अमेरिकी टीम ने टाला भारत दौरा, अधर में लटका व्यापार समझौता

Trump India tariffs: व्यापार समझौता भारत की कृषि संरक्षण नीति पर आकर अटक गया है. अमेरिका चाहता है कि उसके कृषि और डेयरी उत्पादों को भारतीय बाजार तक पूरी पहुंच मिले, जबकि भारत हर व्यापार समझौते में अपने किसानों, मछुआरों और पशुपालकों के हितों की रक्षा करता आया है.;

Update: 2025-08-17 01:59 GMT

India-US trade talks: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के बाद फरवरी में शुरू हुई भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता फिलहाल स्थगित कर दी गई है. अगस्त के दूसरे पखवाड़े में अमेरिका से अधिकारियों के भारत दौरे को अमेरिकी पक्ष ने फिलहाल रोक दिया है. यह रुकावट ऐसे समय आई है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय वस्तुओं पर 50% तक शुल्क लगाने की घोषणा की है, जो कि किसी भी देश पर लगाया गया अब तक का सबसे अधिक शुल्क है. इसमें से 25% शुल्क पहले ही लागू हो चुका है, जबकि शेष 25% रूसी तेल व्यापार पर भारत की स्थिति और भू-राजनीतिक घटनाक्रमों पर निर्भर करेगा.

कृषि बना सबसे बड़ी रुकावट

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, व्यापार समझौता भारत की कृषि संरक्षण नीति पर आकर अटक गया है. अमेरिका चाहता है कि उसके कृषि और डेयरी उत्पादों को भारतीय बाजार तक पूरी पहुंच मिले, जबकि भारत हर व्यापार समझौते में अपने किसानों, मछुआरों और पशुपालकों के हितों की रक्षा करता आया है.

स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने दोहराया कि देश अपने किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगा. इसके पहले 7 अगस्त को जब ट्रंप ने भारत पर अतिरिक्त 25% शुल्क की घोषणा की थी, मोदी ने स्पष्ट कहा था कि वे "व्यक्तिगत हानि उठाकर भी" किसानों के हितों से समझौता नहीं करेंगे.

भूराजनीतिक संकट और अमेरिकी सख्ती

रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन की बातचीत के बावजूद युद्धविराम नहीं हो सका. ऐसे में भारत पर शुल्क कब कम होंगे, इसकी कोई स्पष्टता नहीं है. ट्रंप ने अलास्का में हुई शिखर वार्ता के बाद दावा किया कि "प्रगति हुई है", लेकिन अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने चेतावनी दी है कि अगर हालात बिगड़ते हैं तो भारत पर और अधिक प्रतिबंध (Secondary Tariffs) लगाए जा सकते हैं.

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