इंडिगो की 100 से ज़्यादा उड़ानें रद्द होने पर DGCA ने शुरू की जांच, राहत प्लान मांगा
इंडिगो ने अव्यवस्था के लिए 'अचानक ऑपरेशनल चुनौतियों' और नए पायलट ड्यूटी नियमों को ज़िम्मेदार ठहराया; DGCA ने नवंबर में 1,232 फ्लाइट्स कैंसल होने के बाद डिटेल्ड रिडक्शन प्लान मांगा
By : The Federal
Update: 2025-12-04 02:59 GMT
India Flight Crisis : देश की बड़ी एयरलाइन इंडिगो हाल ही में ऑपरेशन में भारी गड़बड़ी का सामना कर रही है। बुधवार को विभिन्न हवाईअड्डों पर 100 से अधिक फ्लाइट्स रद्द हो गईं, जबकि दर्जनों उड़ानें देरी का सामना कर रही थीं। यह परेशानी मुख्य रूप से क्रू शॉर्टेज और नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन नियमों के कारण उत्पन्न हुई।
फ्लाइट रद्द और शेड्यूल में बदलाव
इंडिगो ने हाल ही में कुछ “समायोजित बदलाव” की घोषणा की थी, जिसके तहत कुछ उड़ानों को रद्द किया गया और शेड्यूल में बदलाव किया गया। इसके बावजूद, बुधवार को हवाईअड्डों पर हजारों यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। एयरलाइन ने कहा कि पिछले दो दिनों में “अनेकों अप्रत्याशित ऑपरेशनल चुनौतियों” ने उसके नेटवर्क को काफी प्रभावित किया।
एयरलाइन के प्रवक्ता के अनुसार इन ऑपरेशनल चुनौतियों में शामिल हैं:
छोटी तकनीकी गड़बड़ियां
सर्दियों के मौसम के कारण शेड्यूल में बदलाव
प्रतिकूल मौसम
हवाई संचालन में बढ़ती भीड़
नए क्रू रोस्टरिंग नियम (FDTL) का पालन
इन सबका संयुक्त असर ऑपरेशन्स पर इस तरह पड़ा कि इसे पहले से भांपना मुश्किल था।
क्रू की कमी बनी मुख्य वजह
लगभग 150 उड़ानें रद्द की गईं, जिनमें दिल्ली, बेंगलुरु, मुंबई, हैदराबाद और कोलकाता जैसे बड़े हवाईअड्डे शामिल हैं। बेंगलुरु में 42, दिल्ली में 38, मुंबई में 33, हैदराबाद में 19 और कोलकाता में 10 उड़ानें रद्द हुईं। इसके अलावा दर्जनों उड़ानें देर से चलीं।
सूत्रों के अनुसार, “FDTL नियमों के दूसरे चरण के लागू होने के बाद से इंडिगो को क्रू की गंभीर कमी का सामना करना पड़ रहा है, जिससे फ्लाइट्स रद्द और देरी का सामना करना पड़ रहा है।”
सोशल मीडिया पर यात्रियों के गुस्से वाले वीडियो वायरल हुए, जिनमें वे एयरलाइन कर्मचारियों से फ्लाइट रद्द होने को लेकर बहस करते दिखे। 2 दिसंबर को इंडिगो की ऑन टाइम परफॉर्मेंस (OTP) केवल 35% रही।
नवंबर में भी बड़ी संख्या में रद्द उड़ानें
DGCA ने इंडिगो से मिली जानकारी के आधार पर बताया कि नवंबर में कुल 1,232 उड़ानें रद्द हुईं, जिनमें 755 क्रू और FDTL नियमों के कारण, 258 हवाईअड्डा/वायु क्षेत्र प्रतिबंधों के कारण, 92 ATC सिस्टम फेल्योर के कारण और 127 अन्य कारणों से रद्द हुईं।
FDTL नियम और एयरलाइन की आपत्ति
नए FDTL नियमों में शामिल हैं:
साप्ताहिक विश्राम अवधि 48 घंटे तक बढ़ाना
रात के समय में उड़ानों की संख्या सीमित करना (पहले 6, अब 2)
रात के घंटों का विस्तार
शुरुआत में इंडिगो और एयर इंडिया जैसी एयरलाइंस ने इन नियमों का विरोध किया था, लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट के निर्देश के बाद DGCA ने इन्हें चरणबद्ध तरीके से लागू किया।
एयरलाइन की प्रतिक्रिया
इंडिगो ने कहा कि उसने समायोजित शेड्यूल लागू कर दिए हैं ताकि ऑपरेशन्स सामान्य हो सकें। अगले 48 घंटों तक ये उपाय जारी रहेंगे, जिससे फ्लाइट्स की समयपालन क्षमता धीरे-धीरे लौट सके। प्रभावित यात्रियों को वैकल्पिक यात्रा विकल्प या रिफंड भी प्रदान किया जा रहा है।
पायलटों का आरोप
एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ALPA) ने कहा कि इंडिगो में ऑपरेशनल गड़बड़ी प्रोएक्टिव रिसोर्स प्लानिंग में विफलता का परिणाम है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि एयरलाइन शायद नए FDTL नियमों में ढील पाने के लिए दबाव बना रही है।
दूसरी पायलट एसोसिएशन, फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (FIP) ने कहा कि हाल की फ्लाइट रद्दीकरण की घटनाओं के लिए FDTL नियम जिम्मेदार नहीं हैं। अन्य एयरलाइंस ने पर्याप्त पायलट रखे हैं और समय पर योजना बनाकर संचालन को प्रभावित नहीं होने दिया।
FIP ने कहा कि इंडिगो की लीन-मैनपावर रणनीति ही इन समस्याओं की मुख्य वजह है। उन्होंने DGCA से आग्रह किया कि केवल उन एयरलाइंस को सीज़नल शेड्यूल मंजूर किया जाए जिनके पास पर्याप्त पायलट हों। साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि यदि इंडिगो यात्रियों को समय पर सेवा देने में विफल रहती है, तो एयर इंडिया, अकासा एयर और अन्य एयरलाइंस को स्लॉट पुनः आवंटित किया जाए।