डीसी में आतंक की आहट, ट्रंप ने हमले को बताया ‘आतंकी वारदात’
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डीसी में आतंक की आहट, ट्रंप ने हमले को बताया ‘आतंकी वारदात’

व्हाइट हाउस के पास नेशनल गार्ड के दो जवानों पर गोलीबारी से अमेरिका दहल गया। ट्रंप ने इसे आतंकी हमला बताया और दावा किया कि संदिग्ध अफगान नागरिक है, जो बाइडन दौर में आया था।


वॉशिंगटन डीसी में व्हाइट हाउस से कुछ ही दूरी पर नेशनल गार्ड के दो जवानों पर हुई गोलीबारी ने पूरे अमेरिका को हिला दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस घटना को सीधे-सीधे आतंकी हमला करार दिया है। ट्रंप ने अपने संबोधन में कहा कि यह “घिनौना, नफरत से भरा और आतंक फैलाने वाला कृत्य” था।

ट्रंप का दावा: हमलावर अफगानिस्तान से आया विदेशी नागरिक

ट्रंप ने देर रात वीडियो संदेश में बताया कि होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट (DHS) को भरोसा है कि गिरफ्तार किया गया संदिग्ध अफगानिस्तान से आया विदेशी नागरिक है। उन्होंने कहा कि यह व्यक्ति “पॉइंट-ब्लैंक रेंज” से नेशनल गार्ड के जवानों पर गोली चलाने का आरोपी है।

ट्रंप ने कहा सबसे बेहतर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, संदिग्ध अफगानिस्तान जैसे ‘धरती के नर्क’ से आया विदेशी है। इसके साथ ही ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया कि यह संदिग्ध सितंबर 2021 में बाइडन प्रशासन के दौरान अमेरिका लाया गया था।

बाइडन प्रशासन पर सीधा हमला

ट्रंप ने कहा कि अब समय आ गया है कि बाइडन प्रशासन के तहत अफगानिस्तान से आए हर व्यक्ति की फिर से जांच की जाए। उन्होंने जोर दिया कि ऐसे सभी विदेशी जो देश के लिए “फायदेमंद नहीं” हैं, उन्हें हटाने के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए। इस बयान के बाद इस मुद्दे ने राजनीतिक रूप से और तूल पकड़ लिया है।

अमेरिकी गृह मंत्री क्रिस्टी नोएम भी उतरीं मैदान में

अमेरिकी गृह मंत्री क्रिस्टी नोएम ने भी ट्रंप के सुर में सुर मिलाते हुए बाइडन प्रशासन की इमिग्रेशन पॉलिसी पर सवाल उठाए। नोएम ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि हमारे नेशनल गार्ड्समैन पर गोली चलाने वाला संदिग्ध एक अफ़गान नागरिक है, जो 8 सितंबर 2021 को ‘ऑपरेशन अलाइज वेलकम के तहत बिना पूरी जांच के अमेरिका आया था। मैं इस व्यक्ति का नाम नहीं लूंगी क्योंकि वह उस सम्मान का पात्र नहीं है जिसकी उसे लालसा है।”

घटना की भयावहता ने बढ़ाई चिंता

ट्रंप ने अपने संदेश में कहा कि यह हमला थैंक्सगिविंग से ठीक एक दिन पहले, व्हाइट हाउस के पास, ड्यूटी पर तैनात दो नेशनल गार्ड सैनिकों पर किया गया। उन्होंने इसे एक “भयानक, घात लगाकर किया गया हमला” बताया, जिसने सुरक्षा व्यवस्था और प्रवासन नीति दोनों पर नया विवाद खड़ा कर दिया है।

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