लंदन स्पॉट मार्केट में सिल्वर की कमी खत्म, अमेरिका-चीन की खेप बनी गेमचेंजर

अमेरिका- चीन से सिल्वर के बड़े प्रवाह ने लंदन मार्केट में तरलता बढ़ाई जिसकी वजह से कीमतें स्थिर हुईं। लेकिन भारत और यूके के बीच आपूर्ति की प्रतिस्पर्धा जारी है।

Update: 2025-10-21 04:46 GMT

पिछले हफ्ते अमेरिका और चीन से लंदन के स्पॉट मार्केट में सिल्वर के बड़े प्रवाह ने दुनिया के सबसे बड़े ओवर-द-काउंटर कीमती धातु व्यापार केंद्र में तरलता की कमी को कम कर दिया है। ट्रेडर्स और विश्लेषकों के अनुसार, इस कदम से लंदन में सिल्वर की तंगी और ऊँची कीमतों पर नियंत्रण पाया गया है।

लंदन मार्केट में उपलब्ध धातु की कमी ने एक सप्ताह पहले सिल्वर की कीमतों को अमेरिकी कॉमेक्स फ्यूचर्स की तुलना में प्रीमियम पर पहुंचा दिया था। इस वजह से हवाई मार्ग से डिलीवरी, जो आमतौर पर महंगे सोने के लिए होती है, अब सिल्वर विक्रेताओं के लिए लाभकारी साबित हुई। बाजार पर नजर रखने वालों जानकारों का कहना है कि मुख्य दबाव अब कम हो गया है। पिछले हफ्ते लगभग 15 मिलियन से 20 मिलियन ट्रॉय औंस (311-467 मीट्रिक टन) अमेरिकी धातु लंदन पहुंची।

सिल्वर की कीमतों और उधार दरों का रिकॉर्ड

जानकारों के अनुसार, अमेरिका और चीन से कम से कम 1000 टन सिल्वर लंदन के वॉल्ट्स में जमा हुआ है। लंदन मार्केट में धातु की कमी, सोने की बढ़ती कीमतें और भारत में मजबूत खरीदारी ने शुक्रवार को सिल्वर की बेंचमार्क कीमत को ट्रॉय औंस के $54.47 पर रिकॉर्ड बनाया। सोमवार को यह कीमत 52 डॉलर के नीचे थी।इसी दौरान, लंदन में शॉर्ट-टर्म सिल्वर उधार दरें 10 अक्टूबर के रिकॉर्ड स्तर से शुक्रवार तक घट गईं।

लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन के अनुसार, सितंबर अंत तक लंदन के वॉल्ट्स में अलॉटेड और अनअलॉटेड सिल्वर मिलाकर 24,581 टन धातु जमा थी, जिसकी कुल कीमत $36.5 बिलियन थी।

मॉर्गन स्टेनली की कमोडिटीज के अनुसार अधिकांश लंदन इन्वेंट्रीज़ "सिल्वर-बैक्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETFs) के लिए पहले से रिज़र्व हैं। कंसल्टेंसी मेटल्स फोकस का अनुमान है कि सितंबर अंत तक लंदन वॉल्ट्स में रखे गए सिल्वर का 83% ETFs के लिए अलॉट किया जा चुका था।

कॉमेक्स वेयरहाउस से सिल्वर का प्रवाह

अमेरिका के कॉमेक्स वेयरहाउस से 3 अक्टूबर को 16,543 टन (531.9 मिलियन ट्रॉय औंस) के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचने के बाद अब तक लगभग 697 टन सिल्वर बाहर गया है। कॉमेक्स इन्वेंट्री में इस साल की शुरुआत में अमेरिकी आयात शुल्कों को लेकर अनिश्चितता के कारण वृद्धि हुई थी। अमेरिकी स्टॉक्स के आउटफ्लो की आगे की मांग इस महीने संभावित क्रिटिकल मिनरल्स पर आयात शुल्क की जांच के नतीजों पर निर्भर करेगी।

यूके और भारत के बीच आपूर्ति की प्रतिस्पर्धा

एक चीन-केंद्रित कीमती धातु व्यापारी के अनुसार पिछले हफ्ते लगभग 100-150 टन सिल्वर चीन से निकला जो मैक्सिको के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सिल्वर उत्पादक है। हालांकि सभी चीनी धातु लंदन नहीं जा रही थी क्योंकि ब्रिटेन को भारत के साथ प्रतिस्पर्धा करनी पड़ रही थी। भारत, दुनिया का सबसे बड़ा उपभोक्ता, अपने उत्सव के मौसम के कारण उपलब्ध आपूर्ति की कमी का सामना कर रहा है। मेटल्स फोकस के अनुसार भारत में प्रीमियम्स अभूतपूर्व स्तर तक बढ़ गए हैं, जिससे हवाई मार्ग से डिलीवरी में वृद्धि हुई है।

शंघाई फ्यूचर्स एक्सचेंज में सिल्वर की कमी

शंघाई फ्यूचर्स एक्सचेंज द्वारा मॉनिटर किए गए गोदामों में सिल्वर की इन्वेंट्री पिछले हफ्ते 249 टन घटकर 920 टन रह गई, जो मई के बाद सबसे कम है। यह पिछले 11 सालों में सबसे बड़ा साप्ताहिक आउटफ्लो था।

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