अमेरिका-जापान के स्टॉक्स पर असर, चीन के 'डीप सीक' से क्या है कनेक्शन
AI स्टार्टअप डीप सीक (चीनी फर्म) ने दावा किया है इस तकनीक के विकास में बड़े निवेश की जरूरत नहीं है। उसका असर अमेरिका-जापान के स्टॉक्स में बिकवाली के तौर पर देखा गया।;
Deep Seek AI Start- UP: इसमें अब दो मत नहीं कि आने वाली दुनिया में एआई का महत्व कितने बढ़ने जा रहा है। दुनिया के समृद्ध देश अब इस तकनीक के जरिए अलग तरह की आर्थिक लड़ाई में कूद चुके हैं। अगर वैश्विक स्तर पर देखें तो अमेरिकी, चीन और जापान का दबदबा है। ऐसे में इसके असर से शेयर बाजार भी अछूता नहीं है। हाल ही में चीन के एआई स्टार्टअप डीप सीक ने दावा किया है कि एआई की दुनिया में बड़े पैमाने पर निवेश की जरूरत नहीं है और उसका असर अमेरिका (American Stocks) और जापान (Japan Stocks) के स्टॉक्स पर नजर आया। दोनों देशों के स्टॉक्स में जबरदस्त बिकवाली दर्ज की गई। इसे एआई के क्षेत्र में अमेरिकी दबदबे को तोड़ने की चीनी कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है।
डीपसीक ने दिसंबर के अंत में एक बड़ा भाषा मॉडल (LLM) जारी किया, जिसका प्रदर्शन ओपनएआई और अन्य एआई सिस्टम के बराबर था, भले ही अमेरिकी सरकार ने उन्नत चिप्स के निर्यात पर प्रतिबंध लगा रखे थे। 20 जनवरी को, डीपसीक ने एक और एलएलएम जारी किया, जिसके बारे में उसने कहा कि इसे ओपनएआई, अल्फाबेट (GOOGL) गूगल, मेटा प्लेटफॉर्म (META) और अन्य अमेरिकी कंपनियों के एआई सिस्टम की लागत के एक अंश पर प्रशिक्षित किया गया था।
ओपनएआई (Open AI) और गूगल (Google) ने जहां मालिकाना एआई मॉडल विकसित किए हैं, वहीं डीपसीक ने व्यापक रूप से उपलब्ध ओपन सोर्स तकनीक पर भरोसा किया है। डीपसीक एआई मॉडल बनाने के लिए किस एनवीडिया चिप (Nvidia chips) का इस्तेमाल कर रहा है, इस पर रिपोर्ट में मतभेद हैं। कुछ रिपोर्ट कम शक्तिशाली H800 चिप्स की ओर इशारा करती हैं, वहीं अन्य का दावा है कि डीपसीक की पैरेंट कंपनी हाई-फ्लायर अमेरिकी निर्यात प्रतिबंधों के बावजूद अधिक उन्नत H100 एनवीडिया एआई चिप्स खरीदने में कामयाब रही है।
फिर भी, रविवार की रात स्टॉक फ्यूचर्स में भारी गिरावट आई। रॉबिनहुड पर एनवीडिया और अन्य एआई स्टॉक के कम होने के संकेत के कारण नैस्डैक फ्यूचर्स में बिकवाली हुई। शुक्रवार को ही डीप सीक के दावे का असर एनवीडिया और अन्य एआई हार्डवेयर स्टॉक पर नजर आने लगा था।
एआई स्टॉक पर डीपसीक ने उठाए सवाल
डीपसीक के पास स्पष्ट रूप से अमेरिकी हाइपरस्केलर्स जितनी कंप्यूटिंग क्षमता नहीं है और किसी तरह से वह एक ऐसा मॉडल विकसित करने में कामयाब रही जो अत्यधिक प्रतिस्पर्धी प्रतीत होता है। बिजनेस के जानकारों का कहना है कि स्वाभाविक प्रश्न यह है कि डीपसीक के उभरने से कंप्यूट इंटेंसिटी ग्रोथ और हार्डवेयर/सेमीकंडक्टर की मांग पर क्या प्रभाव पड़ेगा? स्टार्टअप ओपनएआई और एंथ्रोपिक बड़े, मल्टीमॉडल और छोटे भाषा आधार मॉडल विकसित करने में गूगल, मेटा और अन्य से मुकाबला कर रहे हैं।
इसके अलावा, डीपसीक ने कथित तौर पर अपने नवीनतम एआई मॉडल को विकसित करने के लिए दो महीनों में केवल $5.6 मिलियन खर्च किए, जैसा कि अर्थशास्त्री एड यार्डेनी ने एक रिपोर्ट में बताया है। यार्डेनी ने कहा, गूगल, मेटा, माइक्रोसॉफ्ट (Micrsoft) और अन्य द्वारा भारी पूंजीगत खर्च में वृद्धि के बीच डीपसीक की सफलता अमेरिकी आय रिपोर्ट पर भारी पड़ सकती है। बता दें कि माइक्रोसॉफ्ट ओपनएआई में सबसे बड़ा निवेशक है।
यार्डेनी ने कहा कि यह मैग्निफिसेंट 7 के लिए बुरी खबर हो सकती है, जिनकी योजना अपनी महंगी एआई सेवाओं के साथ एआई बाजार पर हावी होने की थी। सवाल यह है कि क्या वे निराश करेंगे क्योंकि एआई पर उनका पूंजीगत खर्च उनके राजस्व की तुलना में तेजी से बढ़ रहा है। इससे उनका सामूहिक लाभ मार्जिन कम हो सकता है।" उन्होंने कहा कि चिपमेकर एनवीडिया भी प्रभावित हो सकता है।
जानकार कहते हैं कि इसका तार्किक विश्लेषण यह है कि डीपसीक यूएस हाइपरस्केलर्स के बीच लाभ उठाने के लिए और भी अधिक तत्परता लाएगा ताकि वे खुद को सस्ते विकल्पों से दूर कर सकें।
एनवीडिया 26 फरवरी को जारी करेगा बैलेंस शीट
इसके अलावा, एनवीडिया एआई स्टॉक के लिए एक बेलवेदर रहा है। एनवीडिया स्टॉक की आय 26 फरवरी को आने वाली है। एनवीडिया उन एआई स्टॉक में से है जिन पर नजर रखी जानी चाहिए।एनवीडिया स्टॉक के लिए, 2025 में अगली पीढ़ी के ब्लैकवेल (H200) एआई चिप्स का उत्पादन बढ़ाना एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है।
इसके अलावा, एनवीडिया ने बिडेन प्रशासन द्वारा घोषित किए नए चिप निर्यात प्रतिबंधों की आलोचना की है। वैश्विक एआई चिप नियंत्रण (AI Market) प्रणाली 20 यू.एस.-मित्र देशों को प्राथमिकता देती है और चीन और अन्य देशों को उपलब्ध कंप्यूटर प्रसंस्करण शक्ति को सीमित करती है।यह देखना बाकी है कि राष्ट्रपति ट्रंप नए निर्यात नियमों का पालन करते हैं या नहीं।
एआई का चलन मुख्य रूप से बड़े भाषा मॉडल या एलएलएम पर निर्भर रहा है, जिसके लिए प्रशिक्षित होने के लिए बड़ी मात्रा में डेटा की आवश्यकता होती है। बड़े भाषा मॉडल उपयोगकर्ताओं को एल्गोरिदम लिखने की आवश्यकता के बिना एआई सिस्टम के साथ बातचीत करने की अनुमति देते हैं। ओपन-सोर्स मॉडल की क्षमताएं, जो डेवलपर्स के लिए मुफ्त है, जिसमें मेटा(META) अग्रणी प्रस्तावक के रूप में उभर रहा है।