
17 साल बाद वतन वापसी, तारिक रहमान की ढाका में एंट्री के मायने
17 साल के आत्मनिर्वासन के बाद बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान लंदन से ढाका लौटे। उनकी वापसी को बांग्लादेश की राजनीति का बड़ा मोड़ माना जा रहा है।
Tarique Rahman News: बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान की ढाका वापसी हो चुकी है। डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, यह विमान ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गुरुवार सुबह करीब 11:41 बजे उतरा। इससे पहले फ्लाइट ने सुबह 9:58 बजे सिलहट के उस्मानी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ठहराव किया था। तारिक रहमान के साथ उनकी पत्नी के अलावा उनके दो करीबी सहयोगी अबदुर रहमान सुन्नी और कमाल उद्दीन भी बांग्लादेश लौटे हैं।
एयरपोर्ट पर बीएनपी नेताओं ने किया स्वागत
ढाका पहुंचने पर तारिक रहमान का स्वागत बीएनपी की स्थायी समिति (स्टैंडिंग कमेटी) के वरिष्ठ नेताओं ने किया। इसके बाद वह दो आयातित बुलेटप्रूफ वाहनों में से एक में सवार होकर पूर्वाचल के 300 फीट इलाके की ओर रवाना होंगे। यह मार्ग सुभाष उद्यान और मानिक मिया एवेन्यू के बजाय इसलिए चुना गया है ताकि ढाका के आम यात्रियों को कम से कम असुविधा हो।
इस दौरान बीएनपी के नेता और कार्यकर्ता सड़कों के दोनों ओर खड़े होकर उनका स्वागत करेंगे। हालांकि मंच पर पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे, लेकिन जनसभा को संबोधित केवल तारिक रहमान ही करेंगे।
मां खालिदा जिया से करेंगे मुलाकात
जनसभा को संबोधित करने के बाद तारिक रहमान एवरकेयर अस्पताल जाएंगे, जहां उनकी मां और बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया पिछले एक महीने से इलाज करा रही हैं। मां से मुलाकात के बाद वह गुलशन-2 स्थित ‘फिरोजा’, जिया परिवार के आवास, जाएंगे। इसके लिए वह एयरपोर्ट रोड और काकोली मोड़ से होकर गुजरेंगे।
किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की ओर से कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। बीएनपी नेतृत्व का दावा है कि दिनभर में ढाका में करीब 50 लाख लोग जुट सकते हैं।
गिरफ्तारी और निर्वासन की कहानी
तारिक रहमान को 7 मार्च 2007 को गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्हें 3 सितंबर 2008 को जमानत मिली और वह 11 सितंबर 2008 को इलाज के लिए अपने परिवार के साथ लंदन चले गए। इसके बाद से वह लंदन में ही रह रहे थे। उनकी पत्नी जुबैदा रहमान हाल ही में दो हफ्ते के लिए ढाका आई थीं, जहां वह अपनी बीमार सास खालिदा जिया की देखभाल कर रही थीं। जुबैदा रहमान 20 दिसंबर को दोबारा लंदन लौट गई थीं।
अवामी लीग सरकार के दौरान केस, अब सभी आरोप खत्म
अवामी लीग सरकार के कार्यकाल के दौरान तारिक रहमान को अनुपस्थिति में पांच मामलों में दोषी ठहराया गया था और उनके खिलाफ करीब 100 मुकदमे दर्ज थे। हालांकि, अवामी लीग सरकार के पतन के बाद उनके खिलाफ दर्ज सभी मामले वापस ले लिए गए हैं और फिलहाल उनके खिलाफ कोई भी केस लंबित नहीं है।
शुरुआती जीवन और राजनीतिक सफर
तारिक रहमान ने राजनीति की शुरुआत बहुत कम उम्र में की थी। 1988 में, मात्र 22 वर्ष की उम्र में, वह बोगुरा जिले की गाबतली उपजिला इकाई के बीएनपी सदस्य बने, हालांकि उससे पहले भी वह राजनीति में सक्रिय थे।1991 के आम चुनाव के दौरान उन्होंने अपनी मां खालिदा जिया के साथ देशव्यापी चुनाव प्रचार में अहम भूमिका निभाई। 2002 में उन्हें बीएनपी का सीनियर जॉइंट सेक्रेटरी जनरल नियुक्त किया गया।
लंदन में निर्वासन के दौरान उन्होंने अपने छोटे भाई आराफात रहमान कोको को खो दिया। इसके बावजूद पार्टी में उनकी भूमिका लगातार मजबूत होती गई। 2009 में बीएनपी की पांचवीं राष्ट्रीय परिषद में उन्हें पार्टी का सीनियर वाइस चेयरमैन चुना गया और 2016 में छठी राष्ट्रीय परिषद में वह दोबारा इसी पद पर निर्वाचित हुए।
8 फरवरी 2018 को खालिदा जिया के जेल जाने के बाद से तारिक रहमान बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं। अब 17 साल बाद उनकी वापसी को बांग्लादेश की राजनीति में एक बड़े मोड़ के रूप में देखा जा रहा है।

