
कनाडा की खामोशी पर उठे सवाल, खालिस्तानी गतिविधियां बेखौफ
भारत-कनाडा रिश्तों की बहाली के बीच SFJ ने वैंकूवर में भारतीय दूतावास घेराव की धमकी दी। नए उच्चायुक्त पर निशाना साधा, रिश्तों में तनाव फिर बढ़ा।
भारत और कनाडा के बीच हाल ही में राजनयिक संबंधों की बहाली के बाद, अमेरिका-आधारित खालिस्तानी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) ने एक बार फिर विवाद खड़ा कर दिया है। इस अलगाववादी संगठन ने धमकी दी है कि वह गुरुवार, 18 सितंबर को वैंकूवर स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास का घेराव करेगा।
SFJ ने अपने पोस्टर अभियान में भारत के नए उच्चायुक्त दिनिश पटनायक की तस्वीर पर निशाने का चिन्ह लगाकर प्रसारित किया है। संगठन ने भारतीयों और इंडो-कनाडाई नागरिकों से अपील की है कि वे उस दिन दूतावास के परिसर से दूर रहें।संगठन का दावा है कि यह घेराव कनाडा में “भारतीय जासूसी और डराने-धमकाने की गतिविधियों” के खिलाफ जवाबदेही की मांग के लिए किया जाएगा।
कनाडा की रिपोर्ट और खालिस्तानी गतिविधियाँ
कुछ दिन पहले ही कनाडाई सरकार की एक रिपोर्ट में स्वीकार किया गया था कि देश में खालिस्तानी आतंकवादी समूह सक्रिय हैं। इसके बावजूद इन गतिविधियों पर अंकुश लगाने की ठोस कार्रवाई न होने से भारत लगातार असंतोष जताता रहा है।
भारत-कनाडा संबंधों का हालिया मोड़
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के बीच जून में हुए जी7 शिखर सम्मेलन (कनाडा) के दौरान समझौते के बाद, दोनों देशों ने अपने नए उच्चायुक्तों की नियुक्ति की थी। इस कदम को रिश्तों में सुधार का संकेत माना जा रहा था।
2023 से बिगड़े रिश्ते
भारत-कनाडा संबंधों में खटास 2023 से गहराई थी। उस समय के कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि उनके पास विश्वसनीय सबूत हैं कि भारतीय एजेंट ब्रिटिश कोलंबिया के सरे (Surrey) शहर में खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल थे। निज्जर, जिसे भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आतंकी घोषित किया था—की 18 जून 2023 को एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
भारत ने ट्रूडो के आरोपों को बेतुका और राजनीतिक रूप से प्रेरित करार देते हुए खारिज कर दिया था। साथ ही कनाडा पर आरोप लगाया कि उसने चरमपंथी और भारत विरोधी गतिविधियों को रोकने के बजाय उन्हें फलने-फूलने दिया।