भूकंप ने तिब्बत में मचाई भारी तबाही, 95 लोगों की मौत, इमारतों को बड़े पैमाने पर नुकसान
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भूकंप ने तिब्बत में मचाई भारी तबाही, 95 लोगों की मौत, इमारतों को बड़े पैमाने पर नुकसान

earthquakes: मंगलवार सुबह तिब्बत-नेपाल सीमा के पास 7.1 तीव्रता का भूकंप आने से कम से कम 95 लोगों की मौत हो गई.


Tibet Nepal earthquakes: नेपाल की सीमा से सटे तिब्बत के पहाड़ी क्षेत्र में मंगलवार सुबह एक घंटे के अंदर आए 6 लगातार भूकंप आए. इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.1 थी. बताया जा रहा है कि भूकंप ने तिब्बत के शिगात्से शहर में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है. कई इमारतों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है और शिजांग स्वायत्त क्षेत्र (तिब्बत के शिगात्से शहर) के डिंगरी काउंटी में 95 लोगों की मौत हुई है. वहीं, 100 घायल बताए जा रहे हैं. हताहत होने वालों की संख्या में इजाफा होने की आशंका है.

चीन की सरकारी मीडिया ने एएफपी के हवाले से बताया कि मंगलवार सुबह तिब्बत-नेपाल सीमा के पास 7.1 तीव्रता का भूकंप आने से कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई और कई इमारतें ढह गईं. यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) के मुताबिक, भूकंप सुबह 6.35 बजे आया और इसका केंद्र तिब्बत क्षेत्र में था. जो नेपाल के लोबुचे से लगभग 93 किलोमीटर उत्तर पूर्व में है.

10 किलोमीटर की गहराई पर केंद्रित भूकंप से बिहार और उत्तर भारत के कई हिस्सों में भी झटके महसूस किए गए. नेपाल में खुंबू ग्लेशियर के पास स्थित लोबुचे, काठमांडू से लगभग 150 किलोमीटर पूर्व में स्थित है और एवरेस्ट बेस कैंप के करीब है.

चीनी सरकारी प्रसारक सीसीटीवी के मुताबिक, चीन की भूकंप निगरानी एजेंसी ने भूकंप की तीव्रता 6.8 दर्ज की भारतीय समयानुसार सुबह 7:02 बजे 4.7 तीव्रता का एक भूकंप दर्ज किया गया, जिसका केंद्र अक्षांश 28.60 डिग्री उत्तर और देशांतर 87.68 डिग्री पूर्व में, 10 किलोमीटर की गहराई पर था. भारतीय समयानुसार सुबह 7:07 बजे 4.9 तीव्रता का एक और भूकंप आया. जिसका केंद्र अक्षांश 28.68 डिग्री उत्तर और देशांतर 87.54 डिग्री पूर्व में, 30 किलोमीटर की गहराई पर था.

विशेषज्ञों के अनुसार, नेपाल भूकंप के प्रति संवेदनशील है. क्योंकि यह भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्र में है, जिससे भूकंप अपरिहार्य हो जाते हैं. नेपाल में पिछली बार इतना शक्तिशाली भूकंप 25 अप्रैल 2015 को आया था. जब 7.8 तीव्रता के भूकंप में लगभग 9,000 लोग मारे गए थे. जो नेपाल के इतिहास में सबसे खराब था.

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