न्यू टैक्स रिजीम में कितना फायदा, आसान तरीके से समझिए गणित

बजट 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने न्यू टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार करने का फैसला किया है।

By :  Lalit Rai
Update: 2024-07-24 05:58 GMT

New Tax Regime:  बजट 2024 में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर के बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इसके सरलीकरण पर ध्यान दिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्यक्ष कर की मौजूदा ओल्ड और न्यू रिजीम में करीब दो तिहाई लोग न्यू रिजीम में हैं.यह बताता है कि न्यू टैक्स रिजीम कितनी फायदेमंद है. वित्त मंत्री ने बताया कि न्यू टैक्स रिजीम में अब स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा 50 हजार से बढ़ाकर 74 हजार होगी. इसके साथ ही इनकम स्लैब में थोड़ा परिवर्तन किया है. यहां हम आसान तरीके से समझाने की कोशिश करेंगे कि आपको अब कितना फायदा होगा.

आसान तरीके से समझिए गणित
मान लीजिए कि आप की इनकम 8 लाख रुपए है. जब स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा 50 हजार थी उस वक्त आप की करयोग्य आय सात लाख पचास हजार होती थी. यानी कि टैक्स के रूप में आपको 31,200 देने पड़ते थे. लेकिन अब स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा 75 हजार रुपए होने पर कर योग्य आय 7, 25000 होगी और 23,400 रुपए टैक्स देने होंगे यानी कि आप 7800 रुपए की बचत कर सकेंगे.

 

इसी तरह अगर आप की वार्षिक इनकम 12 लाख है तो पहले स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा 50 हजार पर कर योग्य इनकम 11,50000 होती थी और टैक्स 85,800 रुपए देने पड़ते थे.जबकि अब स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा 75 हजार होने पर कर योग्य इनकम 11,2500 हजार होगी और 71,500 रुपए टैक्स देने होंगे इस तरह से आप पहले की तुलना में 14,300 रुपए बचा सकेंगे.



अगर आपकी इनकम 25 लाख वार्षिक है तो स्टैंडर्ड डिडक्शन 50 हजार होने पर करयोग्य आय 24, 5000 हजार होगी और टैक्स के रूप में आप को 4, 52000 देने पड़ते हैं. लेकिन स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा 75 हजार होने पर कर योग्य आय 24,25000 रुपए होगी और टैक्स के तौर पर 4,34000 देने होंगे इस तरह से आप 18,200 रुपए बचा सकेंगे.

न्यू टैक्स रिजीम को आकर्षक बनाने की पहल
काफी समय पहले टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया था। यह दूसरी दफा है जब स्लैब में बदलाव किया गया है. पिछले साल इनकम टैक्स स्लैब को सात से घटाकर 6 कर दिया गया था। नई व्यवस्था में स्टैंडर्ड डिडक्शन सीमा में बदलाव कर टैक्सपेयर के लिए आकर्षक बनाया गया है। इस रिजीम की खास बात यह है कि अगर कोई नौकरीपेशा शख्स अगर पुराने टैक्स रिजीम का चयन नहीं करता है तो उसे न्यू टैक्स रिजीम में माना जाएगा और उसकी आय के आधार पर टैक्स लगेगा.

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