
भारत के खिलाफ भ्रामक जानकारी देने पर व्हाइट हाउस सलाहकार नवरो की पोल खुली, मस्क के X पर ही भड़के
कम्युनिटी नोट से भड़के नवरो ने इसे “कचरा” करार दिया और सीधे एलन मस्क पर हमला बोला। उन्होंने लिखा, “वाह। एलन मस्क लोगों की पोस्ट में प्रोपेगैंडा डालने दे रहे हैं। नीचे का वह कचरा नोट बस कचरा ही है।
व्हाइट हाउस के सलाहकार पीटर नवरो ने रविवार (7 सितंबर) को भारत के खिलाफ एक और तीखा बयान दिया। दरअसल, उन्होंने रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत की आलोचना करते हुए X (एलन मस्क के प्लेटफ़ॉर्म) पर पोस्ट किया था, जिसे कम्युनिटी नोट द्वारा गलत और भ्रामक करार दिया गया।
नवरो, जो पिछले कुछ दिनों से भारत और रूस के बीच ऊर्जा व्यापार को लेकर लगातार हमलावर रहे हैं, ने फिर आरोप लगाया कि भारत केवल मुनाफ़े के लिए रूस से तेल खरीद रहा है और यही पैसा रूस के यूक्रेन युद्ध को फंड करता है।
नवरो का दावा
नवरो ने वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें कहा गया था कि वॉशिंगटन से भारत पर इस तरह की भाषा का इस्तेमाल कूटनीतिक रिश्तों को खराब कर रहा है। इसके जवाब में नवरो ने अपनी पोस्ट में लिखा, “FACTS: भारत के ऊँचे टैरिफ से अमेरिकी नौकरियाँ जा रही हैं। भारत रूस से तेल सिर्फ मुनाफ़े के लिए खरीदता है/उससे होने वाली कमाई रूस की युद्ध मशीन को जाती है। यूक्रेनी और रूसी मर रहे हैं। अमेरिकी टैक्सपेयर और खर्च उठाते हैं। भारत सच्चाई नहीं झेल सकता और @washpo वामपंथी फेक न्यूज़ फैला रहा है।”
X की प्रतिक्रिया: ‘कपटी’
कुछ ही घंटे बाद, मस्क के प्लेटफ़ॉर्म X ने एक कम्युनिटी नोट जोड़ते हुए लिखा कि भारत की रूस से तेल खरीद “ऊर्जा सुरक्षा” के लिए है और इससे किसी भी तरह के प्रतिबंध का उल्लंघन नहीं होता।
नोट में यह भी कहा गया, “हालाँकि भारत के पास कुछ टैरिफ हैं, लेकिन अमेरिका को सेवाओं के क्षेत्र में भारत के साथ व्यापार अधिशेष है। अमेरिका भी रूस से कुछ वस्तुएँ आयात करता रहता है, जो दोहरे मापदंड को दर्शाता है।”
नवरो का पलटवार
कम्युनिटी नोट से भड़के नवरो ने इसे “कचरा” करार दिया और सीधे एलन मस्क पर हमला बोला। उन्होंने लिखा, “वाह। एलन मस्क लोगों की पोस्ट में प्रोपेगैंडा डालने दे रहे हैं। नीचे का वह कचरा नोट बस कचरा ही है। भारत रूस से तेल केवल मुनाफ़े के लिए खरीद रहा है। रूस के यूक्रेन पर हमले से पहले भारत ने कभी तेल नहीं खरीदा। भारतीय सरकार का स्पिन मशीन पूरी ताकत से चल रहा है। यूक्रेनियों को मारना बंद करो। अमेरिकी नौकरियाँ छीनना बंद करो।”
X ने दोबारा लगाया ठप्पा: ‘दोहरे मापदंड’
नवरो की पोस्ट को X ने दोबारा फ्लैग किया और लिखा कि भारत के ऊर्जा व्यापार से जुड़े फैसले उसकी **संप्रभुता** के दायरे में हैं और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं करते।
नोट में यह भी कहा गया, “नवरो के दावे कपटी हैं। भारत की कानूनी और संप्रभु ऊर्जा ज़रूरतों के लिए रूस से तेल खरीद अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं है। अमेरिका खुद भारत पर दबाव डालते हुए रूस से अरबों डॉलर का सामान (जैसे यूरेनियम) आयात करता है, जो साफ़ दोहरा मापदंड है।”
लगातार हमले
भारत पर यह हमला ऐसे समय आया है जब ट्रंप ने 27 अगस्त से भारत से आयात पर अतिरिक्त 25% शुल्क लगाकर कुल टैरिफ 50% कर दिया, और इसके औचित्य के रूप में रूस से भारत की तेल खरीद का हवाला दिया।
नवरो पहले भी भारत को लेकर भड़काऊ शब्दों का इस्तेमाल कर चुके हैं—जैसे “Maharaja of tariffs” (टैरिफ का महाराजा), “laundromat for the Kremlin” (क्रेमलिन की लॉन्ड्री), और “Modi’s war in Ukraine” (मोदी का युद्ध यूक्रेन में)।
उनके एक हालिया विवादित बयान में यह भी कहा गया कि, “ब्राह्मण भारतीय जनता की कीमत पर मुनाफ़ा कमा रहे हैं।”
भारत ने इस पर तुरंत प्रतिक्रिया दी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने शुक्रवार को कहा, “हमने उनके कुछ भ्रामक बयान देखे हैं। हम उन्हें खारिज करते हैं।”