टैरिफ का विरोध करने वाले मुर्ख, ट्रंप बोले- हर अमेरिकी को देंगे 2 हजार डॉलर
डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ नीति का बचाव करते हुए विरोधियों को मूर्ख कहा और हर अमेरिकी को 2000 डॉलर देने का वादा किया। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में नीति पर सुनवाई भी हो रही है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को अपने टैरिफ (शुल्क) नीति की जमकर तारीफ करते हुए विरोधियों को मूर्ख कहा और दावा किया कि उनके नेतृत्व में अमेरिका दुनिया का सबसे अमीर और सबसे सम्मानित देश बन गया है।
मेरीलैंड के जॉइंट बेस एंड्रूज़ पर वॉशिंगटन लौटने के बाद पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने कहा कि उनकी सरकार “टैरिफ से खरबों डॉलर” कमा रही है। उन्होंने यह भी वादा किया कि इन राजस्व से हर अमेरिकी नागरिक सिवाय उच्च आय वर्ग को जल्द ही 2,000 डॉलर का “डिविडेंड” (लाभांश) दिया जाएगा।
‘टैरिफ का विरोध करने वाले मूर्ख हैं’
अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ट्रुथ सोशल पर ट्रंप ने लिखा जो लोग टैरिफ के खिलाफ हैं, वे मूर्ख हैं! मेरे नेतृत्व में अमेरिका दुनिया का सबसे अमीर और सबसे सम्मानित देश बन चुका है, जहां लगभग कोई मुद्रास्फीति नहीं है और शेयर बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई पर है।
हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि यह 2,000 डॉलर का भुगतान कब और किस रूप में दिया जाएगा। लेकिन ट्रंप का कहना है कि टैरिफ से जो धनराशि एकत्र हो रही है, उससे राष्ट्रीय ऋण घटाने में मदद मिलेगी और नागरिकों को सीधा लाभ मिलेगा।
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में टैरिफ पर कानूनी जांच
ट्रंप के यह बयान ऐसे समय आए हैं जब उनकी प्रमुख टैरिफ नीति को लेकर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में कानूनी जांच चल रही है। 5 नवंबर को अदालत में उन शुल्कों को रद्द करने की याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें कई जजों ने इनकी वैधता पर संदेह जताया।यदि अदालत ने ट्रंप की टैरिफ नीति को असंवैधानिक ठहराया, तो इससे 100 अरब डॉलर से अधिक की रिफंड प्रक्रिया शुरू हो सकती है और ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के दौरान उनकी प्रमुख आर्थिक रणनीति को झटका लग सकता है।
‘टैरिफ मेरी सबसे मजबूत आर्थिक हथियार’ — ट्रंप
हाल के दिनों में ट्रंप लगातार अपनी टैरिफ नीति का बचाव कर रहे हैं। उन्होंने इसे अपनी “सबसे मजबूत आर्थिक हथियार” बताया और चेतावनी दी कि अगर अदालत ने इन्हें रद्द किया तो यह अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए “विनाशकारी” होगा।यह मामला आंशिक रूप से ट्रंप के “लिबरेशन डे टैरिफ” से जुड़ा है, जो 2 अप्रैल को लागू हुए थे। इस नीति के तहत अमेरिका में आयातित अधिकांश वस्तुओं पर उनके मूल देश के अनुसार 10% से 50% तक शुल्क लगाया गया था। ट्रंप का कहना है कि ये शुल्क देश के लंबे समय से चले आ रहे व्यापार घाटे को कम करने और घरेलू विनिर्माण को मजबूत करने के लिए जरूरी हैं।
वित्त मंत्री बोले — योजना पर चर्चा नहीं हुई
ट्रंप के 2,000 डॉलर “डिविडेंड” घोषणा के तुरंत बाद अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट से इस पर एक टेलीविज़न साक्षात्कार में सवाल पूछा गया। एबीसी को दिए इंटरव्यू में बेसेंट ने कहा कि उन्होंने इस योजना पर राष्ट्रपति से सीधी चर्चा नहीं की है, लेकिन यह संभव है कि राहत “कई रूपों” में आए।
ब्लूमबर्ग के अनुसार, बेसेंट ने कहा कि यह राहत टैक्स कटौती के रूप में भी हो सकती है जैसे टिप्स, ओवरटाइम और सोशल सिक्योरिटी पर कर खत्म करना, या फिर ऑटो लोन पर टैक्स में छूट देना।
डोनाल्ड ट्रंप का यह ताज़ा बयान न सिर्फ़ उनकी आर्थिक नीतियों को लेकर जारी विवाद को और तेज़ करता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि 2025 में उनका ध्यान फिर से अमेरिका फर्स्ट एजेंडे को मजबूती देने पर है। टैरिफ नीति पर अदालत का फैसला आने वाले हफ्तों में यह तय करेगा कि क्या ट्रंप अपने आर्थिक राष्ट्रवाद को बरकरार रख पाएंगे या नहीं।