क्या भारतीय ग्रीन कार्ड होल्डर्स पर ट्रंप के नए स्क्रूटनी नियमों का असर पड़ेगा?
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क्या भारतीय ग्रीन कार्ड होल्डर्स पर ट्रंप के नए स्क्रूटनी नियमों का असर पड़ेगा?

ट्रंप ने 19 हाई-रिस्क देशों के लिए ग्रीन कार्ड की सख्त समीक्षा का आदेश दिया है। जानें कि भारतीयों पर इसका असर क्यों नहीं पड़ेगा और नई USCIS पॉलिसी का इमिग्रेंट्स के लिए क्या मतलब है।


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Washington DC Firing Case : व्हाइट हाउस के पास एक अफगान नागरिक द्वारा दो नेशनल गार्ड्स पर गोली चलाने की घटना के बाद डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने शुक्रवार को एक कठोर कदम उठाया है। प्रशासन ने घोषणा की है कि अब अमेरिका में मौजूद उन सभी ग्रीन कार्ड धारकों की “कड़ी और व्यापक समीक्षा” की जाएगी, जिनका संबंध “चिंता वाले देशों” से है।


USCIS डायरेक्टर ने की घोषणा

US Citizenship and Immigration Services (USCIS) के डायरेक्टर जोसेफ एडलो ने X पर पोस्ट करके यह जानकारी दी। उन्होंने लिखा

कि राष्ट्रपति के निर्देश पर, मैंने हर ‘चिंता वाले देश’ से आने वाले हर विदेशी नागरिक के ग्रीन कार्ड की सख़्त और व्यापक दोबारा जांच का आदेश दिया है।

एडलो ने कहा कि अमेरिका की सुरक्षा सर्वोपरि है और पिछली सरकार की “लापरवाह पुनर्वास नीतियों” का बोझ अमेरिकी जनता नहीं उठाएगी। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सुरक्षा किसी भी कीमत पर समझौते के योग्य नहीं है।


क्या इसका असर भारतीय ग्रीन कार्ड धारकों पर पड़ेगा?

इसका सबसे बड़ा सवाल भारतीय समुदाय के बीच यही था - क्या भारतीयों पर यह नई नीति लागू होगी?

जवाब है - नहीं।

क्योंकि भारत उन 19 हाई-रिस्क देशों में शामिल ही नहीं है, जिनके नागरिकों की ग्रीन कार्ड समीक्षा सख़्ती से की जाएगी।

ये 19 देश हैं 'चिंता वाले देश' :

अफगानिस्तान, म्यांमार, बुरुंडी, चाड, रिपब्लिक ऑफ़ कांगो, क्यूबा, इक्वेटोरियल गिनी, इरीट्रिया, हैती, ईरान, लाओस, लीबिया, सिएरा लियोन, सोमालिया, सूडान, टोगो, तुर्कमेनिस्तान, वेनेजुएला और यमन।

PTI की रिपोर्ट के मुताबिक यह वही देश हैं, जिन पर जून में ट्रंप प्रशासन ने ट्रैवल बैन लागू किया था।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, नई पॉलिसी के तहत USCIS अधिकारी इन 19 देशों से आने वाले आवेदकों के मामलों की जांच में देश-विशिष्ट जोखिम कारकों को ध्यान में रख सकेंगे।


ग्रीन कार्ड क्या होता है?

USCIS - जो कि डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी के अंतर्गत काम करता है, के अनुसार यह अपडेटेड पॉलिसी अब तुरंत प्रभाव से लागू हो गई है। यह उन सभी ग्रीन कार्ड से जुड़े अनुरोधों पर लागू होगी जो समीक्षा के लिए लंबित हैं, साथ ही उन आवेदनों पर भी जो 27 नवंबर के बाद जमा होंगे।

ग्रीन कार्ड, जिसे आधिकारिक रूप से परमानेंट रेजिडेंस कार्ड कहा जाता है, किसी भी विदेशी नागरिक को अमेरिका में कानूनी स्थायी निवास देता है।

इसके लाभ:

अमेरिका में बिना समय सीमा के रह सकते हैं

किसी भी क्षेत्र में काम कर सकते हैं

3 से 5 साल बाद नागरिकता का रास्ता खुलता है

लंबे समय तक देश में रहने की सुरक्षा मिलती है


यह कदम क्यों उठाया गया?

यह फैसला उस घटना के बाद आया जिसमें बुधवार को वॉशिंगटन डीसी में व्हाइट हाउस के पास अफगान नागरिक रहमानुल्लाह लाकनवाल ने दो नेशनल गार्ड्स पर गोली चलाई थी।

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लाकनवाल 2021 में जो बाइडेन प्रशासन के उस विशेष कार्यक्रम के तहत अमेरिका आया था, जिसमें अफगानिस्तान से निकाले गए हजारों नागरिकों को अमेरिका में पुनर्वास दिया गया था।

बाद में उसकी असाइलम (शरण) याचिका ट्रंप के कार्यकाल में मंज़ूर हो गई, जिससे वह आधिकारिक रूप से अमेरिका के इमीग्रेशन सिस्टम का हिस्सा बन गया।


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