पीएम उज्जवला योजना का नहीं मिल रहा गरीबों को लाभ, संसदीय समिति ने की LPG सिलेंडर पर सब्सिडी बढ़ाने की सिफारिश
गरीब परिवारों को खाना पकाने के दौरान धुएं से मुक्ति दिलाने वाली पीएम नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना PMUY के तहत रसोई गैस कनेक्शन देने का प्रावधान है जिसमें हर एक एलपीजी सिलेंडर पर सरकार 300 रुपये की सब्सिडी देती है जिसे संसदीय समिति नाकाफी मानती है.;
गरीब परिवारों को सस्ते में रसोई गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने वाली प्रधानमंत्री उज्जवला योजना (Pradhanmantri Ujwala Yojana) के तहत सिलेंडर रिफिल कराने पर दी जाने वाली सब्सिडी की रकम को पेट्रोलियम मंत्रालय से जुड़ी संसदीय समिति ने बढ़ाने की सिफारिश की थी जिससे इसे गरीब परिवारों के लिए और अफोर्डेबल बनाया जा सके. लेकिन पेट्रोलियम मंत्रालय ने संसदीय समिति की सिफारिश को मानने से इंकार कर दिया है जिस पर संसदीय समिति ने अपनी नाखुशी जताई है.
सुनील दत्तात्रय तटकरे की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने कहा है कि पेट्रोलियम मंत्रालय ने एलपीजी गैस सिलेंडर पर सब्सिडी नहीं बढ़ाने के जो कारण बताएं हैं वो उससे सहमत नहीं है. पेट्रोलियम मंत्रालय से जुड़ी संसदीय समिति ने संसद में ये रिपोर्ट पेश की है जिससे ये बातें सामने आई है.
संसदीय समिति ने की LPG पर सब्सिडी बढ़ाने की सिफारिश
संसदीय समिति ने कहा है कि सरकार पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ का ध्यान रखना जरूरी है. लेकिन उतना ही जरूरी है कि उज्ज्वला योजना (PMUY) का दायरा बढ़ाया जाए और इसे हर जरूरतमंद परिवार तक पहुँचाया जाए तभी योजना का असली मकसद पूरा हो सकेगा. समिति ने कहा, अगर फर्जी एलपीजी कनेक्शन पहचान कर बंद कर दिए जाएं तो योजना के भीतर से ही सरकार को बड़ी बचत हो सकती है. ऐसे में पेट्रोलियम मंत्रालय की संसदीय समिति ने एक बार फिर से उज्ज्वला योजना का पूरा कवरेज सुनिश्चित करने के लिए एलपीजी सिलेंडर पर सब्सिडी की रकम को बढ़ाने की सिफारिश की है.
सालाना 12 सब्सिडी वाले सिलिंडर देने का है प्रावधान
दरअसल संसदीय समिति ने पेट्रोलियम मंत्रालय को गरीब परिवारों तक उज्जवला योजना का पूरा लाभ पहुंचाने के लिए सब्सिडी की रकम को बढ़ाने की सिफारिश की थी. समिति ने तब कहा था कि उज्ज्वला योजना (PMUY) के तहत मिलने वाले एलपीजी सिलिंडरों की औसतन रीफिल दर 3.95 प्रति वर्ष है जो गैर-उज्ज्वला उपभोक्ताओं की रीफिल दर (लगभग 6.5) से काफी कम है. समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि उज्ज्वला सिलिंडर पर फिलहाल 300 रुपये प्रति रीफिल की सब्सिडी दिए जाने से रीफिल दर 2019-20 के 3.01 से बढ़कर 2023-24 में 3.95 हो गई. यानी, सब्सिडी की राशि बढ़ाने से रीफिल दर बढ़ाने में मदद मिली है. इसके बावजूद मौजूदा रीफिल दर प्रति लाभार्थी 12 सब्सिडी वाले सिलिंडर प्रति वर्ष देने की भारत सरकार की घोषित नीति से बहुत कम है.
उपभोक्ताओं को नहीं मिल रहा उज्ज्वला योजना का लाभ
समिति के मुताबिक, उज्ज्वला योजना ने ग्रामीण महिलाओं के जीवन स्तर और जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाए हैं. लेकिन सिलिंडर की कम रीफिल दर इस बात का संकेत है कि उपभोक्ताओं को योजना का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है. संसदीय समिति ने मंत्रालय से इसके कारणों का पता लगाने के साथ एलपीजी रीफिल पर सब्सिडी की राशि बढ़ाने पर विचार करने को कहा था. समिति ने सिफारिश किया कि सब्सिडी इतनी बढ़ाई जाए कि गरीब परिवार आसानी से सिलिंडर रीफिल कर सकें, इससे न केवल रीफिल दर बढ़ेगी बल्कि योजना का कवरेज भी बढ़ेगा.
मंत्रालय का तर्क, व्यवहार में बदलाव जरूरी
हालांकि पेट्रोलियम मंत्रालय ने संसदीय समिति को बताया, उज्ज्वला परिवारों में प्रति व्यक्ति एलपीजी खपत 2019-20 में 3.01 थी, जो 2023-24 में बढ़कर 3.95 हो गई और वित्तीय वर्ष 2024-25 (अप्रैल-दिसंबर 2024 की खपत के आधार पर) में और बढ़कर 4.4 हो गई है. मंत्रालय ने ये बताया कि, ये इस बात का सबूत है कि उज्ज्वला उपभोक्ताओं के लिए एलपीजी रीफिल धीरे-धीरे किफायती हो रही है. हालांकि, कनेक्शन मिलने के बाद उज्ज्वला लाभार्थियों द्वारा लगातार एलपीजी का उपयोग करने के लिए व्यवहारिक बदलाव जरूरी है. ग्रामीण और पारंपरिक समाज में यह बदलाव लाने के लिए काफी समय और निरंतर प्रयास की आवश्यकता है.
मंत्रालय का तर्क, सब्सिडी बढ़ाने से बढ़ेगा वित्तीय बोझ
मंत्रालय के मुताबिक, परंपरागत खाना पकाने के तरीके, स्वाद और फ्लेवर से जुड़ी प्राथमिकताएँ, पहाड़ी, ग्रामीण और जंगल क्षेत्रों में लकड़ी की मुफ्त और असीमित उपलब्धता, और पुराने विश्वास भी इसमें रुकावट बन रहा है. मंत्रालय ने स्थाई समिति को बताया कि, एलपीजी सिलेंडर की कीमतें सिलेंडर रिफिल कराने की प्रमुख वजह है लेकिन केवल यही एक कारण नहीं है. ऐसे में एलपीजी सिलेंडर पर दी जाने वाली सब्सिडी को बढ़ाने से सरकार के खजाने पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा.
पेट्रोलियम मंत्रालय के तर्क संसदीय समिति सहमत नहीं
हालांकि संसदीय समिति पेट्रोलियम मंत्रालय के इस तर्क से सहमत नहीं है. समिति चाहती है कि उज्ज्वला योजना (PMUY) के सिलिंडरों पर दिए जाने वाले सब्सिडी की रकम को बढ़ाई जाए ताकि गरीब परिवार आसानी से रीफिल करा सकें.