तकनीकी गड़बड़ी पर MCX से सेबी ने मांगी रिपोर्ट, 4 घंटे रुका रहा व्यापार
28 अक्टूबर को तकनीकी खामी से MCX पर चार घंटे ठप रहा ट्रेडिंग सिस्टम; देर से DR साइट शिफ्ट करने पर सेबी ने जताई चिंता, जांच रिपोर्ट मांगी।
By : The Federal
Update: 2025-10-28 15:42 GMT
SEBI Ask's Report On Glitch In MCX : देश के सबसे बड़े कमोडिटी डेरिवेटिव एक्सचेंज MCX (Multi Commodity Exchange) में 28 अक्टूबर को आई तकनीकी गड़बड़ी के कारण चार घंटे से ज्यादा समय तक ट्रेडिंग ठप रही। घटना के बाद अब बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने इसकी मूल वजह पता लगाने का निर्देश जारी किया है। सेबी ने MCX से रूट कॉज रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
चार घंटे रुका व्यापार, देर से हुई रिकवरी
MCX की वेबसाइट पर दी गई सूचना के अनुसार शनिवार सुबह आई तकनीकी खराबी के बाद ट्रेडिंग करीब चार घंटे तक ठप रही। दोपहर 1:25 बजे के बाद सिस्टम को डिजास्टर रिकवरी साइट से फिर चालू किया गया।
कंपनी ने कहा ऑपरेशंस को DR साइट पर शिफ्ट कर दिया गया है और सभी ट्रेडिंग सिस्टम अब सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। हम कारणों की जांच कर रहे हैं और सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं।
सेबी ने जताई गंभीर चिंता
सेबी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार “हमारी प्राथमिकता ट्रेडिंग को फिर से शुरू कराना थी, जो हो गया है। अब पूरी डिटेल्स मानक प्रक्रिया के तहत मांगी जाएंगी।”
अधिकारी ने DR साइट पर शिफ्टिंग में हुई देरी को “गंभीर चिंता का विषय” बताया। सेबी के नियमों के मुताबिक, किसी भी तकनीकी गड़बड़ी की प्रारंभिक रिपोर्ट 24 घंटे में और रूट कॉज एनालिसिस 21 दिनों के भीतर भेजना अनिवार्य है। देरी होने पर प्रति कार्य दिवस ₹1 लाख जुर्माना लगाया जा सकता है।
सेबी का SOP: 45 मिनट में DR साइट चालू करनी अनिवार्य
2021 में सेबी ने स्पष्ट स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) जारी किया था। इसके तहत किसी भी बड़े व्यवधान को 30 मिनट में “डिजास्टर” घोषित करना होता है।
45 मिनट में DR साइट से ट्रेडिंग शुरू होनी चाहिए। देरी पर एक्सचेंज पर कम से कम ₹2 करोड़ या औसत मुनाफे का 10% तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। अगर सिस्टम तीन घंटे के भीतर भी सामान्य नहीं होता, तो अतिरिक्त ₹2 करोड़ का जुर्माना लग सकता है।
पूर्व CEO बोले — बाजार की स्थिरता पर सवाल
MCX के पूर्व एमडी एवं सीईओ और IMC टास्क फोर्स ऑन कैपिटल मार्केट्स के चेयरपर्सन मृगांक परांजपे ने कहा कि “MCX में कुछ ही समय में दूसरी बार ट्रेडिंग रुकना बाजार की स्थिरता पर गंभीर सवाल उठाता है। DR साइट सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर देती है, सॉफ्टवेयर सिस्टम भी उतने ही मज़बूत होने चाहिए।”
उन्होंने कहा कि सेबी को अब मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर की “कंटिन्युइटी और रेजिलिएंस फ्रेमवर्क” की दोबारा समीक्षा करनी चाहिए।
ब्रोकरों ने जताई नाराज़गी, कुछ ट्रेड NSE पर शिफ्ट
ट्रेडिंग के लंबे ठप रहने से परेशान कई ब्रोकरों ने अपने क्लाइंट्स को सलाह दी कि कुछ सौदे NSE के कमोडिटी प्लेटफॉर्म पर शिफ्ट कर लें।
एक ब्रोकर ने कहा कि “यह आश्चर्यजनक है कि एक्सचेंज को DR साइट पर शिफ्ट करने में इतना समय लगा।”
दूसरे ब्रोकर ने बताया कि सिस्टम ओवरलोड था और बैक-एंड प्रोसेसिंग क्षमता बढ़ाने की जरूरत है। जुर्माने की रकम निवेशक सुरक्षा फंड में जाएगी
अगर सेबी को रिपोर्ट अधूरी या देर से मिलती है, तो लगने वाला वित्तीय दंड निवेशक सुरक्षा फंड (Investor Protection Fund) में जमा किया जाएगा। इसी तरह, क्लियरिंग कॉरपोरेशन में यह रकम कोर सेटलमेंट गारंटी फंड में जाएगी।
आगे की प्रक्रिया
रिपोर्ट सेबी की टेक्निकल एडवाइजरी कमेटी (TAC) के सामने रखी जाएगी। अगर TAC को लगे कि एक्सचेंज की कार्रवाई अपर्याप्त है, तो सेबी सुधारात्मक कदमों के लिए नई समयसीमा तय करेगी। MCX ने कहा है कि वह इस घटना की जांच प्राथमिकता से कर रही है और सभी सुधारात्मक कदम जल्द लागू किए जाएंगे।