'चुनावी बहार में महंगाई की मार' अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर 6.21 प्रतिशत, 14 महीनें में सबसे ज्यादा

अक्टूबर की खुदरा महंगाई दर के इतना ऊपर पहुँचने के पीछे खाद्य वस्तुओं की कीमत में इजाफा रहा. उसके पीछे भी त्यौहारी सीजन को ज़िम्मेदार माना जा रहा है, जिसकी वजह से सब्जियों की कीमतें काफी ज्यादा रहीं.

Update: 2024-11-12 13:16 GMT

Inflation Rate 14 months High :चुनावी सीजन के बीच महंगाई को लेकर देश के लिए चिंता जनक खबर सामने आई है. कंस्यूमर प्राइस इंडेक्स ( CPI ) आधारित खुदरा महंगाई अक्टूबर के महीने में बढ़कर 6.21 प्रतिशत पर पहुँच गयी. ये आंकड़ा पिछले 14 महीनों में सबसे ज्यादा रहा है. जबकि सितम्बर की बात करें तो CPI का यही आंकड़ा 5.49 प्रतिशत था.

इस महंगाई दर के पीछे का प्रमुख कारण खाने-पीने की चीजों के दामों में बढ़ोतरी को माना गया है. इन आंकड़ों की बात करें तो ये RBI ( रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ) के 6 प्रतिशत के दायरे से पार निकल गए हैं. वहीँ बीते वर्ष अक्टूबर के ही महीने में CPI आधारित मुद्रास्फीति 4.87 प्रतिशत थी.

खाने पीने के सामन की कीमतों में हुई भारी बढ़ोतरी

नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस ( NSO ) के आंकड़ों की माने तो अक्टूबर में खाद्य वस्तुओं में मुद्रास्फीति बढ़कर 10.87 प्रतिशत रही, जो सितम्बर में 9.24 प्रतिशत से ज्यादा थी. इतना ही नहीं पिछले साल अक्टूबर में ये दर 6.61 प्रतिशत थी. RBI ने पिछले महीने नीतिगत रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत को बरकरार रखा था. हालाँकि सरकार की तरफ से RBI को मुद्रास्फीति को 4 प्रतिशत (दो प्रतिशत कम - ज्यादा ) पर रखने की जिम्मेदारी दी हुई है.

सब्जियों के दामों में भी रही थी तेजी

अक्टूबर महीने की बात करें तो खाने पीने की वस्तुओं के दामों में इजाफा होने के पीछे त्यौहारी सीजन भी एक बड़ा कारण रहा. सब्जियों की ही बात करें तो अक्टूबर में टमाटर 100 के पार पहुँच गया था और अन्य सब्जियों के दाम भी आसमान छू रहे थे. इन्हीं सब कारणों की वजह से अक्टूबर की महंगाई दर इतनी ऊपर पहुंची कि पिछले 14 महीने में सबसे आगे निकल गयी. 

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