पीड़ा को समझते हैं।”
अमेरिकी टैरिफ के दबाव पर रूस की टिप्पणी- “भारत स्वयं संप्रभु निर्णय लेता है”
अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफों पर रूस ने कहा कि वह इस विवाद में दखल नहीं देगा, हालांकि वह समझता है कि भारत पर दबाव बढ़ा है।
पेस्कोव ने कहा कि “हमें ऐसी साझेदारी चाहिए जिस पर किसी तीसरे देश का प्रभाव न हो… भारत अपने राष्ट्रीय हितों के अनुसार संप्रभु निर्णय लेता है और हम उसकी इस क्षमता की प्रशंसा करते हैं।”
संपूर्ण तस्वीर
पुतिन की यात्रा से पहले रूस ने साफ संकेत दिए हैं कि भारत-रूस रक्षा साझेदारी अब S-400, Su-57, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, ब्रह्मोस विस्तार और न्यूक्लियर सहयोग जैसे बड़े क्षेत्रों तक फैलने वाली है।
साथ ही मॉस्को यह भी दिखा रहा है कि वह भारत की सामरिक स्वायत्तता का सम्मान करते हुए साझेदारी को “तीसरे देशों के प्रभाव” से मुक्त रखना चाहता है।
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