जंग के बीच रूस में तरक्की की बयार,आखिर पुतिन ने ऐसा क्या कर दिया?
वर्ल्ड बैंक की ताजा रैंकिंग में रूस अब हाई इनकम इकॉनमी की श्रेणी में शामिल हो गया है और आर्थिक दृष्टिकोण से छोटी के देशों की कतार में शामिल हो गया है.
Russian Economy: यूक्रेन के खिलाफ युद्ध छेड़ने के बाद रूस को कई तरह के प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा था, ख़ास तौर से अमेरिका और यूरोप के देशों द्वारा, जिसमें आर्थिक प्रतिबन्ध भी शामिल हैं. लेकिन इन सबके बावजूद रूस ने आर्थिक मोर्चे पर बेहतर प्रदर्शन करते हुए उसके विरोधियों का मुहं बंद कर दिया है. वर्ल्ड बैंक की ताजा रैंकिंग में रूस अब हाई इनकम इकॉनमी की श्रेणी में शामिल हो गया है और आर्थिक दृष्टिकोण से छोटी के देशों की कतार में शामिल हो गया है. लगातार जारी युद्ध और आर्थिक प्रतिबन्ध के बीच आखिर रूस ने कैसे अपनी प्रति व्यक्ति आय में सुधार किया, ये जानने की उत्सुकता सभी में है.
हाई-इनकम इकोनॉमी में शामिल हुआ रूस
वर्ल्ड बैंक द्वारा जारी की गयी रैंकिंग में रूस को अपर-मिडिल इनकम वाली अर्थव्यवस्था की श्रेणी से निकाल कर हाई-इनकम इकोनॉमी की श्रेणी में शामिल किया गया है. ये रैंकिंग पिछले वर्ष 2023 के लिए जारी की गयी है. ज्ञात रहे कि वर्ल्ड बैंक हर साल 1 जुलाई को पिछले कैलेंडर वर्ष के मुताबिक दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं की श्रेणियां तय करता है. इसके लिए प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय (पर कैपिटल ग्रॉस नेशनल इनकम) को आधार माना जाता है.
रूस ने कैसे सुधारी प्रति व्यक्ति आय
विश्व बैंक के अनुसार वर्ष 2023 के दौरान सेना से जुडी गतिविधियों में अचानक आई तेजी की वजह से वहां कई स्तर पर काम बढ़ा, जिसकी वजह से आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आई. इतना ही नहीं रूस में व्यापर के क्षेत्र में 6.8 प्रतिशत, निर्माण क्षेत्र में 6.6 प्रतिशत और वित्तीय क्षेत्र में 8.7 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गयी, जिससे रूस की आर्थिक वृद्धि को मजबूती मिली. यही वजह भी रही की 2023 में रूस की रियल जीडीपी में 3.6 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली है और नोमिनल जीडीपी में 10.9 प्रतिशत का इजाफा देखा गया है.
यही वजह भी है कि आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने से रूस की आर्थिक स्थिति में तो सुधार आया ही, साथ ही प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रिय आय में भी इजाफा देखने को मिला है. विश्व बैंक के अनुसार 2023 में रूस की प्रति व्यक्ति एटलस जीएनआई 11.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी है. यही वजह है कि रूस की रैंकिंग में सुधार आया है और वो अपर-मिडिल इनकम इकोनॉमी से छलांग लगाकर हाई-इनकम इकोनॉमी बन गया है.
क्या है एटलस फार्मूला, जिससे विश्व बैंक करता है रैंकिंग का आंकलन
विश्व बैंक रैंकिंग का आंकलन करने के लिए एटलस फॉर्मूला का इस्तेमाल करता है. इससे जीएनआई का कैलकुलेशन करता है. इस कैलकुलेशन में इनकम को अमेरिकी डॉलर के हिसाब से निकाला जाता है और एटलस फार्मूला में सुझाए गए कारक होते हैं. इन्हीं को ध्यान में रखते हुए उसे एडजस्ट किया जाता है. इन कारकों में किसी देश की आर्थिक वृद्धि दर, महंगाई, डॉलर के साथ उसकी मुद्रा की विनिमय दर, जनसंख्या में हुआ इजाफा आदि जैसे अलग अलग कारक शामिल किये जाते हैं.
वर्ष 2024 में भी अच्छी वृद्धि का अनुमान
कुछ आर्थिक संगठनों का अनुमान है कि रूस की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार आगे भी ऐसे ही बने रहने की उम्मीद है. लंदन स्थित यूरोपियन बैंक फोर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट (ईबीआरडी) ने अनुमान जताया है कि पश्चिमी देशों का प्रतिबन्ध रूस की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ने से नहीं रोक सकता. ईबीआरडी के अनुसार, 2024 में रूस की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2.5 प्रतिशत रह सकती है. इस अनुमान के पीछे का कारण ये माना जा रहा है कि तमाम प्रतिबंधों की वजह से रूस की अर्थव्यवस्था को जो नुक्सान हुआ था, उसकी भरपाई हो चुकी है और यही वजह है कि अब रूस की अर्थव्यवस्था में वृद्धि देखने को मिलेगी.