ट्रंप की 25% टैरिफ की घोषणा पर FICCI ने जताई निराशा, एक्सपोर्ट पर असर पड़ने की आशंका जताई

अमेरिका भारतीय निर्यातकों के लिए एक अहम बाजार है, चाहे वह वस्तुओं का व्यापार हो या सेवाओं का। उद्योग जगत अमेरिका के साथ दीर्घकालिक और स्थायी व्यापार समझौता चाहता है।;

Update: 2025-07-30 15:55 GMT
FICCI को उम्मीद है कि यह ऊंचा टैरिफ अस्थायी होगा और भारत-अमेरिका के बीच एक स्थायी व्यापार समझौता जल्द ही अंतिम रूप लेगा

भारत में उद्योगों के समूह FICCI ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत पर 25% टैरिफ की घोषणा पर गहरी निराशा है। फिक्की ने आशंका जताई है कि इससे एक्सपोर्ट पर असर पड़ सकता है।

ट्रंप ने 1 अगस्त 2025 से भारत से निर्यात पर 25% शुल्क और द्वितीयक प्रतिबंध (secondary sanctions) लगाने की घोषणा की है। उस पर प्रतिक्रिया देते हुए, फिक्की (FICCI) के अध्यक्ष श्री हर्षवर्धन अग्रवाल ने कहा, “भारत से निर्यात पर 25% शुल्क और द्वितीयक प्रतिबंध लगाने के अमेरिका के फैसले से फिक्की निराश है। यह निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है और हमारे निर्यात पर स्पष्ट रूप से असर डालेगा। हमें उम्मीद है कि यह ऊँचा शुल्क अस्थायी होगा और भारत-अमेरिका के बीच एक स्थायी व्यापार समझौता जल्द ही अंतिम रूप लेगा।”

उन्होंने आगे कहा, “भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से साझेदारी रही है, जो तकनीक, रक्षा, ऊर्जा और एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग जैसे कई क्षेत्रों में गहराते संबंधों से और मजबूत हुई है। हमारे दोनों देशों के बीच मिलकर काफी कुछ हासिल किया जा सकता है और फिक्की को पूरा विश्वास है कि चल रही विस्तृत चर्चाओं के बाद दोनों देशों के लिए लाभकारी परिणाम सामने आएंगे और व्यापार समझौते की रूपरेखा स्पष्ट होगी।”

भारत इस वर्ष की शुरुआत से अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौता (BTA) करने की दिशा में सक्रिय रूप से बातचीत कर रहा है। हमें समझ है कि अमेरिका की ओर से कुछ विशेष मांगें की गई थीं, जो हमारे राष्ट्रीय हित में नहीं थीं, इसलिए भारत सरकार ने उन्हें स्वीकार नहीं किया। अगस्त के दूसरे भाग में अमेरिकी वार्ताकार भारत आ रहे हैं ताकि बीटीए पर आगे की चर्चा हो सके। हमें उम्मीद है कि दोनों पक्ष बातचीत में प्रगति करेंगे और सितंबर-अक्टूबर 2025 तक समझौते को अंतिम रूप देंगे।

अमेरिका भारतीय निर्यातकों के लिए एक अहम बाजार है, चाहे वह वस्तुओं का व्यापार हो या सेवाओं का। उद्योग जगत अमेरिका के साथ दीर्घकालिक और स्थायी व्यापार समझौता चाहता है। जैसा कि हमारे माननीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने कहा है, भारत व्यापार वार्ताओं में समयसीमा से अधिक अपने राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता देगा। उद्देश्य एक ऐसा समझौता करना है जो दीर्घकालिक लाभ दे, न कि एक ऐसा समझौता जो केवल तात्कालिक फायदा दे और भविष्य में नकारात्मक परिणाम लाए।

यह भी ध्यान देने योग्य है कि भारत अमेरिका के व्यवसायों के लिए एक बड़ा बाजार है और कई बड़ी अमेरिकी कंपनियाँ भारत की मांग, कुशलता और प्रतिभा का लाभ उठाकर फायदा प्राप्त कर रही हैं।

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