श्रीलंका: पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे गिरफ्तार, सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप
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श्रीलंका: पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे गिरफ्तार, सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप

रानिल विक्रमसिंघे की गिरफ्तारी श्रीलंका की राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम है. यह दिखाता है कि देश में अब भ्रष्टाचार को लेकर सख्त रवैया अपनाया जा रहा है, भले ही वह किसी पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ ही क्यों न हो.


Ranil Wickremesinghe: श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को शुक्रवार को आपराधिक जांच विभाग (CID) ने गिरफ्तार कर लिया. उन पर सरकारी पैसे के गलत इस्तेमाल का आरोप है. वह अपना बयान देने के लिए CID के सामने पेश हुए थे, जहां से उनकी गिरफ्तारी हुई.

क्या है मामला?

यह मामला 22 और 23 सितंबर 2023 को हुई एक निजी विदेश यात्रा से जुड़ा है. आरोप है कि विक्रमसिंघे ने दस लोगों के साथ ब्रिटेन की यात्रा की थी, जिसमें वह लंदन की एक यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए थे. हालांकि, यात्रा निजी थी. लेकिन इसमें करीब 1.7 करोड़ रुपये की सरकारी राशि खर्च की गई. इसी खर्च की जांच के सिलसिले में उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया था.

पहले किन लोगों से हुई पूछताछ?

इस मामले में CID पहले ही कई लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है, जिनमें शामिल पूर्व राष्ट्रपति सचिव समन एकनायके, पूर्व निजी सचिव सैंड्रा परेरा, जो विक्रमसिंघे के कार्यकाल में उनके साथ काम करती थीं।

कैसे हुई गिरफ्तारी?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मंगलवार को CID की ओर से विक्रमसिंघे को फोन किया गया था, जिसके बाद उन्होंने अपने वकीलों के जरिए बताया कि वे शुक्रवार को पूछताछ के लिए आएंगे. आज वे पूछताछ के लिए पहुंचे और बयान दर्ज कराने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. बताया जा रहा है कि उनका बयान अब अटॉर्नी जनरल (महान्यायवादी) के विभाग को भेजा जाएगा, जो आगे की कार्रवाई तय करेगा.

गिरफ्तारी की पहले से थी चर्चा

गुरुवार को ही ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि विक्रमसिंघे को शुक्रवार को गिरफ्तार किया जा सकता है. हालांकि, कुछ सूत्रों ने कहा था कि वे बयान दर्ज कराने के बाद अपने वकीलों के साथ CID दफ्तर से बाहर निकल सकते हैं. लेकिन शाम तक उनकी गिरफ्तारी की पुष्टि हो गई.

पृष्ठभूमि

श्रीलंका में हाल ही में राष्ट्रपति चुनाव हुए हैं, जिसमें वामपंथी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके ने जीत दर्ज की है. देश पहले से ही गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है और जनता भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रही है.

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