अमेरिका में अब ट्रंप राज, दुनिया पर कैसे पड़ेगा असर?
Donald Trump: पिछले साल नवंबर में जब ट्रंप निर्वाचित हुए को कनाडा, मैक्सिको, चीन और ब्रिक्स को लेकर अपना नजरिया साफ किया है.
Donald Trump Oath: शक्तिशाली मुल्कों में से एक अमेरिका में अब डोनाल्ड ट्रंप का राज होगा. अमेरिका, एक ऐसा देश है, जो पूरी दुनिया को प्रभावित करता हो. पिछले साल नवंबर में जब ट्रंप (Donald Trump) निर्वाचित हुए को कनाडा, मैक्सिको, चीन और ब्रिक्स को लेकर अपना नजरिया साफ किया है. अब जब वो औपचारिक तौर पर राष्ट्रपति की गद्दी पर बैठेंगे तो तेवर वैसा ही रहेगा या उसमें कुछ बदलाव भी होगा. इस खास विषय पर द फेडरल देश खास परिचर्चा को पेश कर रहा है. हमारे इस खास कार्यक्रम में नीलू व्यास ने तीखे, गहरे, प्रासंगिक सवाल उठाए, जिसका जवाब हमारे पैनल ने दिया. द फेडरल देश के इस खास पैनल में द फेडरल के प्रधान संपादक एस श्रीनिवासन, पूर्व भारतीय राजदूत विवेक काटजू व मीरा शंकर और अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार संजय कपूर शामिल हुए.
इस दौरान पूर्व भारतीय राजदूत विवेक काटजू ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की कथनी और करनी में बहुत अंतर होता है. वह जोर-शोर से कहते कुछ और हैं. लेकिन जब पॉलिसी निकलती है तो कुछ और ही होती हैं. वह एक शक्तिशाली राष्ट्रपति हैं. क्योंकि अमेरिकी जनता ने उनको बहुमत दिया है. ऐसे में जो भी वह कहते हैं तो उसका असर दुनिया में पड़ना लाजिमी है.
पूर्व भारतीय राजदूत मीरा शंकर ने कहा कि अमेरिका की दोनों प्रमुख पार्टियां डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन भारत के साथ संबंध आगे ले जाना चाहती हैं. वहीं, ट्रंप (Donald Trump) सबसे पहले अपनी घरेलू नीतियों को प्राथमिकता देंगे. जैसा कि उन्होंने कहा कि मैं अवैध रूप से रह रहे प्रवासियों को बड़े पैमाने पर देश से बाहर भेज दूंगा. अमेरिका में इस समय 11 मिलियन से अधिक लोग अवैध रूप से रह रहे हैं. इनमें से 7 लाख से अधिक भारतीय हैं. अगर ट्रंप इनको देश से बाहर करते हैं तो भारत और अमेरिका के संबंधों पर असर पड़ सकता है.
अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार संजय कपूर ने कहा कि बाइडेन की नीतियों के खिलाप ट्रंप (Donald Trump) का पूरा चुनावी कैंपन रहा. जैसे कि बाइडेन के दौर में यूक्रेन को बड़े पैमाने पर हथियार दिए गए. अब ट्रंप इस पर रोक लगा पाएंगे कि नहीं. वहीं, गाजा में जैसे युद्ध विराम हो पाया है. वैसे ही रूस और यूक्रेन के बीच करा पाएंगे कि नहीं. ये बड़े सवाल हैं कि ट्रंप (Donald Trump) इन पर कितना कायम रह पाएंगे.
द फेडरल के प्रधान संपादक एस श्रीनिवासन ने कहा कि पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के रिश्ते काफी अच्छे रहे हैं. मीडिया में कई तरह के सवाल तब उठे जब ट्रंप (Donald Trump) के चुनावी कैंपेन के दौरान वह चाहते थे कि पीएम मोदी आएं. लेकिन वह नहीं जा पाए. ऐसे में अब शायद भारत को दोबारा से ट्रंप (Donald Trump) प्रशासन के साथ संबंध बनाना पड़ सकता है. हालांकि, यह तो राजनीतिक मुद्दे हैं. लेकिन फिलहाल अमेरिका को भारत की जरूरत है. यही वजह है कि भारत के साथ अमेरिका के संबंध लगातार मजबूत होते जा रहे हैं.
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