अनिल अंबानी को पूछताछ के लिए समन, 5 अगस्त को ED ने बुलाया
हजारों करोड़ के बैंक लोन फ्रॉड मामले में ईडी ने अनिल अंबानी को समन भेजा है। 5 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया है। पहले उनकी कंपनियों पर छापेमारी हुई थी।;
Anil Ambani ED Summon News: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी को 5 अगस्त को पूछताछ के लिए तलब किया है। यह समन एक कथित 3,000 करोड़ रुपए के बैंक लोन फ्रॉड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले के सिलसिले में भेजा गया है। ईडी की यह कार्रवाई उस समय सामने आई है जब कुछ ही दिन पहले एजेंसी ने अनिल अंबानी से जुड़ी कंपनियों पर छापेमारी की थी। इस दौरान जांच अधिकारियों ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और कंप्यूटर से जुड़ा इलेक्ट्रॉनिक सामान विभिन्न ठिकानों से जब्त किया।
ई़डी की कार्रवाई
ईडी का यह कदम देश के हाई-प्रोफाइल कॉर्पोरेट घोटालों के खिलाफ चल रही व्यापक जांच का हिस्सा माना जा रहा है। एजेंसी अब अनिल अंबानी से इस मामले में उनकी भूमिका और फंड के प्रवाह से संबंधित बिंदुओं पर विस्तृत पूछताछ कर सकती है। यह जांच कथित रूप से बैंकों से लिए गए कर्ज की हेराफेरी और उसका दुरुपयोग कर अवैध रूप से धन को इधर-उधर करने से जुड़ी है। एजेंसी का मानना है कि इस प्रक्रिया में मनी लॉन्ड्रिंग की गतिविधियां शामिल हो सकती हैं।ईडी की इस कार्रवाई का दायरा केवल 3,000 करोड़ रुपये तक सीमित नहीं है। जांच एजेंसी का मानना है कि अंबानी समूह की विभिन्न कंपनियों के माध्यम से कुल 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की रकम को कथित रूप से डायवर्ट किया गया है। इसमें शेल कंपनियों के माध्यम से धन के गबन और बोगस लेन-देन की आशंका जताई जा रही है।
ईडी का यह मामला 2017 से 2019 के बीच यस बैंक द्वारा दी गई संदिग्ध ऋण स्वीकृतियों से जुड़ा है। जांच में यह भी सामने आया है कि ऋण स्वीकृति से ठीक पहले यस बैंक के प्रमोटरों के स्वामित्व वाली संस्थाओं को बड़ी रकम ट्रांसफर की गई थी, जिससे रिश्वत और फायदे के बदले कर्ज देने की आशंका जताई गई है।
सेबी, एनएचबी और सीबीआई रिपोर्टों से मिला आधार
ईडी की मनी लॉन्ड्रिंग जांच की नींव सीबीआई की दो एफआईआर, नेशनल हाउसिंग बैंक (एनएचबी), सेबी, नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी (NFRA) और बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्टों पर आधारित है। इन दस्तावेज़ों में यह आशंका जताई गई है कि एक पूर्व-नियोजित योजना के तहत बैंकों, निवेशकों और अन्य सार्वजनिक संस्थाओं को धोखा देकर भारी मात्रा में सार्वजनिक धन का दुरुपयोग किया गया।
आरकॉम, आरएचएफएल, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर भी रडार पर
ईडी की जांच में रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCOM), रिलायंस होम फाइनेंस (RHFL), रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर समेत कई कंपनियां शामिल हैं। हालांकि, रिलायंस पावर और इंफ्रास्ट्रक्चर ने स्टॉक एक्सचेंज को दिए बयानों में कहा है कि इन कार्रवाइयों का उनके संचालन, वित्तीय स्थिति या शेयरधारकों पर कोई असर नहीं पड़ा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अनिल अंबानी इन कंपनियों के बोर्ड में नहीं हैं और न ही इनका RCOM या RHFL से कोई सीधा वित्तीय संबंध है।
इसके अतिरिक्त, RCOM और केनरा बैंक के बीच 1,050 करोड़ रुपये के बैंक लोन फ्राॅड की भी जांच की जा रही है। इसके साथ ही कुछ विदेशी बैंक खातों और अघोषित संपत्तियों की भी ईडी द्वारा पड़ताल की जा रही है।
AT-1 बॉन्ड्स में निवेश पर भी शक
एजेंसी यह भी जांच कर रही है कि रिलायंस म्यूचुअल फंड ने जिन AT-1 (एडिशनल टियर-1) बॉन्ड्स में लगभग 2,850 करोड़ रुपये का निवेश किया, उसमें ‘क्विड प्रोक्वो’ यानी प्रतिदान की शर्तें तो नहीं थीं। ये बॉन्ड्स जोखिमभरे होते हैं और अक्सर उच्च ब्याज दरों के साथ जारी किए जाते हैं।
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)