भारत और ब्रिटेन ने मुक्त व्यापार समझौते को सफलतापूर्वक किया पूरा, पीएम मोदी ने किया स्वागत
इस व्यापार समझौते के चलते भारत स्कॉच व्हिस्की और कारों के निर्यात पर टैरिफ में महत्वपूर्ण कटौती कर सकता है, जिससे वे दो प्रमुख ब्रिटिश उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा जो ट्रंप की टैरिफ नीति से प्रभावित हुए थे.;
भारत और ब्रिटेन ने एक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को सफलतापूर्वक अंतिम रूप दे दिया है. जनवरी 2022 में शुरू हुई एक उम्मीद अब साकार हो गई है. भारत और ब्रिटेन ने एक ऐसा समझौता किया है, जो न सिर्फ व्यापार को दिशा देगा, बल्कि भविष्य की साझी खुशहाली की नींव भी रखेगा। यह मुक्त व्यापार समझौता (FTA) उस समय साकार हुआ है जब दुनिया व्यापारिक अनिश्चितताओं और टैरिफ की दीवारों से जूझ रही थी. यह दोनों देशों के बीच पहला बड़ा समझौता है, जिसे उस समय के बाद पूरा किया गया है जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति ने वैश्विक व्यापार को खतरे में डाल दिया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस समझौते का स्वागत करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर को टैग करते हुए लिखा कि दोनों देशों ने 'डबल कंट्रीब्यूशन कन्वेंशन' पर भी सहमति जताई है. मोदी ने इसे एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया और कहा कि यह समझौता दोनों देशों के लिए पारस्परिक रूप से लाभकारी होगा. उन्होंने प्रधानमंत्री स्टारमर को भारत आने का भी निमंत्रण दिया है.
भारत सरकार के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, कीर स्टारमर ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के साथ गठबंधन को मजबूत करना और व्यापार बाधाओं को कम करना उनके 'प्लान फॉर चेंज' का हिस्सा है, ताकि एक मजबूत और सुरक्षित अर्थव्यवस्था बनाई जा सके. बयान में आगे कहा गया कि दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि भारत और ब्रिटेन के बीच आर्थिक और व्यावसायिक संबंधों का विस्तार दोनों देशों की मजबूत और बहुआयामी साझेदारी की आधारशिला बना रहेगा. बयान के अनुसार, "यह संतुलित, न्यायसंगत और महत्त्वाकांक्षी FTA, जिसमें वस्तुओं और सेवाओं में व्यापार शामिल है, से द्विपक्षीय व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है. यह रोजगार के नए अवसर उत्पन्न करेगा, जीवन स्तर को बेहतर बनाएगा और दोनों देशों के नागरिकों की समग्र भलाई में सुधार करेगा. इसके अलावा, यह वैश्विक बाज़ारों के लिए संयुक्त रूप से उत्पाद और सेवाएं विकसित करने की नई संभावनाओं को भी खोलेगा.
इस व्यापार समझौते के चलते भारत स्कॉच व्हिस्की और कारों के निर्यात पर टैरिफ में महत्वपूर्ण कटौती कर सकता है, जिससे वे दो प्रमुख ब्रिटिश उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा जो ट्रंप की टैरिफ नीति से प्रभावित हुए थे. FTA के माध्यम से भारतीय वस्त्र और जूते-चप्पल जैसे श्रम-प्रधान निर्यात भी ब्रिटिश शुल्क में कटौती से लाभान्वित हो सकते हैं.
भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर का स्वागत करते हुए फिक्की (FICCI) के अध्यक्ष हर्षवर्धन अग्रवाल ने कहा, "भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता केवल एक व्यापारिक समझौता नहीं है यह साझा समृद्धि की ओर एक सेतु है. यह एफएमसीजी, स्वास्थ्य सेवा और नवाचार-आधारित उद्यमों जैसे क्षेत्रों में नई गति लाता है. प्रधानमंत्री मोदी के साहसिक और रणनीतिक नेतृत्व से प्रेरित यह ऐतिहासिक कदम भारत की वैश्विक आर्थिक शक्ति और एक विश्वसनीय साझेदार के रूप में बढ़ती प्रतिष्ठा को दर्शाता है."