ट्रंप का बड़ा दावा, 'भारत ने की टैरिफ शून्य करने की पेशकश,' ट्रंप बोले-'अब देर हो गई'
ट्रंप ने कहा कि भारत का ज़ीरो-टैरिफ ऑफ़र बहुत देर से आया। उन्होंने भारत-अमेरिका व्यापार संबंध को ‘एकतरफा आपदा’ करार दिया। बोले-भारत की रूस पर तेल और रक्षा आयातों की भारी निर्भरता की ओर इशारा;
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार (1 सितम्बर) को भारत और अमेरिका के बीच के व्यापार संबंधों को “पूरी तरह से एकतरफा आपदा” करार दिया। उन्होंने दावा किया कि भारत अब टैरिफ को शून्य तक घटाने का प्रस्ताव दे चुका है, लेकिन उनका कहना था कि यह कदम बहुत देर से उठाया जा रहा है।
ट्रम्प ने यह भी कहा कि भारत अपना अधिकांश तेल और सैन्य उपकरण रूस से खरीदता है, जबकि अमेरिका से केवल बहुत छोटा हिस्सा आता है। ये टिप्पणियां ऐसे समय में आई हैं जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता की।
ट्रम्प ने Truth Social पर पोस्ट में कहा, “ज्यादातर लोग यह नहीं समझते कि हम भारत के साथ बहुत कम व्यापार करते हैं, लेकिन वे हमारे साथ अत्यधिक व्यापार करते हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि भारत अमेरिका को, जो उसका सबसे बड़ा “ग्राहक” है, “विशाल” मात्रा में सामान बेचता है, “लेकिन हम उन्हें बहुत कम बेचते हैं, अब तक पूरी तरह से एकतरफा संबंध रहा है, और यह कई दशकों से ऐसा है। कारण यह है कि भारत ने अब तक हमसे इतना अधिक टैरिफ लिया, जितना किसी अन्य देश ने नहीं लिया, कि हमारे व्यवसाय भारत में बेचने में असमर्थ रहे।”
ट्रम्प ने कहा, “यह पूरी तरह से एकतरफा आपदा रही है! साथ ही, भारत अपना अधिकांश तेल और सैन्य उत्पाद रूस से खरीदता है, अमेरिका से बहुत कम। अब उन्होंने अपने टैरिफ को शून्य तक घटाने का प्रस्ताव रखा है, लेकिन यह बहुत देर से आया। उन्हें यह कई साल पहले करना चाहिए था। बस कुछ सरल तथ्य हैं, जिन पर लोगों को विचार करना चाहिए!!!”
ट्रम्प प्रशासन ने भारत पर 25 प्रतिशत पारस्परिक टैरिफ लगाए हैं और साथ ही भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगाया है, जिससे भारत पर कुल 50 प्रतिशत शुल्क लागू हो गया है, जो दुनिया में सबसे अधिक में से एक है।
भारत ने अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ को “अन्यायपूर्ण और असंगत” बताया है। नई दिल्ली ने कहा कि किसी भी बड़ी अर्थव्यवस्था की तरह, यह अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।