पहली बार एक लाख के पार चला गया सोना, आखिर गोल्ड में इतना उछाल क्यों?
भारत में सोने की कीमतें आमतौर पर अंतरराष्ट्रीय दरों का अनुसरण करती हैं। वैश्विक स्तर पर सोने की कीमतों में तेजी जारी है जबकि अमेरिकी डॉलर में गिरावट आई है।;
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा फेडरल रिजर्व में बड़े बदलावों की योजना की घोषणा के बाद, वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता के बीच सोने ने खुद को सबसे सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में स्थापित कर लिया है।
मंगलवार को मुंबई बुलियन मार्केट में 24 कैरेट (999 फाइननेस) सोने की कीमत ₹1,00,000 प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई। वहीं, 22 कैरेट सोना ₹91,600 प्रति 10 ग्राम रहा।
कीमतों में उछाल की प्रमुख वजहें
अंतरराष्ट्रीय कीमतों में तेजी आई। वैसे भी भारत में सोने की कीमतें वैश्विक दरों पर निर्भर करती हैं। डॉलर की कमजोरी के चलते सोने की मांग बढ़ी है, क्योंकि यह अन्य मुद्राओं वाले निवेशकों के लिए सस्ता हो जाता है।
अमेरिकी मौद्रिक नीति को लेकर अनिश्चितता का माहौल है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा फेडरल रिजर्व में बदलाव की योजना से निवेशकों में चिंता बढ़ी है। ये भी कहा जा रहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध और वैश्विक महंगाई ने भी सोने की मांग को बढ़ाया है। इसके अलावा चीन और अन्य देशों के केंद्रीय बैंक बड़े पैमाने पर सोना खरीद रहे हैं।
विश्लेषकों का कहना है कि टैरिफ तनाव, अमेरिका की आर्थिक अनिश्चितता और कर्ज संकट जैसी चिंताओं ने सोने की तेजी को बढ़ावा दिया है। चीन, वैश्विक केंद्रीय बैंकों और संस्थागत निवेशकों की ओर से जारी खरीदारी ने तेजी को और बल दिया है।
ट्रंप के फेडरल रिजर्व पर हमले का असर?
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल की आलोचना और ब्याज दरों में कटौती न करने को लेकर नाराजगी ने बाजारों में उथल-पुथल मचा दी है। निवेशकों को फेड की स्वतंत्रता पर संदेह होने लगा है, जिससे डॉलर गिर रहा है और सोने को फायदा मिल रहा है।
ICE US डॉलर इंडेक्स सोमवार को 97.92 तक गिर गया, जो 2022 के बाद सबसे निचला स्तर है।
भारतीय सोना बाजार कितना बड़ा है?
भारत, चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सोना बाजार है। 2024 में भारत की सोने की मांग 802.8 टन रही, जो 2023 में 761 टन थी। इस दौरान भारत में कुल सोने की मांग का मूल्य 31% बढ़कर ₹5.15 लाख करोड़ हो गया, जबकि 2023 में यह ₹3.92 लाख करोड़ था (वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार)।
भारतीय संस्कृति में सोना
सोना पारंपरिक रूप से भारतीय परिवारों द्वारा पीढ़ियों तक संजोया जाता है। जब अस्पताल खर्च या कॉलेज फीस जैसे आपातकालीन जरूरतें आती हैं, तो लोग गहनों को गिरवी रखकर ऋण लेते हैं।
आर्थिक मंदी के दौरान लोगों ने अपने सोने को वित्तीय जरूरतें पूरी करने के लिए गिरवी रखा है। अब डिजिटल प्लेटफॉर्म, ऐप और फिनटेक सेवाओं की बदौलत सोने के लोन ग्रामीण क्षेत्रों तक भी पहुंच रहे हैं।
कहा जा रहा है कि जैसे-जैसे सोने की कीमतों में तेजी जारी है, गोल्ड लोन लोगों के लिए एक लोकप्रिय वित्तीय विकल्प बना रहेगा।