
‘ट्रंप को इंतजार नहीं करवा सकता’, बोले पुतिन, बीच सभा में छोड़ा मंच
डोनाल्ड ट्रंप के फोन पर व्लादिमीर पुतिन नेबीच में ही कार्यक्रम रोक दिया। यूक्रेन और ईरान पर घंटाभर बात हुई। लेकिन शांति समझौते पर कोई प्रगति नहीं हुई।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम के बीच अचानक विराम ले लिया। वजह थी अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का फोन। पुतिन ने खुद यह स्वीकार किया कि ट्रंप को इंतजार करवाना अटपटा होता और इससे वह नाराज हो सकते थे।पुतिन ने कार्यक्रम के बीच कहा कि कृपया नाराज मत होइए। मुझे पता है कि हम और बात कर सकते थे। लेकिन ट्रंप को इंतजार करवाना अजीब होता वे नाराज हो सकते हैं।
इसके बाद पुतिन कार्यक्रम से हट गए और ट्रंप के साथ करीब एक घंटे तक फोन पर बातचीत की। इस बातचीत में यूक्रेन युद्ध, ईरान और पश्चिम एशिया की स्थिति जैसे कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई।
ट्रंप ने बातचीत को बताया ‘लंबा, लेकिन बेनतीजा
ट्रंप ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि हमारी बातचीत लंबी रही। हमने ईरान पर, यूक्रेन युद्ध पर और कई चीजों पर बात की। लेकिन मैं खुश नहीं हूं। हमने यूक्रेन शांति समझौते पर कोई प्रगति नहीं की। ट्रंप ने स्पष्ट कहा कि इस बातचीत से यूक्रेन संकट के समाधान में कोई ठोस कदम नहीं बढ़ा। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने पुतिन पर किसी बात के लिए दबाव नहीं बनाया, लेकिन समाधान की कोई सूरत नहीं निकली।
पुतिन का रुख सख्त
क्रेमलिन की ओर से जारी बयान में बताया गया कि फोन पर बातचीत करीब एक घंटे चली। पुतिन ने ट्रंप से स्पष्ट कहा कि रूस अपने उन उद्देश्यों को प्राप्त करेगा जो उसने तय किए हैं। यानी वर्तमान हालात की जड़ में मौजूद कारणों का समाधान करना। रूस इन लक्ष्यों से पीछे नहीं हटेगा।यह बयान क्रेमलिन के शीर्ष सलाहकार यूरी उशाकोव ने मीडिया से बातचीत में दिया, जिसे एएफपी ने प्रकाशित किया।
यह कॉल ऐसे समय में हुई जब अमेरिका ने यूक्रेन की राजधानी कीव को हथियारों की आपूर्ति पर अस्थायी रोक लगाई है और यूरोप पर युद्ध में ज्यादा समर्थन देने का दबाव बढ़ रहा है।वहीं, पुतिन ने पश्चिम एशिया में भी कूटनीतिक समाधान का आह्वान किया, खासकर ईरान पर अमेरिकी हमलों के बाद। उन्होंने ट्रंप से अपील की कि क्षेत्र में सैन्य तनाव को खत्म करने के लिए कूटनीति को प्राथमिकता दी जाए।हालांकि किसी ठोस समझौते की बात सामने नहीं आई, लेकिन यह स्पष्ट है कि पुतिन अपने एजेंडे से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं और ट्रंप के लिए भी यूक्रेन में शांति लाना आसान नहीं होगा।