महंगे सोने के बावजूद बढ़ गया सोने का आयात, RBI के गोल्ड रिजर्व में जोरदार उछाल
ट्रंप की टैरिफ नीति के चलते पैदा हुए वैश्विक आर्थिक तनाव के कारण इंटरनेशनल मार्केट से लेकर घरेलू बाजार में सोने के दामों में रिकॉर्ड उछाल देखने को मिल रहा है.;
Gold Price Hike: सोने के दामों में तेज उछाल का असर सेंट्रल बैंक आरबीआई के गोल्ड रिजर्व के वैल्यू पर देखने को मिल रहा है. 11 अप्रैल 2025 को खत्म हुए सप्ताह में आरबीआई के सोने के भंडार का वैल्यू एक हफ्ते में ही करीब 12000 करोड़ रुपये के उछाल आया है. इस उछाल के साथ ही आरबीआई के सोने का भंडार का वैल्यू बढ़कर 6,88,496 करोड़ रुपये पर जा पहुंचा है. सोने के दामों में उछाल का असर सोने के इंपोर्ट के वैल्यू पर भी पड़ा है. मार्च 2025 में भारत ने 4.47 बिलियन डॉलर के वैल्यू के बराबर सोने का आयात किया है जो पिछले महीने के मुकाबले 192.13 फीसदी ज्यादा है.
RBI के गोल्ड रिजर्व के वैल्यू में तीन गुना उछाल
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति के चलते पैदा हुए वैश्विक आर्थिक तनाव, आर्थिक अनिश्चितता के चलते इंटरनेशनल मार्केट से लेकर घरेलू बाजार में सोने के दामों में रिकॉर्ड उछाल देखने को मिल रहा है. इसी के चलते आरबीआई के गोल्ड रिजर्व का वैल्यू 11 अप्रैल को खत्म हुए सप्ताह में 11,986 करोड़ रुपये के उछाल के साथ 6.88 लाख करोड़ रुपये पर जा पहुंचा है. इतना ही नहीं बीते एक साल में आरबीआई का गोल्ड रिजर्व का वैल्यू में तीन गुना उछाल आया है जो कि संकेत दे रहा है कि बीते एक साल में आरबीआई ने भारी भऱकम सोने की खरीदारी की है. अमेरिका चीन टैरिफ विवाद, कमजोर होते डॉलर से पैदा हो रहे वैश्विक चुनौतियों और जोखिम के चलते दुनियाभर के सेंट्रल बैंक सोने की खरीदारी कर रहे हैं. अनिश्चितता के दौर में सोने में निवेश को सबसे सुरक्षित निवेश के तौर पर देखा जा रहा है.
रिकॉर्ड हाई पर सोना
इसी अनिश्चितता के चलते 17 अप्रैल को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोने के दाम 95,935 रुपये प्रति 10 ग्राम के लेवल पर जा पहुंचा तो दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोना 98170 रुपये प्रति 10 ग्राम पर जा पहुंचा है. यानी सोना पहली बार 1 लाख रुपये के दहलीज के पास खड़ा है. सोने के कीमतों में तेजी के बावजूद भारत में सोने का आयात बढ़ा है. वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान भारत में 58 बिलियन डॉलर के वैल्यू के बराबर सोने का आयात किया गया है जो कि 2023-24 के मुकाबले 27.27 फीसदी ज्यादा है जब 45.54 बिलियन डॉलर का सोने का आयात किया गया था.
गोल्ड में निवेश सबसे सुरक्षित
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में कमोडिटी रिसर्च के वरिष्ठ विश्लेषक मानव मोदी के मुताबिक, कमजोर डॉलर, ट्रेड वॉर की चिंताओं और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ योजनाओं के कारण वैश्विक आर्थिक विकास को लेकर बढ़ती आशंकाओं ने गोल्ड में सेफ हेवन निवेश को बढ़ावा दिया, जिससे सोने की कीमतें अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई. भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा सोने के भंडार में लगातार वृद्धि और विदेशी मुद्रा भंडार में स्थिर बढ़ोतरी यह दर्शाती है कि भारत बाहरी आर्थिक झटकों का सामना करने में पहले से कहीं ज्यादा सक्षम है. जियोपॉलिटिकल तनावों के बीच गोल्ड-बैक्ड ईटीएफ (ETF) और केंद्रीय बैंकों द्वारा की जा रही सोने की खरीद ने भी वैश्विक स्तर पर सोने की कीमतों को और ऊपर पहुँचाया है.