डूरंड सीमा पर तनाव चरम पर, पाक सरकार ने तालिबान को चेताया
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डूरंड सीमा पर तनाव चरम पर, पाक सरकार ने तालिबान को चेताया

तालिबान ने पाकिस्तान सीमा पर हमले किए, 12 सैनिक मारे गए। पाकिस्तान ने कड़ा जवाब देने का दावा किया है। इस बीच ईरान, कतर और सऊदी ने संयम बरतने की अपील की।


शनिवार रात 11 बजे के बाद तालिबान के लड़ाकों ने अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा, जिसे डूरंड लाइन कहा जाता है, के दूसरी तरफ पाकिस्तान की चौकियों पर हमले शुरू किए। तालिबान ने अपने पांच प्रांतों से एक साथ गोलियों की बारिश करते हुए पाकिस्तानी सैनिकों पर हमला किया। शुरुआती जानकारी के अनुसार, इस हमले में कम से कम 12 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए।

तालिबान ने इस कार्रवाई को पाकिस्तान की ओर से दो दिन पहले काबुल पर किए गए एयरस्ट्राइक के जवाब के रूप में बताया। अफगान रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इनायतुल्लाह ख्वारिज़्मी ने कहा कि तालिबान बलों ने पड़ोसी देश द्वारा सीमा उल्लंघन और हवाई हमलों के जवाब में पाकिस्तान के ठिकानों पर "सफल जवाबी" हमला किया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर पाकिस्तान फिर से अफगान हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करता है, तो सशस्त्र बल कड़ा जवाब देंगे।

टोलो न्यूज के अनुसार, तालिबान ने रात 11 बजे से 12 बजे के बीच आठ अलग-अलग जगहों पर हमले किए। इसमें नंगरहार प्रांत के अचीन, स्पिन घार और ललपूरा जिले, कंदहर के शोराबाक और मारुफ जिलों और ज़ाबुल प्रांत के विभिन्न इलाकों से पाकिस्तान की चौकियों पर गोलीबारी शामिल है।

पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने अफगान हमलों को "बिना उकसावे के" बताया और कहा कि पाकिस्तानी सेना हर चुनौती का कड़ा जवाब दे रही है। उन्होंने कहा, "अफगानिस्तान द्वारा नागरिकों पर गोलीबारी अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है। पाकिस्तान के बहादुर बलों ने त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया दी।" रेडियो पाकिस्तान ने बताया कि सीमा पर करीब छह जगहों पर हमले हुए और इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने कड़ी प्रतिक्रिया की।

तनाव का कारण और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

तालिबान और पाकिस्तान के बीच तनाव तब बढ़ा जब पाकिस्तान ने काबुल पर एयरस्ट्राइक की, जबकि तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी भारत दौरे पर थे। हालांकि पाकिस्तान ने एयरस्ट्राइक की जिम्मेदारी नहीं ली, तालिबान ने इसे पाकिस्तान का कृत्य बताया।

ईरान, कतर और सऊदी अरब ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा कि "दोनों पक्षों को संयम बरतना चाहिए। स्थिरता क्षेत्रीय स्थिरता में योगदान देती है।" कतर ने बातचीत और कूटनीति को प्राथमिकता देने की बात कही, जबकि सऊदी अरब ने तनाव बढ़ने से रोकने और क्षेत्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की।

तालिबान और पाकिस्तानी सेनाओं के बीच यह तनाव सीमा सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए गंभीर चुनौती बन गया है, और इस पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें टिकी हुई हैं।

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