बॉन्डी बीच हमले में जान बचाने वाला ‘हीरो’ कौन है अहमद अल अहमद
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बॉन्डी बीच हमले में जान बचाने वाला ‘हीरो’ कौन है अहमद अल अहमद

सिडनी की गोलीबारी में आतंकी से भिड़कर हथियार छीनने वाले अहमद अल अहमद को लेकर फैली गलत पहचान, सोशल मीडिया पर हुई भारी गड़बड़ी


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Bondi Beach Attack : ऑस्ट्रेलिया के इतिहास की सबसे भीषण सामूहिक गोलीबारी की घटनाओं में शामिल बॉन्डी बीच हमले के बाद एक वीडियो सबसे तेज़ी से सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस वीडियो में एक शख्स पीछे से दौड़ता हुआ आता है, हमलावर को पकड़ता है और गोलियों की आवाज़ के बीच उससे बंदूक छीन लेता है।

इस शख्स को तुरंत ‘हीरो’ कहा जाने लगा। नाम सामने आया अहमद अल अहमद। लेकिन इसके साथ ही एक गलत जानकारी भी तेजी से फैल गई।

फल विक्रेता नहीं, दुकानदार हैं अहमद

शुरुआती रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि अहमद अल अहमद सिडनी के सदरलैंड शायर इलाके में फल बेचने का काम करते हैं। बाद में यह जानकारी गलत साबित हुई।
असल में, अहमद अल अहमद पिछले 2021 से एक तंबाकू और स्पेशलिटी कन्वीनियंस स्टोर के मालिक हैं। उनकी उम्र 40 के आसपास बताई जा रही है।

सोशल मीडिया पर फैली गलत पहचान

हमले के बाद लोग आभार जताने के लिए आगे आए, लेकिन गलत जानकारी के चलते कई लोगों ने समर्थन और शुभकामनाएं एक फल की दुकान को भेजनी शुरू कर दी, यह मानते हुए कि वही अहमद की दुकान है।
दक्षिणी सिडनी की Sutherland Best Fresh नाम की दुकान को मजबूरन सामने आकर सफाई देनी पड़ी।

फल दुकान ने दी सफाई

दुकान के मालिकों ने फेसबुक पोस्ट में लिखा “बॉन्डी में हुई इस भयावह घटना से हम बेहद दुखी हैं। एक गलतफहमी के कारण लोग हमारे स्टोर को उस हीरो से जोड़ रहे हैं। हम अहमद को नहीं जानते और न ही उनकी दुकान का स्थान जानते हैं। हम उस बहादुर व्यक्ति को सलाम करते हैं और उनके जल्द ठीक होने की कामना करते हैं।”

अस्पताल में भर्ती, दो गोलियां लगीं

इस बीच, अहमद अल अहमद अस्पताल में भर्ती हैं। हमलावर से भिड़ंत के दौरान उन्हें दो गोलियां लगीं। उनकी बहादुरी का वीडियो ऑस्ट्रेलिया ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी दिखाया गया। माना जा रहा है कि अगर अहमद ने समय पर दखल न दिया होता, तो जानमाल का नुकसान और ज्यादा हो सकता था।

बॉन्डी बीच पर क्या हुआ था?

रविवार शाम करीब 6:45 बजे बॉन्डी बीच पर हमला हुआ, जब हजारों लोग समुद्र तट पर मौजूद थे। उसी समय पास के पार्क में यहूदी समुदाय का कार्यक्रम “चानूका बाय द सी” चल रहा था, जिसमें सैकड़ों लोग शामिल थे।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दो बंदूकधारियों ने एक ऊंचे फुटब्रिज से भीड़ पर फायरिंग शुरू कर दी। समुद्र तट पर मौजूद लोग तैराकी के कपड़ों में ही जान बचाकर इधर-उधर भागने लगे। पूरी घटना करीब 10 मिनट तक चली, जिसके बाद पुलिस ने हालात काबू में किए।

आम दिन, असाधारण साहस

अहमद अल अहमद उस वक्त एक दोस्त के साथ सिर्फ कॉफी पीने बॉन्डी आए थे। तभी उनकी नजर एक हमलावर पर पड़ी। उनके पिता मोहम्मद फतेह अल अहमद ने ऑस्ट्रेलिया के ABC चैनल को बताया “जब उसने ज़मीन पर पड़े लोगों को, हर तरफ खून देखा, तो उसका ज़मीर जाग गया। बिना कुछ सोचे उसने आतंकी पर झपट्टा मारा और उसका हथियार छीन लिया।”

इस हमले में कम से कम 15 लोगों की मौत हो चुकी है और दर्जनों घायल हैं।
आज ऑस्ट्रेलिया अहमद अल अहमद को एक ऐसे आम नागरिक के रूप में याद कर रहा है, जिसने अपनी जान जोखिम में डालकर कई और जिंदगियां बचा लीं।


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