म्यूचुअल फंड से इस तरह कर सकते हैं निकासी, बेहद कारगर है यह जानकारी

म्यूचुअल फंड में हम सब किसी ना किसी रूप में निवेश करते हैं. लेकिन जरूरत पड़ने पर निकासी भी करनी पड़ती है. यहां उन खास तरीकों पर चर्चा करेंगे.

By :  Lalit Rai
Update: 2024-05-01 06:28 GMT

Mutual Fund Withdrawal News: रिटर्न के हिसाब से म्यूचुएसल फंड को बेहतर विकल्प माना जाता है. हालांकि इसके लिए बाध्यता है कि आप को लांग टर्म के लिए निवेश करना होगा. कुछ फाइनेंसियल एक्सपर्ट कहते हैं कि इसमें दो मत नहीं हालांकि आप जरूरत के हिसाब से पैसे निकाल सकते हैं. अब जब पैसों की निकासी हो सकती है तो आखिर तरीका क्या है. यहां पर हम आपकी हर एक उलझन को सुलझाने की कोशिश करेंगे. निवेशकों के पास ऑल यूनिट्स के साथ साथ कुछ यूनिट्स के बेचने का विकल्प होता है. आप चाहें तो निवेश की पूरी रकम या आंशिक निकासी कर सकते हैं.

निकासी के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दो तरीके

म्यूचुअल फंड से निकासी के लिए आपके पास ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प होता है. इन दोनों में ऑनलाइन को समय कम लगने की वजह से बेहतर माना जाता है. अगर आपने म्यूचुअल फंड की यूनिट डीमैट के जरिए खरीदी है तो वहीं रीडीम की जा सकती है. इसके लिए आप ब्रोकर या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं. यदि आप ने म्यूचुअल फंड में सीधे निवेश किया है तो एमएफ वेबसाइट के जरिए आप रीडेम्पशन फॉर्म को भर कर पैसे निकाल सकते हैं हालांकि इस फॉर्म को एएमसी या आरटीए दफ्तर में जमा करना पड़ता है.

फाइनेंसियल एडवाइजर की लें मदद

यदि आप म्यूचुअल फंड के वेब इंटरफेस का इस्तेमाल कर रहे हैं तो उसे भी भुनाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. या आपने किसी डिस्ट्रीब्यूटर या फाइनेंसियल एडवाइजर के जरिए खरीद की है तो पैसों की निकासी के लिए उसका इस्तेमाल कर सकते हैं. यदि निवेशक ने कट ऑफ समय के रहते हुए रिडीम का ऑर्डर किया है तो उसी दिन एनएवी मिल जाती है. जबकि कैश अगले वर्किंग डे पर मिल जाता है.दूसरे फंड के केस में तीन दिन समय लगता है. बता दें कि लिक्विड फंड के लिए दोपहर 1.30 बजे और दूसरे फंड के लिए दोपहर 3 बजे का समय होता है.

देना पड़ता है एक्जिट लोड चार्ज

म्युचुअल फंड से पैसे निकालते वक्त एक्जिट लोड चार्ज होता है. यह वो शुल्क है जो रिडेम्पशन के समय लगाया जाता है. खासतौर से इक्विटी फंड में आप म्यूचुअल फंड को भुनाएं तो यह चार्ज लगता है. हालांकि जब आप म्यूचुअल फंड से निकासी चाहते हैं तो आप फाइनेंसियल और टैक्स एडवाइजर से सलाह जरूर लें. अगर आप इस तरह से म्यूचुअल फंड से निकासी की दिशा में आगे बढ़ेंगे तो मुश्किलें कम होंगी. इसके अलावा सामान्य तौर पर यही सलाह दी जाती है कि म्यूचुअल फंड से निकासी तय समय के हिसाब से ही करें. इसका अर्थ यह है कि अगर दस या पंद्रह वर्ष तक निवेश के बारे में सोच रहे हैं तो अपने रकम की निकासी उसी वक्त करें

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