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महीनों से ट्रंप प्रशासन हावर्ड पर यहूदी विरोधी गतिविधियों की अनदेखी का आरोप लगा रहा है

ट्रंप प्रशासन और हार्वर्ड में फिर ठनी, हार्वर्ड पर यहूदी छात्रों की रक्षा करने में नाकामी का लगाया आरोप

हावर्ड के कार्यवाहक अध्यक्ष को भेजे गए एक पत्र में ट्रंप प्रशासन ने कहा कि विश्वविद्यालय गाजा युद्ध से जुड़े प्रदर्शनों के दौरान यहूदी और इज़रायली छात्रों की सुरक्षा चिंताओं का पर्याप्त जवाब देने में विफल रहा।


अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने निष्कर्ष निकाला है कि हावर्ड यूनिवर्सिटी ने यहूदी छात्रों को उत्पीड़न से बचाने में असफल होकर संघीय नागरिक अधिकार कानूनों का उल्लंघन किया है। यह जानकारी द न्यू यॉर्क टाइम्स ने सोमवार को दी।

NYT की रिपोर्ट के अनुसार, हावर्ड के कार्यवाहक अध्यक्ष एलन एम. गार्बर को भेजे गए एक पत्र के मुताबिक, विश्वविद्यालय गाजा युद्ध से जुड़े प्रदर्शनों के दौरान यहूदी और इज़रायली छात्रों की सुरक्षा चिंताओं का पर्याप्त जवाब देने में विफल रहा।

जांच के निष्कर्षों की पृष्ठभूमि

इन निष्कर्षों की घोषणा ऐसे समय में हुई है जब कुछ हफ्ते पहले ही हावर्ड की एक टास्क फोर्स ने 2023–24 शैक्षणिक सत्र के दौरान यहूदी और इज़रायली छात्रों के लिए विकृत और शत्रुतापूर्ण माहौल की बात कही थी।

वॉल स्ट्रीट जर्नल ने सबसे पहले इस पत्र की सामग्री को रिपोर्ट किया था।

लंबे समय से आलोचना में हावर्ड

महीनों से ट्रंप प्रशासन हावर्ड पर यहूदी विरोधी गतिविधियों की अनदेखी का आरोप लगा रहा है। हाल ही में, सरकार ने हावर्ड पर श्वेत पुरुष छात्रों के साथ भेदभाव और अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या सीमित करने जैसे मुद्दों की जांच भी शुरू कर दी है।

इसका असर विश्वविद्यालय की वित्तीय स्थिति और प्रतिष्ठा पर पड़ा है, क्योंकि प्रशासन ने हावर्ड को मिलने वाली अरबों डॉलर की संघीय रिसर्च फंडिंग रोक दी है।

हावर्ड का जवाब और संभावित समझौता

अब तक हावर्ड ने इस घटनाक्रम पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, विश्वविद्यालय ट्रंप प्रशासन के साथ समझौते पर बातचीत दोबारा शुरू कर चुका है।

विशेषज्ञों का मानना है कि नागरिक अधिकारों के उल्लंघन से जुड़ा यह पत्र शायद हावर्ड पर बातचीत में दबाव बनाने की रणनीति हो सकता है।

20 जून को ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा,"अगर मौजूदा बातचीत के तहत कोई समझौता होता है, तो यह ऐतिहासिक रूप से जबरदस्त होगा और हमारे देश के लिए बेहद फायदेमंद होगा।"

उन्होंने यह भी कहा, "हावर्ड के नेतृत्व ने इन चर्चाओं में बहुत जिम्मेदारी से व्यवहार किया है और ऐसा लगता है कि वे सही निर्णय लेने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"

अन्य विश्वविद्यालयों पर भी असर

यह कदम मई में कोलंबिया यूनिवर्सिटी पर लिए गए समान निर्णय के बाद उठाया गया है, जब स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग (HHS) ने वहां भी नागरिक अधिकारों के उल्लंघन की पुष्टि की थी।

ट्रंप प्रशासन का कहना है कि वह अमेरिका के उच्च शिक्षा संस्थानों की संस्कृति को पुनः आकार देना चाहता है, जो उसके अनुसार हावर्ड और कोलंबिया जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में यहूदी-विरोध और राजनीतिक पक्षपात को बढ़ावा देती रही है।

पिछले सप्ताह प्रशासन ने वर्जीनिया विश्वविद्यालय के अध्यक्ष को भी इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया क्योंकि प्रशासन विविधता, समानता और समावेशन नीतियों को लेकर असहमति जता रहा था।

शैक्षणिक स्वतंत्रता पर सवाल

हालांकि हावर्ड के अध्यक्ष गार्बर समेत कई विश्वविद्यालयों के नेताओं ने इज़राइल विरोधी प्रदर्शनों को संभालने में कमियों को स्वीकार किया है, लेकिन कई लोग ट्रंप प्रशासन द्वारा दाखिले, स्टाफिंग और अकादमिक कंटेंट पर नियंत्रण बढ़ाने की कोशिश को शैक्षणिक स्वतंत्रता के लिए खतरा मानते हैं।

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