BANGLADESH UNREST: भारत विरोधी प्रदर्शन और चुनावों पर संकट, जमात की बढ़त के बीच दिल्ली की चुनौती
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BANGLADESH UNREST: भारत विरोधी प्रदर्शन और चुनावों पर संकट, 'जमात' की बढ़त के बीच दिल्ली की चुनौती

शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद देश भर में विरोध प्रदर्शन भड़क उठे। इस दौरान भारत विरोधी भावनाएं उभरकर सामने आईं। इस बीच दिल्ली भी बांग्लादेश की स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा।


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बांग्लादेश में पिछले कुछ दिनों से चल रहे व्यापक विरोध प्रदर्शनों का मुख्य केंद्र भारत बन चुका है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। यह प्रदर्शन युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद भड़क उठा, जिनकी अंत्येष्टि के बाद ढाका के शाहबाग में बड़ी रैली हुई, जिसमें भारत के खिलाफ नारे लगे।

चुनाव पर संकट

देश भर में फैल रही हिंसा और अशांति के बीच यह चिंता जाग उठी है कि 12 फरवरी को होने वाला संसदीय चुनाव प्रभावित या स्थगित हो सकता है। कई विशेषज्ञ मानते हैं कि प्रांतीय चुनाव की स्थिति अस्थिर है।

प्रमुख अखबारों पर हमला

प्रदर्शनकारियों ने देश के दो बड़े अखबार 'Prothom Alo' और 'The Daily Star' के दफ्तरों पर हमला किया और उन्हें नष्ट कर दिया। ये मीडिया संस्थान शेख हसीना की नीतियों की आलोचना करते रहे हैं और स्वतंत्रता संग्राम और पाकिस्तानी सेना की बर्बरता के बारे में रिपोर्टिंग करते रहे हैं। अखबारों पर आग लगने के कारण कर्मचारियों को कई घंटों तक बचाया गया। इस हमले ने बांग्लादेश में प्रेस की आज़ादी और डेमोक्रेसी की मौजूदा स्थिति पर गहरा सवाल उठाया है।

हत्या के बाद उठी लहर

शरीफ उस्मान हादी, जो एक प्रमुख युवा नेता थे और आगामी चुनाव में भाग लेने वाले थे, 12 दिसंबर को ढाका में गोली मारकर घायल कर दिए गए थे। उन्हें इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया, लेकिन 19 दिसंबर को उनकी मौत हो गई। इस घटना ने तालाबंदी और विरोध प्रदर्शन को जनाक्रोश का रूप दे दिया। उनके समर्थकों का दावा है कि गोलीबारी के पीछे राजनीतिक प्रेरित षड़यंत्र है और हमलावर भारत भाग गए हैं। इन आरोपों पर भारत की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

प्रदर्शन का स्वर भारत विरोधी

आंदोलनकारियों ने कई जगहों पर भारत विरोधी नारे लगाए और ऐसे आरोप लगाए कि भारत बांग्लादेश के आंतरिक मामलों में दखल दे रहा है। विरोध में कुछ स्थानों पर भारत के खिलाफ नारेबाजी भी हुई। विरोध-प्रदर्शन में शामिल कई समूहों का कहना है कि भारतीय हस्तक्षेप से देश की संप्रभुता पर खतरा मंडरा रहा है। इसके चलते चटगांव में भारतीय वीज़ा केंद्रों और हाई कमिशन के सामने सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

राजनीतिक अस्थिरता

बांग्लादेश की वर्तमान सरकार (Interim government) के नेतृत्व में शांति बहाल करने की कोशिश कर रही है, लेकिन विरोध प्रदर्शन और हिंसा लगातार जारी है। इससे देश के आगामी चुनावों की संभावना पर सवाल उठ रहे हैं। विश्लेषकों का मानना है कि अगर चुनाव स्थगित होते हैं तो कुछ राजनीतिक समूहों और कट्टरपंथी तत्वों को बढ़त मिल सकती है, जिससे भविष्य में राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं।

भारत-बांग्लादेश संबंधों पर असर

प्रदर्शनकारियों ने कई जगह भारत की भूमिका पर आरोप लगाए हैं। ढाका में भारत के सहायक उच्चायुक्त कार्यालय के बाहर भी सुरक्षा कड़ी की गई है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि वह स्थिति पर नज़दीकी नजर रख रहा है और किसी भी तरह की गलत जानकारी को खारिज करता है।

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