दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ लागू: राष्ट्रपति यूं सुक येओल ने किया एलान
साउथ कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक येओल ने मार्शल लॉ लागू करने के पीछे तर्क दिया है कि ये फैसला उत्तर कोरिया समर्थित कम्युनिस्ट ताकतों से देश को बचाने और राज्य विरोधी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए लिया गया है.
South Korea : दक्षिण कोरिया में बिगड़ते आन्तरिक माहौल को देखते हुए राष्ट्रपति यूं सुक येओल ने मंगलवार को देश में मार्शल लॉ लागू करने की घोषणा कर दी है। दावा किया जा रहा है कि ये फैसला उत्तर कोरिया समर्थित कम्युनिस्ट ताकतों से देश को बचाने और राज्य विरोधी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए लिया गया है। इस घोषणा ने न केवल देश के अंदर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हलचल मचा दी है।
क्यों लिया गया यह निर्णय?
राष्ट्रपति यूं ने अपने बयान में कहा, "देश में बढ़ रही उत्तर कोरिया समर्थक गतिविधियां राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन रही हैं। संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।" उन्होंने कहा कि यह फैसला देश को अंदरूनी और बाहरी खतरों से बचाने के लिए जरूरी था।
Martial law declared in South Korea due to opposition which is allegedly sympathizing with North Korea. pic.twitter.com/NXpoMCQwBj
— News Arena India (@NewsArenaIndia) December 3, 2024
मार्शल लॉ के तहत संभावित कदम
हालांकि, राष्ट्रपति यूं ने अभी ये स्पष्ट नहीं किया है कि मार्शल लॉ के तहत कौन-कौन से नियम लागू होंगे। लेकिन आमतौर पर मार्शल लॉ के दौरान निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
नागरिक अधिकारों पर अस्थायी प्रतिबंध।
सैन्य प्रशासन के माध्यम से कानून-व्यवस्था बनाए रखना।
मीडिया पर सेंसरशिप और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की निगरानी।
सार्वजनिक सभाओं और विरोध-प्रदर्शनों पर प्रतिबंध।
देश के भीतर और बाहर प्रतिक्रियाएं
राष्ट्रपति के इस कदम पर विपक्षी दलों और मानवाधिकार संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। विपक्षी नेताओं ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया और मांग की कि सरकार स्थिति को संभालने के लिए वैकल्पिक कदम उठाए।
दक्षिण कोरिया में मानवाधिकार संगठन "सिविल लिबर्टीज फाउंडेशन" ने कहा कि यह फैसला लोकतांत्रिक अधिकारों को दबाने का प्रयास हो सकता है।
अंतरराष्ट्रीय पहलु
दक्षिण कोरिया के इस फैसले की चर्चा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी शुरू हो गयी हैं। अमेरिका और जापान जैसे सहयोगी देशों की नज़र इस पर बनी हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम उत्तर कोरिया के साथ तनाव को और बढ़ा सकता है।
रक्षा विशेषज्ञ प्रोफेसर किम जी ह्वान का कहना है, "मार्शल लॉ लागू करना असामान्य कदम है। यह दिखाता है कि सरकार आंतरिक सुरक्षा को लेकर गंभीर दबाव में है।"
क्या होगा मार्शल लॉ का भविष्य
दक्षिण कोरिया में अब इस बात पर चर्चा तेज हो गई है कि मार्शल लॉ कितने समय तक लागू रहेगा और इसके तहत कौन-कौन सी नई नीतियां लागू की जाएंगी। नागरिकों के बीच भय और असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
मार्शल लॉ के चलते आने वाले दिनों में देश की राजनीतिक स्थिति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। हालांकि सरकार की तरफ से ये स्पष्ट किया गया है कि यह कदम अस्थायी है और स्थिति सामान्य होते ही हटा लिया जाएगा।
Next Story