EMI चुकाने वालों को राहत नहीं, RBI के रेपो रेट वाले फैसले से समझिए
आरबीआई ने मौद्रिक नीति का ऐलान कर दिया है। ईएमआई चुकाने वालों को राहत की उम्मीद थी। लेकिन 10वीं दफा रेपो रेट में बदलाव नहीं किया गया है।
RBI Repo Rate News: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मौद्रिक नीति का ऐलान किया है। फेड रिजर्व की दरों में कटौती के बाद लोगों को उम्मीद थी कि भारत में भी कुछ राहत मिल सकती है। लेकिन राहत की बात सिर्फ इतनी सी है कि जितनी ईएमआई आप चुका रहे थे उतनी ही अभी भी चुकानी होगी। अब इसका अर्थ क्या है। दरअसल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट 6.50 फीसद के दर पर बरकरार है, रिवर्स रेपो रेट 3.75 फीसद तो बैंक रेट 6.75 फीसद पर स्थिर रखा गया है। यहां बता दें कि 10वीं बार रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है।
पांच सदस्यों का बदलाव ना करने का सुझाव
सात अक्टूबर को एमपीसी से जुड़े 6 सदस्यों की बैठक हुई। 6 में से पांच सदस्यों का सुझाव था कि ब्याज दरों में किसी तरह का बदलाव ना किया जाए। इसके लिए वैश्विक हालात का हवाला दिया गया। आरबीआई ने कहा विश्व में जिस तरह का माहौल बना हुआ है वैसी सूरत में हम महंगाई पर काबू पाने में कामयाब रहे हैं। इसके साथ ही देश की आर्थिक ग्रोथ को भी मदद मिली है। लेकिन ईएमआई से राहत क्यों नहीं मिलेगी इसे समझना जरूरी है।
ईएमआई पर कैसे असर
फर्ज करिए कि आपने 43 लाख 60 हजार का लोन(25 साल के लिए) आज से तीन साल पहले 7.20 ब्याज पर लिया था। उस समय आपको महीने की ईएमआई करीब 31 हजार रुपए होती। लेकिन रेपो रेट बढ़ने की वजह से ईएमआई महंगी हो गई। इस समय 43 लाख 60 हजार के लोन की ईएमआई करीब 37 हजार रुपए हैं। अब जब आरबीआई ने रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है तो उसका मात्र एक फायदा यह है कि आपकी ईएमआई 37 हजार से अधिक तो नहीं हुई है हालांकि कम होने की हसरत अधूरी रह गई है।