
प्रवासी संकट बनाम संघीय सत्ता, लॉस एंजेलिस की सड़कों पर नई लड़ाई
प्रवासियों के निर्वासन के विरोध में लॉस एंजेलिस में उग्र प्रदर्शन जारी है। ट्रंप ने हालात पर नियंत्रण के लिए नेशनल गार्ड भेजे हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने निष्कासन (Deportation) अभियानों के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों के बीच लॉस एंजेलिस में नेशनल गार्ड तैनात कर दिए हैं। ट्रंप ने इसे हिंसक और बगावती भीड़ द्वारा संघीय एजेंटों पर हमले का जवाब बताया। लेकिन इस कदम ने तीखी राजनीतिक प्रतिक्रिया और सड़कों पर हिंसक झड़पें भड़का दी हैं।
'अप्रवासियों का आक्रमण हो रहा है'
ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए प्रदर्शनकारियों को कानून विरोधी दंगाई बताया और कहा यह अप्रवासी आक्रमण है। इन दंगों से हमारी दृढ़ता और मजबूत होती है। उन्होंने होमलैंड सिक्योरिटी सेक्रेटरी क्रिस्टी नोएम, डिफेंस सेक्रेटरी पीट हेगसेथ और अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी को लॉस एंजेलिस की सुरक्षा और डिपोर्टेशन सुनिश्चित करने के लिए जरूरी सभी कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
गवर्नर न्यूसम का विरोध
कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसम ने इसे राज्य की संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन बताया और गार्ड को तुरंत हटाने की मांग की। उन्होंने रक्षा सचिव को पत्र लिखकर स्थानीय प्रशासन को हालात संभालने देने की अपील की और कहा, “जब तक ट्रंप नहीं आए थे, कोई समस्या नहीं थी।
आंसू गैस और रबर बुलेट का इस्तेमाल
रविवार को लॉस एंजेलिस के मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर के बाहर सैकड़ों लोग जुटे, जहां हालिया छापेमारी में पकड़े गए प्रवासियों को रखा गया था। प्रदर्शनकारियों ने नेशनल गार्ड को शर्म करो और वापस जाओ के नारे लगाए। पुलिस ने आंसू गैस, स्मोक कैनिस्टर और रबर बुलेट से भीड़ को तितर-बितर किया।LAPD ने सिविक सेंटर क्षेत्र को अवैध सभा घोषित किया और कहा कि कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कई प्रदर्शनकारियों ने 101 फ्रीवे को भी जाम किया। हेलिकॉप्टर से चेतावनी दी गई कि जो नहीं हटेंगे उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
'ये डर फैलाने की राजनीति है'
पूर्व उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने नेशनल गार्ड की तैनाती को खतरनाक उकसावे की संज्ञा दी और ट्रंप प्रशासन की आलोचना करते हुए कहा, यह सार्वजनिक सुरक्षा नहीं बल्कि डर फैलाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे हैं और यह न्याय की लड़ाई में एक जरूरी हथियार है।
पैरामाउंट में झड़पें, ICE ऑफिस के पास पथराव
लॉस एंजेलिस के दक्षिण में लैटिनो बहुल पैरामाउंट शहर में शनिवार को ICE दफ्तरों के पास प्रदर्शनकारियों और संघीय एजेंटों के बीच झड़पें हुईं। रिपोर्ट के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने कानून प्रवर्तन वाहनों पर पत्थर और सीमेंट के टुकड़े फेंके। एक संघीय अधिकारी घायल हुआ और FBI ने हमलावर की जानकारी पर 50 हजार डॉलर का इनाम घोषित किया।
'और सैनिक भेजे जाएंगे'
राष्ट्रपति ट्रंप ने चेतावनी दी कि यदि राज्य अधिकारी निर्वासन की प्रक्रिया में बाधा डालते हैं, तो उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई हो सकती है। उन्होंने मरीन सहित और सैनिकों की तैनाती का संकेत भी दिया है। डिफेंस सेक्रेटरी पीट हेगसेथ ने भी हालात और बिगड़ने पर आगे कार्रवाई की चेतावनी दी है।
इस तैनाती पर अमेरिकी राजनीतिक नेतृत्व दो खेमों में बंट गया है। हाउस स्पीकर माइक जॉनसन ने ट्रंप के फैसले का समर्थन किया और कहा, न्यूसम हालात संभालने में असफल रहे, इसलिए राष्ट्रपति को दखल देना पड़ा। वहीं, सीनेटर बर्नी सैंडर्स ने ट्रंप पर तानाशाही की ओर देश को धकेलने का आरोप लगाया।
मैक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शेनबाउम ने अमेरिका में रह रहे मैक्सिकन नागरिकों का मजबूती से बचाव करते हुए कहा, वे ज़रूरत के चलते प्रवास करते हैं वे अपराधी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि “मानवाधिकारों का हमेशा सम्मान होना चाहिए और जो लौटना चाहें, उन्हें सरकार सहयोग देगी।
नेशनल गार्ड की तैनाती और डिपोर्टेशन विरोधी प्रदर्शनों के बीच अमेरिका में संघीय बनाम राज्य शक्तियों की टकराहट, मानवीय अधिकारों की बहस और राजनीतिक ध्रुवीकरण एक बार फिर चरम पर है। राष्ट्रपति ट्रंप की सख्ती और मैक्सिको के विरोध के बीच अब पूरी दुनिया की निगाहें कैलिफोर्निया पर टिक गई हैं।