एलन मस्क की Starlink को भारत सरकार से मिली मंजूरी, सैटेलाइट इंटरनेट सर्विसेज जल्द होगी लॉन्च

Starlink अब भारत में इस तरह की सेवा देने वाली तीसरी कंपनी बन गई है। इससे पहले OneWeb भारती एयरटेल की साझेदारी के साथ और रिलायंस जियो को पहले ही ये मंजूरी मिल चुकी है।;

Update: 2025-06-06 12:05 GMT
Starlink कोसैटेलाइट के जरिए इंटरनेट सेवा देने की जरूरी मंजूरी मिल गई है।

एलन मस्क की कंपनी Starlink को भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) से सैटेलाइट के जरिए इंटरनेट सेवा देने की जरूरी मंजूरी मिल गई है। Starlink को GMPCS लाइसेंस मिला है, जो भारत में सैटेलाइट इंटरनेट देने की अनुमति देता है। Starlink अब भारत में इस तरह की सेवा देने वाली तीसरी कंपनी बन गई है। इससे पहले OneWeb (भारती एयरटेल की साझेदारी के साथ और रिलायंस जियो को पहले ही ये मंजूरी मिल चुकी है।

संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि अगला कदम स्पेक्ट्रम (फ्रीक्वेंसी) देना होगा। इसके बाद देशभर में Starlink की सेवा शुरू की जा सकेगी। उन्होंने कहा, "अब सैटेलाइट इंटरनेट सेवा बहुत तेज़ी से शुरू होगी और मुझे उम्मीद है कि भारत में बहुत सारे लोग इसका फायदा उठाएंगे।"

Starlink पहले 2021 में भारत में सेवा शुरू करना चाहती थी, लेकिन नियमों की वजह से उसे रुकना पड़ा था और लोगों को पैसे वापस करने पड़े थे। अब इस नई मंजूरी से कंपनी दोबारा भारत में काम शुरू कर सकेगी। दूसरी तरफ, Amazon की Project Kuiper सेवा अब भी भारत में मंजूरी का इंतज़ार कर रही है।

सिंधिया ने कहा कि गांवों और दूर-दराज के इलाकों में जहां मोबाइल टावर या फाइबर केबल बिछाना मुश्किल होता है, वहां सैटेलाइट इंटरनेट बहुत काम आ सकता है। "जैसे पहले सिर्फ लैंडलाइन होती थी, अब मोबाइल, ब्रॉडबैंड और फाइबर है। अब सैटेलाइट भी ज़रूरी है।"

क्या फायदा होगा?

इस मंजूरी से अब भारत में "आसमान से इंटरनेट" यानी सैटेलाइट के ज़रिए इंटरनेट की सुविधा मिलेगी। इससे उन जगहों पर भी तेज़ इंटरनेट पहुंच सकेगा, जहां अभी तक नेटवर्क नहीं पहुंच पाया है।

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