शांति समझौते के बदले क्रीमिया पर रजामंदी! अमेरिका का बदला रुख?
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शांति समझौते के बदले क्रीमिया पर रजामंदी! अमेरिका का बदला रुख?

Russia and Ukraine: अमेरिका एक रणनीतिक मोड़ पर खड़ा है, वह शांति के लिए क्रीमिया पर रूस का कब्जा मान सकता है. लेकिन यूक्रेन इस समझौते को मानने को तैयार नहीं है.


Russia ukraine ceasefire: अमेरिका, रूस और यूक्रेन के बीच चल रही शांति वार्ता में क्रीमिया पर रूस के कब्ज़े को मान्यता देने पर विचार कर सकता है. इसको लेकर एक मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। यह खबर ऐसे समय में सामने आई है, जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दोनों देशों के बीच युद्ध विराम (सीजफायर) की कोशिशों में जुटे हैं.

क्रीमिया विवाद

साल 2014 में रूस ने यूक्रेन के क्रीमिया इलाके पर सैन्य हमला करके कब्जा कर लिया था. रूस ने वहां जनमत संग्रह कराया, जिसे विवादास्पद माना गया. अमेरिका और ज्यादातर देशों ने इस कब्ज़े को अवैध बताया था. अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार, बलपूर्वक किसी क्षेत्र पर कब्जा करना अमान्य है.

अमेरिका की नाराज़गी

डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो शांति वार्ता की धीमी गति से नाखुश बताए जा रहे हैं. उन्होंने संकेत दिया है कि अगर जल्दी कोई समाधान नहीं निकला तो अमेरिका इस वार्ता से पीछे हट सकता है. ट्रंप ने कहा कि जितना ज्यादा यह मामला लंबा खिंचेगा, हमारे इसमें शामिल रहने का कारण उतना ही कमजोर होगा.

जेलेंस्की का इनकार

वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमीर जेलेंस्की ने दो टूक कहा है कि किसी भी कीमत पर रूस को यूक्रेनी जमीन नहीं दी जाएगी. क्रीमिया भी यूक्रेन का हिस्सा हैऔर रहेगा. उन्होंने अमेरिका के दूत स्टीव विटकॉफ पर रूस समर्थक रुख अपनाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जब तक सीजफायर नहीं होता, हम अपनी जमीन पर कोई समझौता नहीं करेंगे.

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