अमेरिका-चीन में व्यापार युद्ध पर ब्रेक, ट्रंप ने बढ़ाई समझौते की उम्मीद
डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर 145% शुल्क रोक को 90 दिन और बढ़ाया है। सोने के आयात को छूट भी दी है। इस तरह वार्ता और व्यापारिक तनाव में नरमी के संकेत दिए हैं।;
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी आयात पर लगाए गए शुल्क को लेकर चल रही रोक (मोरेटोरियम) को 90 दिनों के लिए बढ़ा दिया। यह फैसला ठीक उसी दिन लिया गया जब मई में थोड़े समय के लिए लगाए गए 145% शुल्क पर शुरुआती 90 दिन की रोक खत्म होने वाली थी।व्हाइट हाउस के जेम्स एस. ब्रैडी प्रेस ब्रीफिंग रूम में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने यह घोषणा की। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक अज्ञात व्हाइट हाउस अधिकारी ने बताया कि ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर इस समझौते को 9 नवंबर तक बढ़ा दिया है।
मई में हुआ था अस्थायी समझौता
मई में स्वीडन में हुई बातचीत के बाद अमेरिका और चीन ने एक अस्थायी समझौता किया था, जिसके तहत ट्रंप ने चीनी वस्तुओं पर शुल्क 145% से घटाकर 30% कर दिया था। इसमें 10% मूल शुल्क और 20% अतिरिक्त दंड शामिल था, जो चीन से आने वाले फेंटानिल आयात पर लागू होता था। बदले में चीन ने अपने 125% के प्रतिशोधी शुल्क को घटाकर 10% करने और दुर्लभ पृथ्वी खनिज मैग्नेट के निर्यात पर लगी रोक हटाने पर सहमति दी थी।
दोनों देशों ने दिए थे संकेत
पिछले कुछ दिनों से दोनों देशों के अधिकारियों ने इस रोक को बढ़ाने के संकेत दिए थे। सोमवार को व्हाइट हाउस में ट्रंप ने कहा, देखते हैं आगे क्या होता है, हमारे रिश्ते बहुत अच्छे हैं राष्ट्रपति शी और मेरे बीच समझदारी बनी हुई है। वहीं, सोमवार सुबह चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा, “हमें उम्मीद है कि अमेरिका, दोनों देशों के प्रमुखों के बीच जून में हुई फोन वार्ता के दौरान बने महत्वपूर्ण सहमति बिंदुओं का पालन करेगा।
आगे क्या देखना होगा
रविवार को ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर चीन से आग्रह किया कि वह अमेरिकी सोयाबीन की खरीद चार गुना कर दे। वर्तमान में चीन अमेरिका के सोयाबीन का सबसे बड़ा खरीदार है, लेकिन जुलाई के अंत तक आने वाली फसल के लिए कोई ऑर्डर बुक नहीं किया गया है।
सोने के आयात पर राहत
ट्रंप ने सोमवार को यह भी घोषणा की कि सोने के आयात पर कोई शुल्क नहीं लगाया जाएगा। यह फैसला इसलिए अहम था क्योंकि कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन ने हाल ही में 1 से 100 किलो के सोने की छड़ों पर शुल्क लगाने की संभावना जताई थी, जिससे बाजार में चिंता फैल गई थी।
चीन पर शुल्क रोक को बढ़ाना, ट्रंप की व्यापार नीति में हालिया यू-टर्न में से एक है। इससे पहले अप्रैल में उन्होंने “लिबरेशन डे” पर व्यापक “पारस्परिक शुल्क” लगाने की धमकी दी थी। अधिकांश अमेरिकी व्यापारिक साझेदारों के लिए लगाए गए शुल्कों पर पहली रोक बीते गुरुवार को हटा दी गई, जिससे औसत शुल्क दर 18% से ऊपर पहुंच गई—यह 1934 के बाद का उच्चतम स्तर है। इस दौरान जापान, दक्षिण कोरिया और यूरोपीय संघ जैसे देशों ने अमेरिका के साथ अलग-अलग व्यापार समझौते कर लिए।
ट्रंप ने पिछले सप्ताह भारत पर भी 50% शुल्क लगाने की घोषणा की थी, जो पहले की दर से दोगुना है। इसके पीछे भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद को आंशिक कारण बताया गया। उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने रविवार को फॉक्स न्यूज़ पर चेतावनी दी कि रूस से तेल खरीदने के लिए चीन पर भी अतिरिक्त शुल्क लगाया जा सकता है।