चुनाव अमेरिका में चर्चा ईरान-इजरायल की, अब टिम वॉल्ज बनाम जेडी वेंस
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में अब ट्रंप-हैरिस के बाद उपराष्ट्रपति उम्मीदवार जेडी वेंस और टिम वॉल्ज आमने सामने थे। इस डिबेट में दोनों ईरान-इजरायल पर तीखे हमले किए।
US Vice President Debate: 2024 का अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव कम से कम दो मायनों में खास है। पहला तो ये कि डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर सत्ता में आने की जुगत लगा रहे हैं, और दूसरी वजह कि इस समय इजरायल का उसके पड़ोसियों के साथ तनाव चरम पर है। अमेरिकी राजनीति में जहां एक तरफ घरेलू मुद्दे हावी रहते हैं वहीं विदेशी मुद्दे भी पीछे नहीं होते। अगर आप डोनालड ट्रंप और कमला हैरिस के डिबेट को देखें तो दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर इजरायल-हमास, रूस और यूक्रेन के मामले में एक दूसरे की कमियों को गिनाते नजर आए। इन सबके बीत उपराष्ट्रपति डिबेट में दोनों दलों यानी रिपब्लिकन के जेडी वेंस और डेमोक्रेट के टिम वॉल्ज एक दूसरे के आमने सामने थे। इन दोनों नेताओं मे अलग अलग मुद्दों पर एक दूसरे की घेरेबंदी की। लेकिन इजरायल ईरान मुद्दे पर बहस थोड़ी तीखी हो चली थी।
जेडी वेंस ने क्या कहा
जेडी वेंस ने कहा कि अमेरिका में "दुनिया के सबसे बेहतरीन लोग हैं। लेकिन वाशिंगटन में हमारे पास जो नेतृत्व है, उसके साथ वे अपने पूरे सपने पूरे नहीं कर पाएंगे। हमें बदलाव की जरूरत है। हमें एक नई दिशा की जरूरत है। क्या वह ईरान पर इजरायल द्वारा किए जाने वाले हमले का समर्थन करेंगे या विरोध करेंगे, जेडी वेंस ने कहा, "यह इजरायल पर निर्भर करता है कि उन्हें अपने देश को सुरक्षित रखने के लिए क्या करना चाहिए, और हमें अपने सहयोगियों का समर्थन करना चाहिए, चाहे वे कहीं भी हों, जहां वे बुरे लोगों से लड़ रहे हों। टिम वाल्ज ने जवाब में कहा कि ईरान अब परमाणु हथियार के करीब है और यह सब डोनाल्ड ट्रम्प के अस्थिर नेतृत्व राष्ट्रपति पद के दौरान ईरान परमाणु समझौते से बाहर निकलने की वजह से हुआ।
टिम वॉल्ज क्या बोले
टिम वॉल्ज ने कहा कि वो भी कमला हैरिस द्वारा बनाए गए इस गठबंधन से उतने ही हैरान हैं जितना कोई और। बर्नी सैंडर्स से लेकर डिक चेनी से लेकर टेलर स्विफ्ट तक और उनके बीच के बहुत से लोग। और वे सभी हर बात पर सहमत नहीं हैं, लेकिन वे वास्तव में आशावादी लोग हैं। वे इस देश के सकारात्मक भविष्य में विश्वास करते हैं। इस डिबेट में दोनों दलों ने कहा कि ईरान जिस तरह का व्यवहार कर रहा है वो मध्य पूर्व में स्थित देशों के लिए ठीक नहीं है। हालांकि ईरान की बढ़ती ताकत के लिए एक दूसरे की नीतियों को जिम्मेदार बताया।