गौतम अडानी के खिलाफ भारत में रिश्वत का आरोप US में केस, क्या है यह मामला

हिंडेनबर्ग के लपेटे से बाहर आने के बाद उद्योगपति गौतम अडानी पर ना सिर्फ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। बल्कि अमेरिकी अदालत में केस भी चल रहा है।

By :  Lalit Rai
Update: 2024-11-22 03:15 GMT

Gautam Adani News:  भारत ही नहीं दुनिया के भी मशहूर उद्योगपति गौतम अडानी एक बार फिर चर्चा में हैं। चर्चा की वजह यह है कि अमेरिका की एक अदालत(न्यूयॉर्क डिस्ट्रिक्ट कोर्ट) ने उनके खिलाफ कुछ आरोप तय किए हैं। आपके दिमाग में यह सवाल कौंध रहा होगा कि अमेरिका में गौतम अडानी का वेंचर नहीं है। उसके बाद भी केस क्यों चल रहा है। यह पूरा मामला इतना उलझा हुआ है कि समझने में शायद आप दिमाग चकरा जाए। लेकिन यहां हम आसान तरीके से समझाएंगे कि पूरा मामला क्या है। अमेरिका में केस के पीछे की वजह क्या है। दरअसल इस पूरे मामले में मारीशस की अज्योर कंपनी की भूमिका को समझना जरूरी होगा। जैसा कि हम सब जानते हैं कि अडानी की कंपनी सोलर पावर के भी धंधे में हैं। सोलर पावर के धंधे को आगे बढ़ावे के लिए अडानी ने मारीशस की अज्योर से करार किया था। सवाल फिर वही कि इसमें गलत क्या है। उद्योग धंधा तो साझेदारी में भी होता है। लेकिन बात इतनी सीधी नहीं। 

अडानी के सोलर संयत्र से जो बिजली पैदा होती थी उसके लिए खरीददार चाहिए था। अब भारत में सीधे सीधे कोई ग्राहक बिजली की खरीद नहीं करता। ग्राहक राज्य बिजली बोर्ड के जरिए बिजली खरीदते हैं और उसका बिल अदा करते हैं। इसी तरह से राज्य सरकारें भी बिजली खरीदती हैं। अब भारत में यह व्यवस्था है कि कोई भी राज्य सरकार किसी प्राइवेट बिजली सप्लायर से बिजली खरीद नहीं करेगा। इसके लिए केंद्रीय स्तर पर सोलर पावर इंडिया का गठन किया गया। यानी कि राज्य सरकारें बिजली की खरीद इस संस्था के जरिए करेंगे और इस संस्था को बिजली प्राइवेट कंपनी करेगी। यहां तक भी किसी परेशानी या कानूनी पेंच नहीं है।

लेकिन आज जो भी मामला सामने आया है उसमें असली खेल तब शुरू होता है जब कुछ राज्य सरकारें जैसे आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु पहले अधिक दाम की वजह से बिजली खरीद से मना करती हैं। लेकिन जब रिश्वत की रकम पहुंच जाती है तो मामला सुलझ जाता है। यानी कि अडानी की कपंनी को जो कांट्र्रेक्ट मिला उसमें रिश्वतखोरी की गई थी। यही नहीं आरोप ये भी है गौतम अडानी संबंधित अधिकारियों से खुद मिले थे। अगर ऐसा है भी तो केस अमेरिका में क्यों चलना चाहिए। अब इस प्रकरण में मारीशस की अज्योर कंपनी की भूमिका को समझना होगा। 

मारीशस की अज्योर कंपनी, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्स्चेंज में लिस्टेड हैं। इस कंपनी के जरिए अमेरिकी निवेशकों ने गौतम अडानी की कंपनी द्वारा पेश किए बांड में पैसा लगाया था। अब चूंकि अडानी की कपंनी पर भ्रष्टाचार के मामले सामने आए जो अमेरिकी कानूनों के खिलाफ है। अमेरिका में फॉरेन करप्शन प्रैक्टिस एक्ट के तहत उन संस्थाओं पर कार्रवाई की जाती है जो गलत तरह से किसी सौदे को हासिल किए हों। अब अमेरिकी जांच में जब यह बात पुष्ट हुआ कि अडानी की कंपनी गलत तस्वीर अमेरिकी निवेशकों के सामने पेश कर रही थी तो अमेरिकी इंवेस्टर्स के हितों को ध्यान में रखकर अमेरिकी अदालत ने केस चलाने का फैसला किया। 


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