आईटीआर-1 के जरिए रिटर्न फाइल करने के लिए किया गया नियमों में बड़ा बदलाव, जानें डिटेल्स
इक्विटी - म्यूचुअल फंड में लंबी अवधि में निवेश से प्राप्त लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) 1.25 लाख रुपये से कम है वे भी आईटीआर-1 के जरिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं.;
Income Tax Return Forms FY 2024-25: टैक्सपेयर्स अब जल्द ही वित्त वर्ष 2024-25 और एसेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल कर सकेंगे. इसके लिए इनकम टैक्स विभाग ने आईटीआर-1 (सहज) को एक अप्रैल 2025 से नोटिफाई कर दिया है.
कौन भर सकता है ITR-1 के जरिए रिटर्न?
ऐसे रेसिडेंट इंडीविजुअल्स जिनकी सालाना इनकम 50 लाख रुपये तक है वे आईटीआर-1 के जरिए इनकम टैक्स रिटर्न भर सकते हैं. ये जरूरी है कि ऐसे टैक्सपेयर्स के आय का सोर्स सैलेरी-पेंशन हो साथ ही उनके पास एक प्रॉपर्टी हो. इसके अलावा सेविंग अकाउंट्स, फिक्स्ड डिपॉजिट्स पर मिलने वाले ब्याज से होने वाला आय और कृषि आय 5000 रुपये सालाना से कम होना चाहिए. वही टैक्सपेयर्स आईटीआर-1 के जरिए रिटर्न भरने की पात्रता रखते हैं. इसके अलावा इस कैटगरी में आने वाले टैक्सपेयर्स जिन्हें एक वित्त वर्ष में इक्विटी - म्यूचुअल फंड में लंबी अवधि में निवेश से प्राप्त लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) 1.25 लाख रुपये से कम है वे भी आईटीआर-1 के जरिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं.
टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी सुविधा
टैक्स मामलों के जानकार और इनकम टैक्स अपीलेट ट्राईब्यूनल के पूर्व जज गोपाल केडिया के मुताबिक, ऐसे टैक्सपेयर्स जिन्हें इक्विटी या म्यूचुअल फंड में निवेश पर एक वर्ष में 1.25 लाख रुपये तक लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन प्राप्त हुआ है वे अब आईटीआर -1 के जरिए रिटर्न दाखिल कर सकते हैं. बीते साल तक ऐसे टैक्सपेयर्स को आईटीआर फॉर्म संख्या -2 के जरिए आयकर रिटर्न दाखिल करना पड़ता था. उन्होंने बताया कि टैक्सपेयर्स की सुविधा और सरलीकरण को ध्यान में रखते हुए इस साल से ये प्रावधान किया गया है. गोपाल केडिया के मुताबिक, आईटीआर -2 फॉर्म जहां करीब 25 पेज का होता है वहीं आईटीआर फॉर्म -1 केवल एक पेज का होता है. हालांकि इससे सरकार के रेवेन्यू पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
विदेश यात्रा खर्च का देना होगा ब्योरा
आईटीआर -1 में पिछली तरह इस बार भी 2 लाख रुपये से अधिक के विदेश यात्रा खर्च और 1 लाख रुपये से अधिक की बिजली खपत की जानकारी देनी होगी. ITR-1 फॉर्म्स में सेक्शन 80C, 80GG और अन्य कटौतियों से संबंधित संशोधन शामिल हैं, जिनके लिए यूटिलिटी में ड्रॉप-डाउन मेन्यू उपलब्ध कराया गया है. टैक्सपेयर्स को TDS कटौती की सेक्शन-वार जानकारी भी देनी होगी. अगर किसी टैक्सपेयर्स की लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन 1.25 लाख रुपये से अधिक हो, या अन्य किसी प्रकार की LTCG हो, या शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन हो, या पूंजीगत लॉस को कैरी फॉरवर्ड किया गया हो तो ऐसे व्यक्ति को ITR-2 के जरिए रिटर्न फाइल करना होगा.
यूटिलिटी जारी होने के साथ भरा जा सकेगा रिटर्न
टैक्स फाइलिंग तब शुरू हो सकेगी जब इनकम टैक्स विभाग वित्त वर्ष 2024-25 के लिए यूटिलिटी जारी करेगा. जिन व्यक्तियों को ऑडिट की आवश्यकता नहीं है, उनके लिए रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है. इस बार फॉर्म्स की अधिसूचना और यूटिलिटी में देरी देखी गई है.