एलन मस्क की टेस्ला नहीं करेगी भारत में इलेक्ट्रिक कारों की मैन्युफैक्चरिंग

टेस्ला का ये रुख तब है जब भारत सरकार ने हाल ही में एक आकर्षक इलेक्ट्रिक वाहन (EV) नीति के ज़रिए दुनियाभर की बड़ी ऑटो कंपनियों को लुभाने की कोशिश की है.;

Update: 2025-06-02 11:29 GMT
टेस्ला के सीईओ एलन मस्क (फाइल फोटो)

एलन मस्क की इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला के निकट भविष्य में भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों एलन की मैन्युफैक्चरिंग की संभावना बेहद कम है. टेस्ला जल्द ही भारत में अपनी गाड़ियों को लॉन्च करने की तैयारी कर रही है लेकिन लोकल मैन्युफैक्चरिंग उसके एजेंडा में शामिल नहीं है.टेस्ला जल्द ही भारत में अपनी गाड़ियों को लॉन्च करने की तैयारी कर रही है लेकिन लोकल मैन्युफैक्चरिंग उसके एजेंडा में शामिल नहीं है.

भारी उद्योग मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने सोमवार को कहा, टेस्ला भारतीय बाजार में अपनी गाड़ियां लॉन्च करने की तैयारी कर रही है, लेकिन लोकल मैन्युफैक्चरिंग फिलहाल उसकी योजनाओं में शामिल नहीं है. न्यूज एजेंसी एएनआई के हवाले से ये रिपोर्ट सामने आई है. कंपनी ने मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में एक शोरूम के लिए जगह तय की है और दो दर्जन से ज्यादा लोगों की भर्ती भी की है, जिसमें स्टोर मैनेजर और सर्विस स्टाफ शामिल हैं. इसके बावजूद टेस्ला अभी भारत में गाड़ियाँ बनाना शुरू नहीं करेगी. कंपनी ने भारत में अपनी गाड़ियों को बेचने के लिए ज़रूरी सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है और अगले 2-3 महीनों में पहली गाड़ी लॉन्च होने की उम्मीद है.

भारत सरकार ने मार्च 2024 में एक नई इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) नीति के पेश किया था ताकि टेस्ला जैसी बड़ी कंपनियों को देश में मैन्युफैक्चरिंग के लिए आकर्षित किया जा सके. इस नीति के तहत कंपनियों को 15% कम सीमा शुल्क पर हर साल 8,000 गाड़ियाँ आयात करने की अनुमति दी गई है, लेकिन शर्त यह है कि वे अगले 3 सालों में कम से कम ₹4,150 करोड़ (करीब 500 मिलियन डॉलर) का निवेश करके भारत में फैक्ट्री लगाएं, इस योजना के लिए आवेदन जल्द शुरू होंगे और 15 मार्च 2026 तक खुले रहेंगे.

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कार बाज़ार है और नई ईवी पॉलिसी के जरिए उसकी कोशिश इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए भारत को एक बड़ा केंद्र बनाने की है. भले ही दुनिया में EV की मांग थोड़ी कम हो रही है, भारत में अब भी इसमें रुचि बनी हुई है. लेकिन हाल ही में सरकार ने इस योजना को लेकर कुछ कड़े नियम बनाए हैं अब कंपनियों को चौथे साल में 5,000 करोड़ और पांचवें साल में 7,500 करोड़ रुपये की कमाई दिखानी होगी. अगर कोई कंपनी ये लक्ष्य नहीं पूरा कर पाती, तो उसे 3% तक जुर्माना देना पड़ सकता है.

इस बीच टेस्ला को दुनियाभर में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. 2025 की पहली तिमाही में उसकी गाड़ियों की डिलीवरी में 13% की गिरावट आई और मुनाफा 71% तक गिर गया. यह पिछले 10 सालों में पहली बार है जब टेस्ला की वार्षिक डिलीवरी घटी है. 

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