MSME, किसान और मछुआरे सबसे पहले, अमेरिका से डील पर पीयूष गोयल का बड़ा बयान

केंद्र सरकार का रुख स्पष्ट है कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार समझौतों में देश के स्वाभिमान और प्राथमिक क्षेत्रों के हितों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। अब देखना होगा कि अमेरिकी दबाव के बीच भारत कैसे अपने हितों की रक्षा करता है।

Update: 2025-10-18 17:04 GMT
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केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को स्पष्ट किया कि भारत और अमेरिका के बीच कोई व्यापार समझौता तभी संभव होगा, जब उसमें देश के किसानों, मछुआरों और एमएसएमई सेक्टर के हित पूरी तरह से सुरक्षित किए जाएंगे। मीडिया से बातचीत में गोयल ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ताएं सौहार्दपूर्ण माहौल में चल रही हैं, लेकिन इस तरह की चर्चाएं किसी डेडलाइन पर आधारित नहीं होतीं। उन्होंने दोहराया कि “जब तक देश के हित—भारत के किसान, मछुआरे और लघु उद्योग—पूरी तरह से सुरक्षित नहीं होते, तब तक कोई समझौता नहीं होगा।”


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भारतीय कृषि क्षेत्र में छूट चाहता है अमेरिका

यह बयान ऐसे समय आया है, जब अमेरिका भारत के कृषि क्षेत्र में रियायतें मांग रहा है। इसी हफ्ते वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने वाशिंगटन में अमेरिकी अधिकारियों के साथ वार्ता की। इस वर्ष फरवरी में भारत और अमेरिका के शीर्ष नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) के लिए अधिकारियों को बातचीत तेज़ करने का निर्देश दिया था। दोनों पक्षों ने 2025 के अक्टूबर-नवंबर तक पहले चरण को पूरा करने की समयसीमा तय की है। अब तक 5 दौर की बातचीत हो चुकी है। पिछले महीने पीयूष गोयल खुद न्यूयॉर्क जाकर वार्ता में शामिल हुए थे।

ट्रंप की नीतियों से बढ़ा तनाव

यह घटनाक्रम ऐसे समय पर हो रहा है, जब अमेरिका और भारत के बीच व्यापार संबंधों में तनाव बढ़ा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर कुल मिलाकर 50% टैरिफ लगाया है—जिसमें से 25% व्यापार असंतुलन को लेकर और बाकी 25% रूस से तेल आयात जारी रखने पर दंड स्वरूप हैं। ट्रंप ने आरोप लगाया कि भारत में रूस से तेल के व्यापार से मिलने वाली आय का उपयोग यूक्रेन में युद्ध के लिए किया जा रहा है। भारत ने इन टैरिफ को "अनुचित, अनुचित और अन्यायपूर्ण" बताया है।

मोदी-ट्रंप बातचीत से बनी उम्मीद

हालांकि, हालिया दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई फोन पर बातचीत से व्यापार समझौते की उम्मीदें बढ़ी हैं। 16 सितंबर को अमेरिका के असिस्टेंट ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव ब्रेंडन लिन्च ने नई दिल्ली में भारतीय अधिकारियों से मुलाकात की, जहां समझौते को जल्द और पारस्परिक रूप से लाभदायक बनाने पर सहमति बनी।

भारत-अमेरिका व्यापार लक्ष्य 500 अरब डॉलर

प्रस्तावित व्यापार समझौते का उद्देश्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना है, जो वर्तमान में 191 अरब डॉलर है। 2024-25 में अमेरिका लगातार चौथे साल भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना रहा। इस दौरान दोनों देशों के बीच 131.84 अरब डॉलर का व्यापार हुआ, जिसमें से भारत से 86.5 अरब डॉलर का निर्यात हुआ। अमेरिका भारत के कुल माल निर्यात में 18%, आयात में 6.22% और कुल व्यापार में 10.73% की भागीदारी रखता है।

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