विदेशी संपत्ति का खुलासा नहीं करने वाले टैक्स विभाग के रडार पर, 31 दिसंबर तक ITR न सुधारा तो लगेगा पेनल्टी

CBDT ने 2024-25 के लिए मिले ऑटोमैटिक एक्सचेंज ऑफ इंफॉर्मेशन के एनालसिस करने के बाद पाया कि कुछ लोगों के पास विदेशी संपत्तियां हैं लेकिन उन लोगों ने अपने इनकम टैक्स रिटर्न में इसका खुलासा नहीं किया है.

Update: 2025-11-27 10:57 GMT
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इनकम टैक्स विभाग ने ऐसे हाई-रिस्क मामलों का पता लगाया है जिसमें विदेशों में संपत्ति का खुलासा हुआ है लेकिन टैक्सपेयर्स ने एसेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने के दौरान इसका खुलासा नहीं किया है. अब सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) एसएमएस (SMS) और ईमेल (Email) के जरिए ऐसे टैक्सपेयर्स को अपने इनकम टैक्स रिटर्न को रिव्यू करने के साथ 31 दिसंबर 2025 तक फिर से रिटर्न भरने की नसीहत देने वाला है. ऐसा नहीं करने पर इन टैक्सपेयर्स को भारी दंडात्मक कार्रवाई (Penal Consequences)से बचा जा सके.

विदेशों में एसेट्स घोषित नहीं करने वाले निशाने पर

CBDT ने 2024-25 के लिए मिले ऑटोमैटिक एक्सचेंज ऑफ इंफॉर्मेशन (Automatic Exchange of Information) के एनालसिस करने के बाद पाया कि कुछ लोगों के पास विदेशी संपत्तियां हैं लेकिन उन लोगों ने अपने इनकम टैक्स रिटर्न में इसका खुलासा नहीं किया है. इनकम टैक्स विभाग ने ऐसे टैक्सपेयर्स की पहचान कर ली है. और अब पहचान किए गए टैक्सपेयर्स को SMS और ईमेल डिपार्टमेंट 31 दिसंबर 2025 तक अपना आयकर रिटर्न दोबारा जांचने से लेकर उसे ठीक करने के लिए कहेगा जिससे ऐसे टैक्सपेयर्स सजा से बच सकें. दरअसल हर टैक्सपेयर्स के लिए विदेशों में मौजूद संपत्ति और विदेशों से प्राप्त इनकम की जानकारी का आईटीआर में खुलासा करना बेहद जरूरी है. CBDT ने टैक्सपेयर्स को ये सलाह दी है कि जिन लोगों को एसएमएस और ईमेल मिले, वे सही जानकारियों के साथ अपने रिटर्न को अपडेट करें.

CBDT का यह दूसरा NUDGE अभियान है. पहला अभियान नवंबर 2024 में चलाया गया था, और उसका असर ये हुआ कि 24,678 लोगों ने अपने रिटर्न दोबारा भरे और 29,208 करोड़ रुपये की विदेशी संपत्तियां और ₹1,089.88 करोड़ की विदेशी आय का खुलासा किया था. CBDT को विदेशों में भारतीयों की वित्तीय जानकारी CRS और FATCA समझौतों के तहत मिलती है. इससे यह पता चलता है कि किसने अपने रिटर्न में सही जानकारी दी है और किसने नहीं.

25,000 हाई-रिस्क मामले के IT विभाग की नजर

सूत्रों के मुताबिक CBDT के NUDGE अभियान के लिए शुरुआत में लगभग 25,000 हाई-रिस्क मामलों को चुना जाएगा. दूसरा चरण दिसंबर के मध्य से शुरू होगा, जिसमें और मामलों को शामिल किया जाएगा ताकि लोग समय पर और सही अनुपालन करें. इस अभियान में बड़ी कंपनियों को भी शामिल किया जा रहा है, ताकि वे अपने उन कर्मचारियों को जागरूक करें जिनके पास विदेशों में संपत्ति है, पर उन्होंने ITR में इसका खुलासा नहीं किया है. उद्योग संगठनों, ICAI और अन्य एसोसिएशनों से भी जागरूकता बढ़ाने को कहा गया है.

ब्लैक मनी कानून के मुताबिक, विदेश में मौजूद संपत्ति न घोषित पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माने का प्रावधान है. इसके अलावा 30 फीसदी टैक्स और उस टैक्स पर 300% तक का अतिरिक्त पेनल्टी भी लग सकता है. आयकर विभाग ने जून 2025 तक लगभग 1,080 मामलों का आकलन किया, जिनमें करीब 40,000 करोड़ रुपये की डिमांड थोपा गया है. दिल्ली, मुंबई और पुणे में छापे पड़े, जिनमें CRS और अन्य अंतरराष्ट्रीय स्रोतों से मिली जानकारी के आधार पर दुबई में की गई निवेशों की जांच की गई. इनमें सैकड़ों करोड़ की अघोषित विदेशी संपत्ति और आय मिली है. विभाग CRS और FATCA से मिली जानकारी को बहुत गंभीरता से ले रहा है. NUDGE अभियान के बाद भी अगर किसी ने अनुपालन नहीं किया, तो उसके मामलों को आगे जांच और वेरिफिकेशन किया जा सकता है. 

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