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ट्रंप के दावे के उलट ईरान ने किसी युद्ध विराम समझौते की बात से इनकार किया है

ट्रंप का बड़ा दावा, 'ईरान-इज़राइल पूरी तरह से सीज़फायर पर सहमत', ईरान का समझौते से इनकार

अमेरिकी राष्ट्रपति का ये बयान इसके बाद आया जब ईरान ने क़तर में स्थित मिडिल ईस्ट के सबसे बड़े अमेरिकी सैन्य अड्डे अल उदीद एयरबेस को निशाना बनाया। यहां लगभग 8,000 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं।


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक चौंकाने वाली घोषणा करते हुए कहा है कि ईरान और इज़राइल के बीच पूरे और सम्पूर्ण सीज़फायर पर सहमति बन गई है। ट्रंप के अनुसार, यह सीज़फायर लगभग छह घंटे के भीतर शुरू हो जाएगा, जिससे दोनों देशों को अपने सैन्य अभियानों को धीरे-धीरे समाप्त करने का समय मिल सकेगा।

हालांकि, अब तक न तो इज़राइल और न ही ईरान ने इस सीज़फायर की पुष्टि की है। ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अरक़ची ने कहा है कि फिलहाल ईरान और इज़राइल के बीच कोई युद्धविराम समझौता नहीं हुआ है।



ईरान के जवाबी हमले के बाद एलान

यह घोषणा ऐसे समय पर आई है जब सोमवार देर रात ईरान ने क़तर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। यह हमला अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए हवाई हमलों के जवाब में किया गया था, जिससे पश्चिम एशिया में तनाव अचानक तेज़ हो गया।

क़तर ने अल उदीद एयरबेस पर हुए इस हमले की निंदा की, लेकिन कहा कि मिसाइलों को सफलतापूर्वक इंटरसेप्ट कर लिया गया और किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। क़तर ने यह भी कहा कि अब उसका वायु क्षेत्र पूरी तरह से सुरक्षित है। हमले के बाद राजधानी दोहा और आसपास के क्षेत्रों में ज़ोरदार धमाकों की आवाजें सुनी गईं।

कतर वाला एयरबेस कितना अहम

क़तर में स्थित अल उदीद एयरबेस अमेरिका का मध्य-पूर्व में सबसे बड़ा सैन्य अड्डा है। यहां लगभग 8,000 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं। अल उदीद एयरबेस में अमेरिका की ‘कंबाइंड एयर ऑपरेशन्स सेंटर’ भी स्थित है, जो पूरे क्षेत्र में अमेरिकी वायु शक्ति का नियंत्रण और संचालन करती है।

इसके साथ ही यहां ‘379वां एयर एक्सपेडिशनरी विंग’ भी है, जो दुनिया की सबसे बड़ी तैनात वायु इकाई है।

ईरान का संदेश: तनाव घटाने की इच्छा

ईरान ने कहा कि क़तर में किया गया मिसाइल हमला, अमेरिका द्वारा उसके परमाणु ठिकानों पर गिराए गए बमों की संख्या के बराबर था जो शायद इस बात का संकेत है कि वह अब तनाव कम करना चाहता है। ईरान ने यह भी कहा कि उसने जानबूझकर ऐसा ठिकाना चुना जो आबादी से दूर है।

ईरानी सरकारी टीवी पर इस हमले की घोषणा की गई और इसे अमेरिकी आक्रामकता के विरुद्ध एक शक्तिशाली और सफल जवाब बताया गया।



इराक में भी अमेरिकी ठिकाने पर अटैक

ईरान ने कतर ही नहीं, इराक के पश्चिमी हिस्से में स्थित ‘ऐन अल-असद’ बेस को भी निशाना बनाया जिसमें अमेरिकी सैनिक मौजूद हैं। इराकी सुरक्षा अधिकारियों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि बेस को कितना नुकसान पहुंचा या कोई हताहत हुआ है या नहीं।

क़तर के विदेश मंत्रालय ने ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स द्वारा किए गए इस हमले को क़तर की संप्रभुता, उसके वायु क्षेत्र और अंतरराष्ट्रीय कानून का स्पष्ट उल्लंघन बताया।

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